बेतिया: पश्चिमी चंपारण (West Champaran) जिले के गौनाहा में एक बार फिर पंडई नदी (Pandai River) ने अपना रौद्र रूप दिखाया है. पंडई नदी का कहर गौनाहा प्रखंड के कई गांवों में देखने को मिल रहा है. कई गांव टापू बने हुए हैं. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश (Heavy Rain) की वजह से पंडई नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.
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कई लोगों के घर पानी में समाए
नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण मुरली भरहवा गांव (Murli Bharhwa Village) के दो घर नदी में विलीन हो गए, तो वहीं चार घर पानी घुसने की वजह से गिर गए. पंड़ई नदी की चपेट में मुरली भरहवा गांव के झगडू पटेल का घर भी आ गया. आज झगडू पटेल का परिवार दाने-दाने को मोहताज है. रात को सोने के लिए किसी और के घर जाना पड़ता है. पैसे इतने नहीं हैं कि दोबारा वह अपनी झोपड़ी तैयार कर सके.
झगडू पटेल ने बताया, "पंड़ई नदी ने उनका घर पूरी तरह से तबाह कर दिया है. उनका झोपड़ीनुमा घर जमींदोज हो गया है. घर में रखा अनाज पानी में बह गया है. खाने के लिए उनके पास कुछ नहीं है. वहीं रहने की लिए घर तक नहीं हैं. छोटे-छोटे बच्चे हैं उनका पेट पालने के लिए गांव में लोगों से मांगकर खिलाना पड़ता है. रात को सोने के लिए दूसरे के घर में जाना पड़ता है. पैसे इतने नहीं हैं कि दोबारा झोपड़ी बनाया जा सके."
अब झगडू पटेल राहत का इंतजार कर रहे हैं. उनका कहना है इस गांव में हुई तबाही को देखने कोई नहीं आता, ना जनप्रतिनिधि और ना ही कोई अधिकारी.
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हर साल कहर बरपाती है पंडई नदी
बता दें कि पंडई नदी हर साल कहर बरपाती है. इसके बावजूद भी प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है. गौनाह प्रखंड में आई बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है कि लोग बेघर और लाचार हो गए हैं. कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. पंडई नदी के कहर के कारण लोग सड़क किनारे खानाबदोश की जिंदगी बिताने को मजबूर हैं. ऐसे में जिला प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है. मुरली भरहवा गांव हर साल बाढ़ की चपेट में आता है और पंडई नदी इस गांव पर कहर बरपाती है. इसके लिए जिला प्रशासन को चाहिए कि मुरली भरहवा गांव के किनारे पक्के ठोकर का निर्माण हो ताकि इस गांव को बचाया जा सके.