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बेतिया में CM नीतीश के आदेश की अवहेलना, टापू में तब्दील विशंभरपुर गांव के लोगों को नहीं मिली सरकारी नाव

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Published : Oct 8, 2022, 1:10 PM IST

बिहार के सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की मदद के लिए अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश दिए थे. बावजूद इसके बाढ़ पीड़ितों को कोई सहायता अभी तक नहीं मिली है. मामला बेतिया ( Flood In Bettiah) के नौतन प्रखंड का है. ईटीवी भारत संवाददाता ने नाव से इलाके का जायजा लिया. पढ़ें.

Flood In Bettiah
Flood In Bettiah

बेतिया: वाल्मीकिनगर गंडक बैराज से शुक्रवार की सुबह लगभग 4 लाख 40 हजार 750 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया. जिसके बाद कई इलाके जलमग्न (Flood Water Entered In West Champaran) हो गए हैं. नौतन प्रखंड के भगवानपुर पंचायत का विशंभरपुर गांव पूरी तरह टापू में तब्दील (Vishambharpur village turned into an island) हो गया है. गांव चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है. लगभग चार सौ घर टापू में तब्दील हो गये हैं. लोगों को सरकारी मदद का इंतजार है.

पढ़ें- CM नीतीश ने गंडक बैराज का किया निरीक्षण, दिए कई निर्देश

बाढ़ पीड़ितों को मदद का इंतजार: लगभग दो हजार की आबादी वाला नौतन प्रखंड का भगवानपुर पंचायत के विशंभरपुर गांव की स्थिति बतदर हो गई है. बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है कि घर में रखा सारा अनाज खराब हो गया है. लोग गांव छोड़कर ऊंचे स्थान पर शरण लेने को मजबूर हैं. लेकिन सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं है कि लोग गांव से बाहर निकल सके. ऐसे में लोग प्राइवेट नाव का सहारा ले रहे हैं. फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं.

टापू में तब्दील हुआ विशंभरपुर गांव: नेपाल में भारी बारिश की वजह से गंड़क बराज से चार लाख चालीस हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ. जिसके बाद गंड़क का पानी नौतन प्रखंड में तबाही मचा रहा है. गांव में आने जाने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा है. अभी तक प्रशासन की तरफ से गांव में किसी भी प्रकार की राहत सामग्री नहीं पहुंचाई गई है. शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने गंडक बराज पर जायजा लिया था. अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए थे, लेकिन अभी तक अधिकारी इस गांव में नहीं पहुंचे हैं.

"गांव में सभी फंसे हैं. सरकारी नाव नहीं मिलने से हम सभी परेशान हैं. 400 घर और 2000 की आबादी है. चार दिन से ऐसे ही हम रह रहे हैं. हर साल की यही कहानी है."- ग्रामीण

"रास्ता भी नहीं है. पुलिया भी नहीं है. गांव से बाहर निकलने के लिए कोई साधन नहीं है. प्राइवेट नाव से हम बाहर निकल रहे हैं."- ग्रामीण

SSB कैम्प समेत निचले इलाकों में घुसा पानी: नेपाल में हो रही भारी बारिश से पश्चिम चंपारण में नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है. एक बार फिर जिले में हालात बिगड़ गए हैं. नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ, तो झंडू टोला स्थित एसएसबी कैंप में पानी घुस गया है. जिससे SSB जवानों की परेशानी बढ़ गई है.

नेपाल में बारिश, बिहार में बाढ़: इससे पहले, वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज नियंत्रण कक्ष की ओर से गंडक नदी में गुरुवार की रात 3 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. लिहाजा एहतियातन गंडक बराज के सभी 36 फाटकों को खोल दिया गया है और जल संसाधन विभाग ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. जलस्तर बढ़ने से गंडक नदी के निचले इलाकों खासकर चकदहवा, झंडू टोला और पिपरासी प्रखण्ड के सेमरा लबेदहा सहित कई क्षेत्रों में फिर से बाढ़ का पानी घुस गया है. एसएसबी ने झंडू टोला गांव के लोगों को कैम्प के सामने बांध पर सुरक्षित शरण दिया है. इतना ही नहीं वाल्मीकिनगर स्थित हवाई अड्डा भी जलमग्न हो गया है.

पहाड़ी नदियां उफान पर: दूसरी तरफ भारी बारिश के कारण पहाड़ी नदियां भी उफान पर हैं. यही वजह है कि नौरंगिया थाना अंतर्गत विटीआर जंगल से वाल्मीकिनगर जाने वाली बलजोरा पुल के पास सड़क पर दो फीट पानी लग गया है, जिससे आवागमन भी प्रभावित हो रहा है. भारी बारिश से उफनाई पहाड़ी नदी ने जंगल समेत सड़क को भी जलमग्न कर दिया है. जंगल में पानी लबालब भरा होने के कारण वन्य जीवों पर भी आफत आ गई है.



