एक अंगूठे के सहारे खुद अपना भविष्य लिख रही करीना, जमुई की इस दिव्यांग बच्ची के हाथों में नहीं हैं अंगुलियां - दिव्यांग बच्ची करीना को लिखने पढ़ने का जुनून
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जमुई के नक्सल प्रभावित पिछड़े इलाके की होनहार दिव्यांग बच्ची करीना (Jamui Divyang Girl Kareena) को लिखने पढ़ने का जुनून ऐसा है कि वो हाथ की अंगुलियों के बगैर ही धड़ल्ले से लिखती और पढ़ती है. पूछने पर बेधड़क कहती है, मुझे बस डॉक्टर बनना है. समाज की सेवा करनी है. करीना के जन्म से ही उसके दोनों हाथ में मात्र एक अंगूठा है. खैरा प्रखंड के जमुई सोनो मार्ग पर स्थित कगेश्वर गांव निवासी अजय राम की 10 वर्षीय बेटी करीना उत्क्रमित मध्य विद्यालय नीचला टोला में छठी क्लास में पढ़ती है. करीना के बाऐं हाथ में सिर्फ एक अंगूठा है, लेकिन अपने रोजमर्रा के काम वो खुद ही करती है. करीना की मां सुमन देवी बताती है कि डॉक्टर को दिखाया था तो डॉक्टर ने हाथ काटने को कहा था. डॉक्टर का कहना है की प्लास्टिक का हाथ लगाना पड़ेगा. उन्होंने डॉक्टर की बात नहीं मानी कि अगर अपनी बेटी का हाथ भी कटवा दिया तो वो उनपर पर निर्भर हो जाऐगी. कम से कम आज वह अपना काम तो खुद ही करती है.