बेतिया ( वाल्मीकिनगर ) : पिपरा-पिपरासी (पीपी) तटबंध ( PP Embankment ) घोर लापरवाही का दंश झेल रहा है. तटबंध के आठ किलोमीटर के दायरे में 145 जगहों पर रिसाव ( Leakage in PP Embankment ) हो रहा है, लेकिन प्रशासन इसपर कोई सुध नहीं ले रहा है. स्थानीय ग्रामीणों ने स्थानीय प्रशासन और संवेदक पर मिलीभगत के जरिए लापरवाही का आरोप लगाया है.
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मरम्मति के नाम पर खानापूर्ति
पीपी तटबंध की मरम्मती के लिए हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन बावजूद इसके तटबंध पर हर साल खतरा मंडराता है. बरसात से पहले तटबंध को मजबूत करने के लिए 14 हजार बालू भरी बोरियों का स्टॉक किया गया है. लेकिन बरसात की शुरुआत में ही 7044 बोरियों का इस्तेमाल कर लिया गया है. चिंता इस बात की है अब बचे-खुचे बोरियों के भरोसे यह तटबंध पूरा बरसात कैसे झेलेगा?
बोरियों में बालू की जगह मिट्टी
प्रशासन लोगों की सुरक्षा के प्रति कितना जिम्मेदार है, इसका बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बोरियों में बालू जगह मिट्टी भर दिया गया है. बावजूद इसके हर बोरी में मानक से कम भराई की गई है. इन सब को लेकर विभाग और संवेदक को जहां जिम्मेदार माना जा रहा है, वहीं कर्मियों की कमी के कारण भी तैयारियां लचर दिख रही है.
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निगरानी के सारे पद खाली
पिपरासी तटबंध की सुरक्षा और निगरानी के लिए दो एसडीओ और चार जेई की आवश्यकता है, लेकिन इस समय एक भी अभियंता की नियुक्ति नहीं है. सभी पद खाली पड़े हुए है. केवल मधुबनी क्षेत्र से एक एसडीओ और एक जेई की प्रतिनियुक्ति की गई है.
बाढ़ संघर्षात्मक बल के अध्यक्ष ने किया निरीक्षण
बता दें कि बाढ़ संघर्षरात्मक बल के अध्यक्ष मो. अब्दुल हमीद ने सोमवार को तटबंध के शून्य प्वाइंट से 35 किमी तक के दायरे का निरीक्षण किया है. बांध पर पड़ रहे दवाब सहित क्षति की संभावना को देखते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया. इस दौरान कार्यपालक अभियंता महेश्वर शर्मा, प्रमुख यशवंत नारायण यादव, जेई सहित अन्य उपस्थित थे.
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दो महीने पहले बना पुस्ता बहा
बता दें कि तटबंध से पानी का रिसाव होने के कारण तटबंध पर होने वाले खतरों को देखते हुए सिंचाई विभाग ने तटबंध के टीआरएल के चार किमी की दूरी पर 6 लाख की लागत से पुस्ता का निर्माण कराया था. लेकिन बरसात की शुरुआत में ही पुस्ता बह गया. स्थानीय लोगों ने इसके लिए भी संवेदक और विभागीय कर्मियों को जिम्मेदार ठहराया है.