खगड़िया: डीजल की बढ़ती कीमत से धान के किसानों की टूटी कमर, प्रति एकड़ 20 से 25 हजार तक बढ़ा खर्च
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पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत में बेतहाशा बढ़ोतरी ने हर वर्ग को बेहाल कर दिया है. खास कर इससे किसानों की कमर टूट गई है. कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे किसानों को डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने कमजोर करना शुरु कर दिया है. खेतों की जुताई, बुआई और रोपनी का काम सिर पर है. इन सबके बीच ट्रैक्टर और पम्पिंग सेटों का खर्चा आसमान पर पहुंच चुका है. इस साल अर्थव्यवस्था की सारी उम्मीदें कृषि पर टिकी है. ऐसे में डीजल की बढ़ती कीमत से अगर किसानों की परेशानी कम नहीं होती तो गांव ही नहीं शहर भी इसकी चपेट में आएंगे.