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PM, CM और सिस्टम पर उठा रहे सवाल, खुद जा चुके हैं जेल.. वायरल VIDEO से हड़कंप

पश्चिम चंपारण जिला के बगहा से एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें एक मेडिकल ऑफिसर (Gaunaha Medical Officer Dr Kamarujjama) पीएमओ से लेकर सीएमओ तक पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. इस वीडियो के सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमे में खलबली मच गई है.

मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर कमरुज्जमा
मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर कमरुज्जमा
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Published : Nov 18, 2022, 3:25 PM IST

बगहा: पश्चिम चंपारण जिला के रामनगर स्थित संजीवनी क्लीनिक के संचालक और गौनाहा में पदस्थापित मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर कमरुज्जमा (Dr Kamarujjama alleging on system) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल (Viral Video Of Medical Officer Dr Kamarujjama) हो रहा है, जिसमें चिकित्सा पदाधिकारी ने न केवल स्वास्थ्य विभाग के कारनामे उजागर किये हैं, बल्कि जिले के सबसे बड़े चिकित्सा अधिकारी और सीएमओ पर भी कई गंभीर आरोप लगाते हुए देश के पीएम तक के लिए भद्दी भाषा का इस्तेमाल किया है. हैरत कि बात तो ये है कि मेडिकल ऑफिसर खुद जेल जा चुके हैं. Etv bharat वायरल वीडियो के सही होने की पुष्टि नहीं करता है.

ये भी पढ़ेंः बगहा में अवैध नर्सिंग होम में मेडिकल टीम का छापा, मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ भागे फर्जी नीम-हकीम

मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर कमरुज्जमा

पीएमओ से लेकर सीएमओ तक को बताया चोरः दरअसल गौनाहा पीएचसी में बतौर एमओ पदस्थापित डॉ कमरुज्जमा के इस वीडियो में उन्होंने खुद पूर्व सीएस को तमाचा जड़ने के साथ-साथ अवैध हथियार से उनको डराने धमकाने तक का खुलासा किया है. इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग में एमओ से लेकर सीएमओ तक कि कुर्सी पर बैठने वालों को चोर और देश का गद्दार बताया है जिसके बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कम मच गया है. आपको बता दें कि पश्चिमी चंपारण जिला में अवैध नर्सिंग होम और झोला छाप डॉक्टरों का मकड़जाल फैला हुआ है. एक सरकारी चिकित्सक के नाम पर कई फर्जी क्लीनिक संचालित हो रहे हैं. इस बात की तस्दीक खुद सरकारी चिकित्सक डॉ कमरुज्जमा वायरल वीडियो में कर रहे हैं. इतना ही नहीं सिविल सर्जन पर पैसा लेकर अवैध नर्सिंग होम चलवाने का आरोप भी लगा रहे हैं.

अवैध नर्सिंग होम को लेकर प्रशासन संजीदाः पश्चिम चंपारण जिला में कुकुरमुत्ते की तरह अवैध नर्सिंग होम के जाल फैले हुए हैं. गली मोहल्लों में सरकारी डॉक्टरों का नेम प्लेट लगा कर झोलाछाप डॉक्टर सर्जरी जैसे गंभीर चिकित्सा को अंजाम दे रहे हैं. कई दफा इस तरह के निजी अस्पतालों में मरीजों के मरने की खबर भी आ चुकी है. जिसको लेकर जिला प्रशासन काफी संजीदा है. बगहा के नए एसडीएम डॉ अनुपमा सिंह ने आते ही अवैध और फर्जी चिकित्सकों को लेकर सघन छापेमारी अभियान चलाया है, क्योंकि बगहा की अनुमंडल पदाधिकारी पहले खुद भी एमबीबीएस (MBBS) एमएस(MS) रह चुकी हैं. नतीजतन उन्होंने इस मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए टीम गठित कर रामनगर में लगातार छापेमारी अभियान चलाया, जिसके तहत अब तक आधा दर्जन गैर निबंधित निजी नर्सिंग होम के संचालकों पर प्राथमिकी दर्ज हुई है और कई अवैध नर्सिंग होम सील भी किए गए हैं. इसी जांच के दौरान वैसे 7 महिलाओं का यूटरस भी निकालने का मामला सामने आया था, जिनकी उम्र 40 के करीब है जिसकी अभी जांच चल रही है.

