Bihar Heat Stroke : बक्सर में न जाने कौन सी बीमारी.. हर दिन उठ रही 70 से 80 लाशें, डॉक्टर नहीं मान रहे लू से मौत - Buxar civil surgeon
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बक्सर : बिहार के बक्सर में हर दिन 70 से 80 मौतें हो रही हैं. ये कहना है बक्सर डीएम का लेकिन स्वास्थ्य महकमा इसे मानने को तैयार नहीं है. वजह चाहे जो कुछ भी हो लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक 'लू' तो बिल्कुल नहीं हो सकती. जबकि हालात ये है कि श्मशान में वेटिंग लिस्ट टंग गई है. जैसा भयावह नजारा कोरोना काल में देखने को मिल रहा था ठीक वैसा ही मंजर अब है.सड़कों पर सायरन बजाती एंबुलेंस दौड़ रही है.सब जानना चाहते हैं कि आखिर वो कौन सी बला है जो इन जिंदगियों को लील रहा है. कोरोना है नहीं, टाइफाइड है नहीं, लू से मौतों की पुष्टि डॉक्टर कर नहीं रहे तो फिर क्यों और कैसे ये मौते हों रहीं हैं? डीएम साहब इसे प्राकृतिक आपदा बता रहे हैं. बक्सर के अस्पताल ठसा ठस भरे हुए हैं.बेड पर जगह नहीं है तो जमीन पर इलाज हो रहा है. डॉक्टर हैरान हैं. लू से मौतों पर सिविल सर्जन नकार चुके हैं. तो फिर ये कौन है जो काल बनकर बरस रहा है.जिसके आगे सब बेबस होकर.. हाथ बांधें खड़े हैं. डॉक्टर के पास लू से मौतों की पुष्टि का कोई पैमाना नहीं. साहब टेक्निकल जवाबों में सवालों को और उलझा देते हैं. लाशों के बीच इंसानों का इलाज हो रहा है. फिर सवाल वहीं अटक जाता है. कहीं ये कोई भयावह बीमारी तो नहीं जिसने पारा चढ़ने के साथ ही बक्सर में दस्तक दे दी है. हो सकता है अधिकारी लू का नाम लेने से बच रहे हैं.लेकिन जलती लाशें अपने पीछे की सारी अनकही कहानी छोड़े जा रही हैं.