बेतिया: वाल्मीकिनगर गंडक बैराज से शुक्रवार की सुबह लगभग 4 लाख 40 हजार 750 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया. जिसके बाद कई इलाके जलमग्न (Flood Water Entered In West Champaran) हो गए हैं. नौतन प्रखंड के भगवानपुर पंचायत का विशंभरपुर गांव पूरी तरह टापू में तब्दील (Vishambharpur village turned into an island) हो गया है. गांव चारों तरफ से पानी से घिरा हुआ है. लगभग चार सौ घर टापू में तब्दील हो गये हैं. लोगों को सरकारी मदद का इंतजार है.

पढ़ें- CM नीतीश ने गंडक बैराज का किया निरीक्षण, दिए कई निर्देश

बाढ़ पीड़ितों को मदद का इंतजार: लगभग दो हजार की आबादी वाला नौतन प्रखंड का भगवानपुर पंचायत के विशंभरपुर गांव की स्थिति बतदर हो गई है. बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई है कि घर में रखा सारा अनाज खराब हो गया है. लोग गांव छोड़कर ऊंचे स्थान पर शरण लेने को मजबूर हैं. लेकिन सरकारी नाव की व्यवस्था नहीं है कि लोग गांव से बाहर निकल सके. ऐसे में लोग प्राइवेट नाव का सहारा ले रहे हैं. फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं.

टापू में तब्दील हुआ विशंभरपुर गांव: नेपाल में भारी बारिश की वजह से गंड़क बराज से चार लाख चालीस हजार क्यूसेक पानी डिस्चार्ज हुआ. जिसके बाद गंड़क का पानी नौतन प्रखंड में तबाही मचा रहा है. गांव में आने जाने के लिए नाव ही एक मात्र सहारा है. अभी तक प्रशासन की तरफ से गांव में किसी भी प्रकार की राहत सामग्री नहीं पहुंचाई गई है. शुक्रवार को सीएम नीतीश कुमार ने गंडक बराज पर जायजा लिया था. अधिकारियों को दिशा निर्देश भी दिए थे, लेकिन अभी तक अधिकारी इस गांव में नहीं पहुंचे हैं.

"गांव में सभी फंसे हैं. सरकारी नाव नहीं मिलने से हम सभी परेशान हैं. 400 घर और 2000 की आबादी है. चार दिन से ऐसे ही हम रह रहे हैं. हर साल की यही कहानी है."- ग्रामीण

"रास्ता भी नहीं है. पुलिया भी नहीं है. गांव से बाहर निकलने के लिए कोई साधन नहीं है. प्राइवेट नाव से हम बाहर निकल रहे हैं."- ग्रामीण

SSB कैम्प समेत निचले इलाकों में घुसा पानी: नेपाल में हो रही भारी बारिश से पश्चिम चंपारण में नदियों के जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है. एक बार फिर जिले में हालात बिगड़ गए हैं. नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ, तो झंडू टोला स्थित एसएसबी कैंप में पानी घुस गया है. जिससे SSB जवानों की परेशानी बढ़ गई है.

नेपाल में बारिश, बिहार में बाढ़: इससे पहले, वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज नियंत्रण कक्ष की ओर से गंडक नदी में गुरुवार की रात 3 लाख 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. लिहाजा एहतियातन गंडक बराज के सभी 36 फाटकों को खोल दिया गया है और जल संसाधन विभाग ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है. जलस्तर बढ़ने से गंडक नदी के निचले इलाकों खासकर चकदहवा, झंडू टोला और पिपरासी प्रखण्ड के सेमरा लबेदहा सहित कई क्षेत्रों में फिर से बाढ़ का पानी घुस गया है. एसएसबी ने झंडू टोला गांव के लोगों को कैम्प के सामने बांध पर सुरक्षित शरण दिया है. इतना ही नहीं वाल्मीकिनगर स्थित हवाई अड्डा भी जलमग्न हो गया है.

पहाड़ी नदियां उफान पर: दूसरी तरफ भारी बारिश के कारण पहाड़ी नदियां भी उफान पर हैं. यही वजह है कि नौरंगिया थाना अंतर्गत विटीआर जंगल से वाल्मीकिनगर जाने वाली बलजोरा पुल के पास सड़क पर दो फीट पानी लग गया है, जिससे आवागमन भी प्रभावित हो रहा है. भारी बारिश से उफनाई पहाड़ी नदी ने जंगल समेत सड़क को भी जलमग्न कर दिया है. जंगल में पानी लबालब भरा होने के कारण वन्य जीवों पर भी आफत आ गई है.



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