आला अधिकारियों के बारे में कहा अपशब्द : इसी बीच अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौनाहा में कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल एक चिकित्सक कमरुज्जमा का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें यह डॉक्टर बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था और पूरे प्रशासनिक सिस्टम पर ही सवाल उठाते दिख रहे हैं. वायरल वीडियो में डॉक्टर कमरुज्जमा ने खुद स्वीकार किया है कि उनका चार पांच जगह क्लिनिक चलता है. जबकि सच्चाई यह है कि जिले में दर्जनों झोलाछाप डॉक्टर उनके नेम प्लेट का इस्तेमाल करते हैं. वीडियो में एमओ कमरुज्जमा को यह भी कहते सुना जा रहा है कि इस कृत्य के लिए उन पर कई मर्तबा प्राथमिकी दर्ज हुई है और तत्कालीन जिलाधिकारी लोकेश कुमार सिंह के कार्यकाल में वे 21 दिन जेल की सजा भी भुगत चुके हैं. इतना ही नहीं वायरल वीडियो में आला अधिकारियों के बारे में अपशब्द बोलने से भी इन्होंने गुरेज नहीं किया है. इन सबके अलावा इन्होंने वर्तमान सिविल सर्जन पर लाखों रुपये घूस लेकर अवैध नर्सिंग होम संचालित करने का सनसनीखेज आरोप भी लगाया है.

पूरे मामले की जांच का आश्वासनः इन पूरे मामले पर पश्चिम चंपारण के सिविल सर्जन वीरेंद्र कुमार चौधरी का कहना है कि कोई भी चिकित्सा पदाधिकारी 2 जगह से ज्यादा प्रैक्टिस नहीं कर सकता है. रही बात सर्जरी कि तो उसके लिए जिले में 28 नर्सिंग होम और अस्पताल रजिस्ट्रर्ड हैं. उनमें रामनगर स्थित संजीवनी क्लीनिक जो गौनाहा के चिकित्सा पदाधिकारी कमरुज्जमा चलाते हैं वह पूरी तरह अवैध है, शीघ्र ही उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. दूसरी ओर वायरल वीडियो में गौनाहा के एमओ डॉक्टर कमरुज्जमा ने सीएस पर अवैध उगाही और रुपये मांगने के जो आरोप लगाए गए हैं उसको सीएस ने सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि डेढ़ साल के कार्यकाल में अब तक उन्होंने किसी से एक रुपया भी नहीं लिया है. हालांकि सीएस भी इसे समझ से परे होने की बात कर जांच और कार्रवाई का भरोसा दिला रहे हैं.

"बगहा अनुमण्डल क्षेत्र के रामनगर में जन्मसिन बाई हिल स्टेशन प्राइवेट लिमिटेड व शिवम होमियो क्लिनिक को छोड़कर बाकी कोई भी निजी अस्पताल और क्लीनिक पंजीकृत व वैध नहीं हैं. जब प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई होती है उसके पहले ही इन फर्जी अस्पताल संचालकों को भनक लग जाती है और वे क्लिनिक छोड़ फरार हो जाते हैं"- डॉ. वीरेंद्र कुमार चौधरी, सिविल सर्जन

स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव का एक वाल्मीकीनगर दौराः तरफ इस वायरल वीडियो पर सिविल सर्जन की प्रतिक्रिया भी आ गई है और दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव का भी आज वाल्मीकीनगर दौरा है, तो ऐसे में इस गंभीर मामले पर उनका क्या रुख रहता है और सरकार समेत स्वास्थ्य विभाग इस मामले में कोई जांच और कार्रवाई करता भी है या नहीं यह देखने वाली बात होगी.

