पश्चिम चंपारण: एकादशी (Dev Uthani Ekadashi) को मनाए जाने वाले तुलसी विवाह (Tulsi Vivah) के मौके पर पक्की बावली मंदिर (Pakki Baoli Temple) को दुल्हन की तरह सजाया गया था और 51 हजार दीपक जलाए गए थे. एकादशी को मनाए जाने वाले तुलसी विवाह के मौके पर धूमधाम से बारात ( Tulsi Shaligram Vivah) निकाली गई, जो नगर के सभी चौराहों पर घुमाया गया.
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इस अवसर पर पूरे मन्दिर परिसर को 51 हजार दीयों से सजाया गया. शालिग्राम तुलसी विवाह को लेकर आयोजकों ने बताया कि एक सप्ताह से तैयारी शुरू कर दी गई थी. इस अवसर पर पालकी में बैठे भगवान शालिग्राम की पूरे गाजे बाजे के साथ भव्य बारात निकाली गई.
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बारात में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. पक्की बावली शिव मंदिर से निकली बारात नगर के बनकटवा, हनुमान गढ़ी, गुदरी बाजार, नवकी बाजार, मुख्य चौक होते हुए पुनः पक्की बावली परिसर में बने विवाह मंडप के पास पहुंची. जहां वर पक्ष का स्वागत कन्या पक्ष द्वारा विधि विधान से किया गया. इस मौके पर नाटक मंडली को भी बुलाया गया. तुलसी और शालीग्राम बने कलाकारों ने सभी का मन मोह लिया. विधि विधान के साथ मंदिर में पूजा अर्चना की गई.
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बता दें कि कार्तिक शुक्ल एकादशी को प्रत्येक वर्ष नगरवासी तुलसी व शालिग्राम का भव्य पूजन करते हुए शादी कराते हैं और अपने अपने घरों से 11-11 दीपक लाकर मंदिर के प्रांगण में जलाते हैं. ऐसे में नगर के लोग भी अपने घर से 11-11 दीप लेकर मंदिर के प्रांगण में पहुंचे, जहां पर दीप को जलाया गया. महिलाओं और लड़कियों ने इसमे बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. तुलसी और शालिग्राम विवाह के दौरान ऐसा लग रहा था मानो सच में किसी की शादी हो रही हो. इस दौरान शादी जैसा नजारा देखने को मिला. रात के अंधेर में पूरा मंदिर परिसर दीयों की रोशनी से जगमगा उठा.