भिखारी ठाकुर को देवता मानने वाले शिष्य ने कहा- वो कहते थे, मैं नहीं रहूंगा तो खूब याद करोगे - ramchandra manjhi
🎬 Watch Now: Feature Video

छ्पराः भोजपुरी के शेक्सपिअर कहे जाने वाले भिखारी ठाकुर आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं. लेकीन उनकी अमर रचनाएं गबर घिचोर, और विदेशिया जैसी कई रचनाएं आज भी लोगों की जबान पर है. इस आपाधापी और भागम-भाग के दौर में इन कृतियों को जानने वाले कम ही लोग बचे हैं. लेकिन छपरा के तुजारपुर गांव के रहने वाले 93 वर्षीय रामचंद्र मांझी उन्हें अपना गुरू और भोजपुरी का देवता मानते हैं. वो भिखारी ठाकुर की नाच मंडली में काम करने वालों मे से एक हैं.