मोतिहारीः कला प्रेमियों ने विलुप्त हो रहे चैतावर को पुनर्जीवित करने का शुरू किया प्रयास - चैता
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मोतिहारी भारतीय संस्कृति में मनोरंजन के लिए हिन्दी मास के अनुसार अलग-अलग लोक परम्पराओं के लिए प्रचलित है. जिनमें से कुछ विलुप्त होने की कगार पर है. लेकिन कुछ कला प्रेमियों ने विलुप्त हो रहे लोक उत्सव और लोक गीतों को पुनर्जीवित करने का प्रयास शुरू किया गया है. उसी लोक परम्पराओं में "चैता" भी है. जो हिन्दी महीने के "चैत" में गाया जाता है. पूर्वी चंपारण जिला में 'चैता' लगभग समाप्त हो गया है. जिसको एक बार फिर से जिले के बंजरिया प्रखंड प्रमुख ने शुरू कराया है. चैत महीने की शुरुआत में "चैता" गाया जाता है. जिसमें भगवान शिव और राधा कृष्ण से संबंधित लोकगीत गाए जाते हैं.