Buxar News : सुखाड़ से मचा हाहाकार, फसलों के साथ सूखने लगी अन्नदाताओं की उम्मीद - ETV Bharat News
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बक्सर : बिहार के बक्सर में सुखाड़ से किसान परेशान हो गए हैं. इस बार मानसून के रूठ जाने से किसानों की उम्मीद अब टूटने लगी है. बक्सर और डुमराव अनुमंडल के कुल ग्यारह प्रखंडों में सुखाड़ से अकाल जैसी स्थिति बनने लगी है. खेतों में लगी धान एवं मक्के की फसलों के साथ किसानों की उम्मीदें भी सूखने लगी है.
बक्सर में सूखे को लेकर हाहाकार: जिले के कुल ग्यारह प्रखण्ड में 1 लाख 42 हजार किसान 1 लाख 6 हजार हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसल की खेती करते हैं. इसमें से सिर्फ 38 प्रतिशत किसानों ने धान की रोपनी है. लगभग 75 प्रतिशत किसानों ने दियारा इलाके में मक्के की फसल लगाई है. बारिश नहीं होने से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने का अब तक कोई ठोस उपाय नहीं किया गया है.
'जिले में सूखे की स्थिति भयावह' : किसानों की परेशानियों को लेकर सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने कहा कि प्रदेश के जल संसाधन मंत्री से लेकर, जिला अधिकारी, सोन कैनाल के अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर नहरों में पानी छुड़वाने का प्रयास कर रहा हूं. जिले में सूखे की स्थिति भयावह है. किसानों को 16 से 18 घण्टे कृषि फीडर से बिजली मिले इसको लेकर भी हमने जिलाधिकारी से बात की है.
किसान परेशान, क्या बोले जिलाधिकारी?: वहीं जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने बताया कि साल 2022 में भी इस तरह की स्थितियां बनी हुई थी. मात्र 18 फीसदी किसानों ने ही अब तक धान की रोपनी की थी. पिछले साल से इस साल की स्थिति कुछ बेहतर ही है. हालांकि वर्षा पिछले साल से कुछ कम हुआ है. उसके बाद भी लगतार यह प्रयास किया जा रहा है कि किसानों के खेतों में लगी फसल को बचाया जाए. नहरों में पानी को लेकर सोन बराज के अधिकारियों से बात हो रही है. साथ ही वैकल्पिक फसल को लेकर भी विचार विमर्श चल रहा है. किसानों को 12 घंटे बिजली दी जा रही है.