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प्लास्टिक वेस्ट सेग्रीगेशन में अम्बिकापुर का दबदबा, ऐसे किया कमाल

नगर निगम में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के काम की उपलब्धि ऐसी है कि लगातार इनोवेशन के जरिए अम्बिकपुर उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है. प्लास्टिक के रिसाइकिल और रीयूज में अम्बिकपुर नगर निगम ने कमाल कर दिया है. किसी भी काम में मानव संसाधन कितना उपयोगी साबित हो सकता है ये अम्बिकापुर ने साबित करके दिखाया है.

plastic waste segregation
प्लास्टिक वेस्ट सेग्रीगेशन में अम्बिकापुर का दबदबा
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Published : May 24, 2023, 11:21 PM IST

Updated : May 25, 2023, 10:04 PM IST

प्लास्टिक वेस्ट सेग्रीगेशन में अम्बिकापुर का दबदबा

अम्बिकापुर : नगर निगम में स्वच्छता दीदियों ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में ऐसा काम करके दिखाया है कि इनके आगे मशीन भी फेल हैं. स्वच्छता दीदियों के माध्यम से प्लास्टिक वेस्ट को 63 केटेगरी में सेग्रीगेट किया जा रहा है. इसका फायदा यह हुआ कि प्लास्टिक कचरा महज 10 से 15 परसेंट ही बच रहा है. बाकी का करीब 85 फीसदी प्लास्टिक वेस्ट रिसाइक्लिंग प्रोसेस के जरिए दाना बनाकर प्लास्टिक निर्माण कंपनियों को महंगे दाम पर बेचा जा रहा है. कंपनियां इस प्लास्टिक दाने का दोबारा उपयोग प्लास्टिक के नए नए सामान बनाने में कर रही हैं.

plastic waste segregation
प्लास्टिक वेस्ट सेग्रीगेशन
प्लास्टिक वेस्ट से 1 करोड़ से अधिक की आमदनी: वर्ष 2017 से अब तक अम्बिकापुर नगर निगम को कुल 1260 टन प्लास्टिक वेस्ट कलेक्ट हुआ. इसमें से रिफ्यूज के रूप में महज 175 टन प्लास्टिक ही सीमेंट प्लांट को बेचा गया है, जो कुल प्लास्टिक का करीब 14 परसेंट है. रिफ्यूज प्लास्टिक से अब तक महज 2 से ढाई लाख रुपए की ही आमदनी हुई है जबकी प्लास्टिक के रिसाइक्लिंग से 1 करोड़ 5 लाख की आमदनी हो चुकी है. इतनी अधिक आमदनी का कारण यह है कि यहां 63 प्रकार के प्लास्टिक को अलग अलग किया गया और उच्च गुणवत्ता वाले प्लास्टिक को अच्छे दाम पर बेचा गया.
plastic waste segregation
प्लास्टिक वेस्ट सेग्रीगेशन

यह भी पढ़ें-

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  2. Raipur News : रायपुर निगम के तीन अफसर ट्रांसफर, यूनीपोल घोटाले से जुड़ा है नाम
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बिना मशीन ही छांट रहीं 63 कैटेगरी में प्लास्टिक वेस्ट: स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी ऋतेश सैनी बताते हैं कि "कोई भी मशीन इस लेवल का सेग्रीगेशन नहीं कर सकती है, जिस लेवल पर स्वच्छता दीदी खुद प्लास्टिक को अलग अलग कैटेगरी में बांटती हैं. मशीनों से प्लास्टिक छांटने पर 50 परसेंट के आसपास ही प्लास्टिक रीयूज हो पाती है. बाकी का 50 परसेंट प्लास्टिक रिफ्यूज हो जाता है. यही वजह है कि अम्बिकपुर में आने वाली प्लास्टिक का 85 परसेंट हम रीयूज करते हैं और महज 15 परसेंट ही रिफ्यूज होता है."

plastic waste segregation
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट
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प्लास्टिक वेस्ट सेग्रीगेशन
देश के पहले गार्बेज कैफे जैसी योजना: अम्बिकापुर नगर निगम ने प्लास्टिक के दुरुपयोग को रोकने और इसके सही इस्तेमाल के कई अनूठे प्रयास किए हैं. देश का पहला गार्बेज कैफे अम्बिकपुर नगर निगम ने खोला. यह गार्बेज कैफे प्लास्टिक के शहर में फैलाव को रोकने के लिए खोला गया. वेस्ट प्लास्टिक के बदले खाना देने की योजना शुरू की गई. दुनिया भर में इस कार्य की सराहना भी हुई. आज भी अम्बिकपुर में गार्बेज कैफे संचालित है, जहां आप प्लास्टिक के बदले फ्री में खाना ले सकते हैं.

