Sawan 2023: श्रृंगार रूप की पूजा के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़, भक्तिमय हुआ नीलकंठ नर्मदेश्वर मंदिर का नजारा
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बगहाः पश्चिमी चंपारण जिला के रामनगर स्थित प्रसिद्ध नीलकंठ नर्मदेश्वर महादेव के ऐतिहासिक शिव मंदिर में श्रद्धालु सच्चे दिल से पूजा अर्चना करने देश विदेश से आते हैं. ऐसी मान्यता है कि अगर सच्चे मन से कोई यहां भक्ति करे तो उन्हें मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है. आज सावन के दूसरे सोमवारी पर श्रृंगार रूप की पूजा हो रही है. लिहाजा यहां इंडो नेपाल सीमा क्षेत्र से होकर गुजरने वाली गंडक नारायणी नदी के त्रिवेणी संगम से कांवड़िया जालबोझी इस मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंच रहें हैं. नर्मदेश्वर नीलकंठ महादेव मंदिर में जलाभिषेक करने के लिए सुबह से भक्तों का तांता लगा है. बता दें की इस विशाल ऐतिहासिक शिव मंदिर के पांच गुम्बंद में एक 185 फीट उचां जबकि चार 100 फीट ऊंचा है. सबसे ऊंचे बीच वाले मंदिर के गर्भ गृह में प्राचीन शिव लिंग औऱ अन्य चार मंदिर के भीतर गणेश भगवान, दुर्गा माता, सूर्य, विष्णु भगवान की प्रतिमा स्थापित है. यह नीलकंठ नर्मदेश्वर महादेव मंदिर अनमोल धार्मिक सांस्कृतिक धरोहरो से लबरेज़ है। रामनगर राज परिवार के सेन वंशी राजा प्रह्लाद सेन ने सन 1879 में इस मंदिर की नीव रखी थी. मंदिर के पुजारी कपिलदेव उपाध्याय ने बताया की आज दूसरे सोमवारी पर भगवान शिव के श्रृंगार रूप की पूजा और आरती की जा रही है. नतीजतन हजारों की संख्या में श्रद्धालु विभिन्न जगहों से गंगाजल की जलबोझी कर यहां जलाभिषेक करने और भगवान शिव के श्रृंगार रूप का दर्शन करने पहुंच रहे हैं. ऐसा माना जाता है कि श्रवण मास के किसी भी दिन महादेव की पुजा अर्चना करने से परिवार के साथ साथ जग कल्याण होता है. इसके साथ हीं श्रृंगार रूप की पूजा से मनोवांछित फल मिलते हैं.