रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजनीति में बस्तर हमेशा केंद्र में रहा है. जिसने बस्तर फतह की, उसने ही छत्तीसगढ़ में शासन किया. बीते कई विधानसभा चुनावों के आंकड़े यहीं बता रहे हैं. साल 2018 के विधानसभा चुनावों का रिजल्ट ऐतिहासिक रहा. यहां की 12 सीटों में से कांग्रेस को 11 सीटें मिली. भाजपा ने दंतेवाड़ा सीट जीती. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों को दौरान विधायक भीमा मंडावी की हत्या कर दी गई. बाद में हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस ने ये सीट अपने नाम कर ली. इससे पहले 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से 11 सीटें जीती और सरकार बनाई. उससे पहले 2003 में भाजपा ने बस्तर में 8 सीटें जीती थी. ना सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि संयुक्त मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में साल 1998 में कांग्रेस ने बस्तर में 11 सीटें जीतकर सरकार बनाई.
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बस्तर संभाग में महिला वोटर्स की संख्या ज्यादा: छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों में से 29 सीटें आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं. बस्तर संभाग में कुल 12 सीटें हैं, जिनमें 11 सीटें आदिवासी आरक्षित हैं. दंतेवाड़ा, चित्रकोट, बीजापुर, बस्तर, कोंटा, कांकेर, कोंडागांव, केशकाल, नारायणपुर, अंतागढ़ और भानुप्रतापपुर आरक्षित सीटें है, सिर्फ जगदलपुर ही सामान्य श्रेणी की सीट है. बस्तर में टोटल वोटर्स की संख्या 1928000 है, जिनमें महिला वोटर्स की संख्या ज्यादा है. बस्तर में ना सिर्फ महिलाओं की संख्या ज्यादा है, यहां महिलाएं वोट भी बढ़चढ़कर देती है. संभाग में 1094140 महिला और पुरुष 833860 है. यानी 260280 महिलाएं संभाग में ज्यादा है. जिनसे किसी भी नेता और पार्टी का भविष्य तय होता है.
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16 सीटों पर महिलाओं का कब्जा: ना सिर्फ बस्तर संभाग बल्कि छत्तीसगढ़ के 14 जिलों में भी महिला वोटर्स की संख्या पुरुष वोटर्स के मुकाबले ज्यादा है. यहां महिलाएं निर्णायक भूमिका में हैं. ना सिर्फ वोटर्स बल्कि विधानसभा में भी महिलाओं की स्थिति अच्छी है. राज्य गठन के समय पहली विधानसभा में केवल छह महिला सदस्य थीं. दूसरी विधानसभा 2003 में भी छह महिला सदस्य थीं. तीसरे विधानसभा 2008 में 12 और चौथी विधानसभा 2013 में 10 महिला सदस्य रहीं. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में 13 सीटें, महिलाओं ने जीती. इसके बाद हुए दो उप चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की. जिसमें महिला उम्मीदार जीतीं. उसके बाद एक और सीट पर कांग्रेस की महिला उम्मीदवार जीतीं. इस तरह साल 2003 से लेकर अब तक हुए विधानसभा चुनाव में कुल 40 महिला विधायक सूबे में चुनी जा चुकी हैं. वर्तमान में प्रदेश की 90 विधानसभा सीट में 16 सीटों पर महिलाएं काबिज हैं.