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बिहार में नदियों का जलस्तर घटा दहशत नहीं, कटाव से अपना आशियाना तोड़ रहे ग्रामीण

बिहार में लगातार हो रही बारिश (Flood in Bihar) के कारण सभी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. पानी बढ़ने के कारण लोग अपना आशियाना तोड़ सुरक्षित स्थान पर जाने को मजबूर हैं.

आशियाना तोड़ रहे ग्रामीण
आशियाना तोड़ रहे ग्रामीण
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Published : Jul 6, 2021, 6:33 PM IST

बगहा: बिहार में बाढ़ (Flood in Bihar) से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. लगातार बारिश (Rain) के बाद अब उत्तर बिहार की सभी नदियां उफान पर हैं. रामनगर प्रखण्ड के शेरवा गांव में मशान पहाड़ी नदी लगातार तांडव मचा रही है. आलम यह है कि लोग अब अपना आशियाना तोड़ सुरक्षित स्थान पर जाने को मजबूर हैं. वहीं, प्रशासन की ओर से कराया जा रहा सुरक्षात्मक कार्य भी नाकाफी साबित हो रहा है. कारण है कि कटावरोधी कार्य पानी की जद में समाता जा रहा है. देंखें पूरी रिपोर्ट...

ये भी पढ़ें- Flood in Muzaffarpur: ड्रोन के जरिए देखिए औराई में आयी बाढ़ की विभीषिका

कटाव के भय से ग्रामीण तोड़ रहे अपना घर
भले ही गण्डक नदी का जलस्तर कम हो गया हो और उसकी विनाशलीला में कमी आई हो, लेकिन बगहा में पहाड़ी नदियां अब अपना उग्र रूप दिखा रही हैं. लिहाजा लोग पहाड़ी नदियों के विनाशलीला से डरने लगे हैं. रामनगर प्रखण्ड के शेरवा देवराज में भी मशान नदी अपना तांडव दिखा रही है. यही वजह है कि ग्रामीण भय से अपना घर तोड़ सुरक्षित स्थान पर आशियाना की तलाश कर रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कटावरोधी कार्य का नहीं हो रहा कोई असर
दरअसल जब भी बारिश होती है तो पहाड़ी नदिया अपने उफान पर आ जाती हैं. भले ही उसका पानी 24 घण्टे के भीतर कम हो जाता हो लेकिन तब तक ये पहाड़ी नदियां अपने तबाही का मंजर दिखा देती हैं. रामनगर प्रखण्ड के दर्जनों ऐसे गांव हैं, जहां मशान नदी लोगों को डराने लगी है. जलसंसाधन विभाग द्वारा कराया जा रहा सुरक्षात्मक कार्य भी मशान नदी की जद में समाता जा रहा है. जिससे प्रशासन समेत ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है.

ग्रामीणों ने लगाया विभाग पर अनदेखी का आरोप
बता दें कि पहले मशान नदी में कराया गया बांस पाइलिंग का कार्य नदी के आगोश में समा गया है. अब बोरियां भर कर कटाव से बचाने की जद्दोजहद की जा रही है. लेकिन यह भी पानी की तेज धार में बहता जा रहा है. ऐसे में ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ के पहले से विभाग से गुहार लगाई जा रही थी. लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया अब नौबत ऐसी आ गई है कि नदी की धारा कटाव करते-करते लोगों के घर तक आ गई है और लोग अब अपना घर तक तोड़ने लगे हैं.

ये भी पढ़ें- Flood in Bettiah: पुलिया का अप्रोच पथ बहा, अनुमंडल मुख्यालय से टूटा दर्जनों गांवों का सम्पर्क

जून महीने से ही उफान पर हैं नदियां
जानकारी के मुताबिक बिहार में डेढ़ दर्जन जिलों में हर साल बाढ़ से तबाही होती है. इस साल भी बाढ़ से तबाही शुरू है. इस बार जून महीने में ही नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. अभी 2 से 3 महीने तक बिहार के एक बड़े हिस्से में लोग बाढ़ की समस्या से प्रभावित रहेंगे.

बगहा: बिहार में बाढ़ (Flood in Bihar) से हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. लगातार बारिश (Rain) के बाद अब उत्तर बिहार की सभी नदियां उफान पर हैं. रामनगर प्रखण्ड के शेरवा गांव में मशान पहाड़ी नदी लगातार तांडव मचा रही है. आलम यह है कि लोग अब अपना आशियाना तोड़ सुरक्षित स्थान पर जाने को मजबूर हैं. वहीं, प्रशासन की ओर से कराया जा रहा सुरक्षात्मक कार्य भी नाकाफी साबित हो रहा है. कारण है कि कटावरोधी कार्य पानी की जद में समाता जा रहा है. देंखें पूरी रिपोर्ट...

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कटाव के भय से ग्रामीण तोड़ रहे अपना घर
भले ही गण्डक नदी का जलस्तर कम हो गया हो और उसकी विनाशलीला में कमी आई हो, लेकिन बगहा में पहाड़ी नदियां अब अपना उग्र रूप दिखा रही हैं. लिहाजा लोग पहाड़ी नदियों के विनाशलीला से डरने लगे हैं. रामनगर प्रखण्ड के शेरवा देवराज में भी मशान नदी अपना तांडव दिखा रही है. यही वजह है कि ग्रामीण भय से अपना घर तोड़ सुरक्षित स्थान पर आशियाना की तलाश कर रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

कटावरोधी कार्य का नहीं हो रहा कोई असर
दरअसल जब भी बारिश होती है तो पहाड़ी नदिया अपने उफान पर आ जाती हैं. भले ही उसका पानी 24 घण्टे के भीतर कम हो जाता हो लेकिन तब तक ये पहाड़ी नदियां अपने तबाही का मंजर दिखा देती हैं. रामनगर प्रखण्ड के दर्जनों ऐसे गांव हैं, जहां मशान नदी लोगों को डराने लगी है. जलसंसाधन विभाग द्वारा कराया जा रहा सुरक्षात्मक कार्य भी मशान नदी की जद में समाता जा रहा है. जिससे प्रशासन समेत ग्रामीणों की नींद उड़ी हुई है.

ग्रामीणों ने लगाया विभाग पर अनदेखी का आरोप
बता दें कि पहले मशान नदी में कराया गया बांस पाइलिंग का कार्य नदी के आगोश में समा गया है. अब बोरियां भर कर कटाव से बचाने की जद्दोजहद की जा रही है. लेकिन यह भी पानी की तेज धार में बहता जा रहा है. ऐसे में ग्रामीणों का आरोप है कि बाढ़ के पहले से विभाग से गुहार लगाई जा रही थी. लेकिन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया अब नौबत ऐसी आ गई है कि नदी की धारा कटाव करते-करते लोगों के घर तक आ गई है और लोग अब अपना घर तक तोड़ने लगे हैं.

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जून महीने से ही उफान पर हैं नदियां
जानकारी के मुताबिक बिहार में डेढ़ दर्जन जिलों में हर साल बाढ़ से तबाही होती है. इस साल भी बाढ़ से तबाही शुरू है. इस बार जून महीने में ही नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. अभी 2 से 3 महीने तक बिहार के एक बड़े हिस्से में लोग बाढ़ की समस्या से प्रभावित रहेंगे.

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