बगहा: मंगलवार को वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन क्षेत्र अंतर्गत गोवर्धना वन क्षेत्र कार्यालय पर ग्रामीणों ने धावा बोल दिया और जमकर तोड़ फोड़ की. इस दौरान ग्रामीणों ने वन कर्मियों को भी निशाना बनाया. वनकर्मियों की ओर से जंगल से लकड़ी काटने पर मना करने और ग्रामीणों की पिटाई करने से आक्रोशित ग्रामीणों ने इस घटना को अंजाम दिया.
लकड़ी काटने को लेकर विवाद
बाल्मीकि टाइगर रिजर्व के गोवर्धना रेंज में लकडी चुनने गई महिला और उसके बच्चे के साथ रेंजर और अन्य कर्मियों द्वारा मारपीट करने का मामला सामने आया है. बताया जाता है कि वन क्षेत्र इलाके के बनकटवा गांव के लोग जलावन की लकड़ी के लिए अमूमन जंगल का रुख करते हैं. लॉक डाउन में खाना बनाने के लिए लकड़ी की किल्लत की वजह से गांव की एक महिला अपने बच्चे को लेकर जंगल मे लकड़ी चुनने गई थी. थारू और उरांव बहुल इस इलाके के ग्रामीणों और वन कर्मियों के बीच अक्सर लकड़ी काटने को लेकर विवाद होते रहता है.
दफ्तर में जमकर तोड़ फोड़
बता दें जंगल से लकड़ी काटने पर प्रतिबंध है. ऐसे में वन क्षेत्र में लकड़ी चुनने और लाने पर पाबंदी है. लेकिन इस महामारी जैसे संकट से जूझ रहे लोगों को जलावन की भी किल्लत हो चुकी है. यही वजह है कि महिला अपने बच्चे को लेकर लकड़ी चुनने गई थी और मौके पर पहुंचे रेंजर और वनकर्मियों ने उसके साथ मारपीट की. जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीण रेंजर के कार्यालय पहुंच गए और उनको सामने आने की बात करने लगे.
जब रेंजर घर से बाहर नहीं निकले तो ग्रामीणों ने वहां मौजूद वनकर्मियों पर हमला बोल दिया और दफ्तर में जमकर तोड़ फोड़ की. घंटों तोड़-फोड़ करने के बाद ग्रामीणों ने वरीय पदाधिकारियों को बुलाने की मांग की. जिसके बाद सीएफ हेमकांत रॉय ने डीएफओ को घटना स्थल पर भेजा. वहीं दूसरी तरफ से एसएसबी और रामनगर एसडीपीओ अर्जुन लाल भी मौके पर पहुंच गए और किसी तरह मामले को शांत कराया गया.