बगहा: पश्चिम चंपारण जिला के रामनगर स्थित संजीवनी क्लीनिक के संचालक और गौनाहा में पदस्थापित मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर कमरुज्जमा (Dr Kamarujjama alleging on system) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल (Viral Video Of Medical Officer Dr Kamarujjama) हो रहा है, जिसमें चिकित्सा पदाधिकारी ने न केवल स्वास्थ्य विभाग के कारनामे उजागर किये हैं, बल्कि जिले के सबसे बड़े चिकित्सा अधिकारी और सीएमओ पर भी कई गंभीर आरोप लगाते हुए देश के पीएम तक के लिए भद्दी भाषा का इस्तेमाल किया है. हैरत कि बात तो ये है कि मेडिकल ऑफिसर खुद जेल जा चुके हैं. Etv bharat वायरल वीडियो के सही होने की पुष्टि नहीं करता है.

ये भी पढ़ेंः बगहा में अवैध नर्सिंग होम में मेडिकल टीम का छापा, मरीजों को भगवान भरोसे छोड़ भागे फर्जी नीम-हकीम

मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर कमरुज्जमा

पीएमओ से लेकर सीएमओ तक को बताया चोरः दरअसल गौनाहा पीएचसी में बतौर एमओ पदस्थापित डॉ कमरुज्जमा के इस वीडियो में उन्होंने खुद पूर्व सीएस को तमाचा जड़ने के साथ-साथ अवैध हथियार से उनको डराने धमकाने तक का खुलासा किया है. इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग में एमओ से लेकर सीएमओ तक कि कुर्सी पर बैठने वालों को चोर और देश का गद्दार बताया है जिसके बाद स्वास्थ्य महकमे में हड़कम मच गया है. आपको बता दें कि पश्चिमी चंपारण जिला में अवैध नर्सिंग होम और झोला छाप डॉक्टरों का मकड़जाल फैला हुआ है. एक सरकारी चिकित्सक के नाम पर कई फर्जी क्लीनिक संचालित हो रहे हैं. इस बात की तस्दीक खुद सरकारी चिकित्सक डॉ कमरुज्जमा वायरल वीडियो में कर रहे हैं. इतना ही नहीं सिविल सर्जन पर पैसा लेकर अवैध नर्सिंग होम चलवाने का आरोप भी लगा रहे हैं.

अवैध नर्सिंग होम को लेकर प्रशासन संजीदाः पश्चिम चंपारण जिला में कुकुरमुत्ते की तरह अवैध नर्सिंग होम के जाल फैले हुए हैं. गली मोहल्लों में सरकारी डॉक्टरों का नेम प्लेट लगा कर झोलाछाप डॉक्टर सर्जरी जैसे गंभीर चिकित्सा को अंजाम दे रहे हैं. कई दफा इस तरह के निजी अस्पतालों में मरीजों के मरने की खबर भी आ चुकी है. जिसको लेकर जिला प्रशासन काफी संजीदा है. बगहा के नए एसडीएम डॉ अनुपमा सिंह ने आते ही अवैध और फर्जी चिकित्सकों को लेकर सघन छापेमारी अभियान चलाया है, क्योंकि बगहा की अनुमंडल पदाधिकारी पहले खुद भी एमबीबीएस (MBBS) एमएस(MS) रह चुकी हैं. नतीजतन उन्होंने इस मामले को काफी गंभीरता से लेते हुए टीम गठित कर रामनगर में लगातार छापेमारी अभियान चलाया, जिसके तहत अब तक आधा दर्जन गैर निबंधित निजी नर्सिंग होम के संचालकों पर प्राथमिकी दर्ज हुई है और कई अवैध नर्सिंग होम सील भी किए गए हैं. इसी जांच के दौरान वैसे 7 महिलाओं का यूटरस भी निकालने का मामला सामने आया था, जिनकी उम्र 40 के करीब है जिसकी अभी जांच चल रही है.

