हैदराबाद : महाराष्ट्र की औरंगाबाद-जालना रेल लाइन पर भयंकर हादसा हुआ. हादसे में ट्रेन की चपेट में आने से 16 मजदूरों की मौत हो गई. ट्रैक पर सो रहे मजदूर मालगाड़ी की चपेट में आ गए. कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के बीच ये प्रवासी श्रमिक अपने मूल स्थान पर वापस लौटने का प्रयत्न कर रहे थे.
इस तरह ऐसे हादसे पहले भी कई बार हो चुके हैं. आइए उनपर एक नजर डालते हैं.
उत्तर प्रदेश, इटावा : राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से चार लोगों की मौत हो गई थी. यह हादसा 10.06.2019 को हुआ था.
अमृतसर हादसा : अक्टूबर 2018 में इस हादसे में 62 लोगों की मौत हो गई थी और 72 लोग घायल हो गए थे. कई लोग रेल ट्रैक पर खड़े होकर रावण के पुतले को जलते देख रहे थे. अचानक एक ट्रेन आई और उनके ऊपर दौड़ गई. हादसा पंजाब के अमृतसर में जोदा फाटक पर हुआ था.
उत्तर प्रदेश, हरदोई : 05.11.2018 को रेल लाइन पर चार कर्मचारी काम कर रहे थे जब वह ट्रेन का शिकार हो गए.
विजयानगरम हादसा : नवंबर 2013 में आंध्र प्रदेश के विजयानगरम के पास हुए इस हादसे में 10 लोगों की जान गई थी. बोकारो एक्सप्रेस ट्रेन बोकारो की तरफ बढ़ रही थी. इस दौरान यह अफवाह फैल गई कि ट्रेन की एक बोगी में आग लग गई है. कई लोग चैन खींचकर ट्रेन से कूद गए. अंधेरा होने के कारण उन्हें दूसरी तरफ से आती हुई ट्रेन नहीं दिखी और 10 लोग ट्रेन की चपेट में आ गए.
धमारा घाट हादसा : अगस्त 2013 में बिहार के धमारा घाट स्टेशन पर कई लोग रेल की पटरियों पर बैठेकर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. हादसे में 37 लोगों की मौत हुई थी. यह स्टेशन बिहार के खगड़िया जिले में है.
बिहार, कैमूर : पांच लोग रेल लाइन को पार करने की कोशिश कर रहे थे जब वह ट्रेन का शिकार हो गए.
2.11.2013 : कई लोग रेल लाइन पर खड़े होकर आतिशबाजी देख रहे थे जब त्रिवेंद्रम-कोझिकोड जन शताब्दी एक्सप्रेस उनके ऊपर से गुजर गई. हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई थी और एक व्यक्ति घायल हुआ था.