बेतिया (बगहा): बिहार सरकार राज्य में कोरोना टीकाकरण अभियान (Covid Vaccination Campaign) तेज करने के लिए गांव-गांव में वैक्सीनेशन कैंप (Vaccination Camp) लगवा रही है. इसके लिए टीका एक्सप्रेस पर सवार होकर स्वास्थ्यकर्मी गांव-गांव जा रहे हैं और लोगों को कोरोना का टीका (Covid-19 Vaccine) लगा रहे हैं.
टीकाकरण अभियान में शामिल स्वास्थ्य कर्मियों को किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है, इसकी एक बानगी पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में दिखी.
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बगहा के रामनगर प्रखंड के इमरती कटहरवा, सपही मधुबनी और जबका गांव में टीकाकरण के लिए टीम टीका एक्सप्रेस पर सवार होकर निकली. सुदूर इलाका होने के चलते गांव तक पहुंचने का रास्ता कच्चा था.
बारिश के चलते सड़क पर कीचड़ फैला था. आधे रास्ते में ही टीका एक्सप्रेस कीचड़ में फंस गई. गाड़ी के ड्राइवर ने काफी कोशिश की, लेकिन वह वाहन को नहीं निकाल पाया.
स्कूल में लगा था ताला
कीचड़ में टीका एक्सप्रेस को फंसा देख गांव के लोग जुटे. इसके बाद गाड़ी निकालने की कवायद फिर से शुरू हुई. करीब दो घंटे बाद गाड़ी कीचड़ से निकल पाई.
इसके बाद स्वास्थ्यकर्मी टीकाकरण के लिए तय केंद्र राजकीय प्राथमिक विद्यालय जबका पहुंचे तो देखा कि स्कूल में ताला लगा है. वहां कोई न था. टीका लेने के लिए गांव के लोग भी नहीं पहुंचे थे. स्वास्थ्यकर्मियों को बिना टीका लगाए ही वापस लौटना पड़ा.
जागरुकता की कमी से नहीं हुआ टीकाकरण
कोरोना टीकाकरण के प्रति लोगों में जागरुकता की कमी है. कई गांव ऐसे हैं जहां के लोग टीका लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों को काफी परेशानी हो रही है. स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पा रहा है.
उप स्वास्थ्य केंद्र रामनगर के चिकित्सक डॉ. ऐश्वर्य ने कहा, "एक दिन में तीन गांवों में 50-50 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य था. इसके लिए इमरती कटहरवा, सपही मधुबनी और जबका गांव को चिह्नित किया गया था."
"इमरती कटहरवा और सपही मधुबनी में लोगों ने टीका लिया, जबकि जबका गांव में जागरुकता की कमी की वजह से टीकाकरण नहीं हुआ. जब टीका एक्सप्रेस जबका गांव पहुंची तो वहां केंद्र बंद मिला. डॉक्टरों के बैठने और रुकने का इंतजाम भी नहीं था. लिहाजा टीम वापस लौट आई. अन्य दूसरे गांवों में वैक्सीनेशन किया गया."- डॉ. ऐश्वर्य, चिकित्सक, उप स्वास्थ्य केंद्र रामनगर
आधारभूत संरचना की कमी बन रही बाधा
गौरतलब है कि पश्चिम चंपारण जिला में टीकाकरण अभियान को गति देने के लिए 24 टीका एक्सप्रेस का इस्तेमाल किया जा रहा है. वाहन पर सवार होकर स्वास्थ्यकर्मी गांव-गांव जा रहे हैं और लोगों को टीका लगा रहे हैं. इस अभियान में सुदूर इलाकों में बसे गांव तक सड़क जैसी आधारभूत संरचना की कमी बाधा बन रही है.
पहले ही बरसात में कच्ची सड़क पर इतना कीचड़ फैल गया कि टीका एक्सप्रेस फंस गई. अभी मानसून सिर पर है. पश्चिम चंपारण बाढ़ प्रभावित जिला भी है. आने वाले दिनों में जिले की बड़ी आबादी को बाढ़ की विभीषिका का सामना करना पड़ सकता है. इस दौरान बाढ़ प्रभावित इलाके में टीकाकरण कैसे होगा, यह जिला प्रशासन के लिए चुनौती साबित होगी.
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