आला अधिकारियों के बारे में कहा अपशब्द : इसी बीच अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौनाहा में कॉन्ट्रैक्ट पर बहाल एक चिकित्सक कमरुज्जमा का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें यह डॉक्टर बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था और पूरे प्रशासनिक सिस्टम पर ही सवाल उठाते दिख रहे हैं. वायरल वीडियो में डॉक्टर कमरुज्जमा ने खुद स्वीकार किया है कि उनका चार पांच जगह क्लिनिक चलता है. जबकि सच्चाई यह है कि जिले में दर्जनों झोलाछाप डॉक्टर उनके नेम प्लेट का इस्तेमाल करते हैं. वीडियो में एमओ कमरुज्जमा को यह भी कहते सुना जा रहा है कि इस कृत्य के लिए उन पर कई मर्तबा प्राथमिकी दर्ज हुई है और तत्कालीन जिलाधिकारी लोकेश कुमार सिंह के कार्यकाल में वे 21 दिन जेल की सजा भी भुगत चुके हैं. इतना ही नहीं वायरल वीडियो में आला अधिकारियों के बारे में अपशब्द बोलने से भी इन्होंने गुरेज नहीं किया है. इन सबके अलावा इन्होंने वर्तमान सिविल सर्जन पर लाखों रुपये घूस लेकर अवैध नर्सिंग होम संचालित करने का सनसनीखेज आरोप भी लगाया है.

पूरे मामले की जांच का आश्वासनः इन पूरे मामले पर पश्चिम चंपारण के सिविल सर्जन वीरेंद्र कुमार चौधरी का कहना है कि कोई भी चिकित्सा पदाधिकारी 2 जगह से ज्यादा प्रैक्टिस नहीं कर सकता है. रही बात सर्जरी कि तो उसके लिए जिले में 28 नर्सिंग होम और अस्पताल रजिस्ट्रर्ड हैं. उनमें रामनगर स्थित संजीवनी क्लीनिक जो गौनाहा के चिकित्सा पदाधिकारी कमरुज्जमा चलाते हैं वह पूरी तरह अवैध है, शीघ्र ही उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. दूसरी ओर वायरल वीडियो में गौनाहा के एमओ डॉक्टर कमरुज्जमा ने सीएस पर अवैध उगाही और रुपये मांगने के जो आरोप लगाए गए हैं उसको सीएस ने सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि डेढ़ साल के कार्यकाल में अब तक उन्होंने किसी से एक रुपया भी नहीं लिया है. हालांकि सीएस भी इसे समझ से परे होने की बात कर जांच और कार्रवाई का भरोसा दिला रहे हैं.

"बगहा अनुमण्डल क्षेत्र के रामनगर में जन्मसिन बाई हिल स्टेशन प्राइवेट लिमिटेड व शिवम होमियो क्लिनिक को छोड़कर बाकी कोई भी निजी अस्पताल और क्लीनिक पंजीकृत व वैध नहीं हैं. जब प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई होती है उसके पहले ही इन फर्जी अस्पताल संचालकों को भनक लग जाती है और वे क्लिनिक छोड़ फरार हो जाते हैं"- डॉ. वीरेंद्र कुमार चौधरी, सिविल सर्जन

स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव का एक वाल्मीकीनगर दौराः तरफ इस वायरल वीडियो पर सिविल सर्जन की प्रतिक्रिया भी आ गई है और दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव का भी आज वाल्मीकीनगर दौरा है, तो ऐसे में इस गंभीर मामले पर उनका क्या रुख रहता है और सरकार समेत स्वास्थ्य विभाग इस मामले में कोई जांच और कार्रवाई करता भी है या नहीं यह देखने वाली बात होगी.

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