प्लास्टिक वेस्ट सेग्रीगेशन में अम्बिकापुर का दबदबा

अम्बिकापुर : नगर निगम में स्वच्छता दीदियों ने सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में ऐसा काम करके दिखाया है कि इनके आगे मशीन भी फेल हैं. स्वच्छता दीदियों के माध्यम से प्लास्टिक वेस्ट को 63 केटेगरी में सेग्रीगेट किया जा रहा है. इसका फायदा यह हुआ कि प्लास्टिक कचरा महज 10 से 15 परसेंट ही बच रहा है. बाकी का करीब 85 फीसदी प्लास्टिक वेस्ट रिसाइक्लिंग प्रोसेस के जरिए दाना बनाकर प्लास्टिक निर्माण कंपनियों को महंगे दाम पर बेचा जा रहा है. कंपनियां इस प्लास्टिक दाने का दोबारा उपयोग प्लास्टिक के नए नए सामान बनाने में कर रही हैं.

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प्लास्टिक वेस्ट सेग्रीगेशन
प्लास्टिक वेस्ट से 1 करोड़ से अधिक की आमदनी: वर्ष 2017 से अब तक अम्बिकापुर नगर निगम को कुल 1260 टन प्लास्टिक वेस्ट कलेक्ट हुआ. इसमें से रिफ्यूज के रूप में महज 175 टन प्लास्टिक ही सीमेंट प्लांट को बेचा गया है, जो कुल प्लास्टिक का करीब 14 परसेंट है. रिफ्यूज प्लास्टिक से अब तक महज 2 से ढाई लाख रुपए की ही आमदनी हुई है जबकी प्लास्टिक के रिसाइक्लिंग से 1 करोड़ 5 लाख की आमदनी हो चुकी है. इतनी अधिक आमदनी का कारण यह है कि यहां 63 प्रकार के प्लास्टिक को अलग अलग किया गया और उच्च गुणवत्ता वाले प्लास्टिक को अच्छे दाम पर बेचा गया.
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प्लास्टिक वेस्ट सेग्रीगेशन

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बिना मशीन ही छांट रहीं 63 कैटेगरी में प्लास्टिक वेस्ट: स्वच्छ भारत मिशन के नोडल अधिकारी ऋतेश सैनी बताते हैं कि "कोई भी मशीन इस लेवल का सेग्रीगेशन नहीं कर सकती है, जिस लेवल पर स्वच्छता दीदी खुद प्लास्टिक को अलग अलग कैटेगरी में बांटती हैं. मशीनों से प्लास्टिक छांटने पर 50 परसेंट के आसपास ही प्लास्टिक रीयूज हो पाती है. बाकी का 50 परसेंट प्लास्टिक रिफ्यूज हो जाता है. यही वजह है कि अम्बिकपुर में आने वाली प्लास्टिक का 85 परसेंट हम रीयूज करते हैं और महज 15 परसेंट ही रिफ्यूज होता है."

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सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट
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प्लास्टिक वेस्ट सेग्रीगेशन
देश के पहले गार्बेज कैफे जैसी योजना: अम्बिकापुर नगर निगम ने प्लास्टिक के दुरुपयोग को रोकने और इसके सही इस्तेमाल के कई अनूठे प्रयास किए हैं. देश का पहला गार्बेज कैफे अम्बिकपुर नगर निगम ने खोला. यह गार्बेज कैफे प्लास्टिक के शहर में फैलाव को रोकने के लिए खोला गया. वेस्ट प्लास्टिक के बदले खाना देने की योजना शुरू की गई. दुनिया भर में इस कार्य की सराहना भी हुई. आज भी अम्बिकपुर में गार्बेज कैफे संचालित है, जहां आप प्लास्टिक के बदले फ्री में खाना ले सकते हैं.
Last Updated : May 25, 2023, 10:04 PM IST
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