बेतियाः आखिरकार लंबे इंतजार के बाद 5 महीने 2 दिन बाद सऊदी अरब से मोहम्मद इंतजार का शव बेतिया पहुंचा. जिसकी 12 दिसंबर 2018 को सऊदी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मोहम्मद इंतजार सऊदी की एक कंपनी में ड्राइवर था. मृतक के भाई के अथक प्रयास से परिजन उसका अंतिम दर्शन कर सके.
एके-47 से सऊदी में मारी थी गोली
मृतक का शव उसके गांव बानुछापर पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. आस-पास के लोग और शुभचिंतक की शव को देखने के लिए भीड़ जुट गई. बेतिया के बानुछापर ओपी क्षेत्र के बानुछापर गांव निवासी मोहम्मद हबीब के पुत्र मोहम्मद इंतजार सऊदी अरब में रहकर 3 वर्षों से ट्रक ड्राइवर का काम कर रहा था. बताया जाता है कि 12 दिसंबर 2018 की सुबह 5:30 बजे ट्रक लेकर कंपनी के काम से कहीं जा रहा थे. इस दौरान अज्ञात तीन अपराधियों ने ट्रक को घेरकर एके-47 से भून दिया. इस घटना में बांग्लादेश के भी दो युवक मारे गए थे.
भाई के प्रयास से भारत आया शव
5 महीने 2 दिन की बात सऊदी अरब से चालक मोहम्मद इंतजार का शव बेतिया पहुंचा. उसके बाद से परिजनों की आंखें शव आने के इंतजार में पथरा गईं थी. मृतक के भाई मोहम्मद खुर्शीद के अथक परिश्रम से उसका शव भारत लाया गया. चार भाइयों में इंतजार सबसे छोटे थे. उसके दो पुत्र सिराज 10 वर्ष और रियाज 8 वर्ष, दो लड़की रानी खातून 6 वर्ष और काजल खातून 3 वर्ष की है. शव के पहुंचने के बाद सभी का रो-रो कर बुरा हाल है.
मृतक के भाई का आरोप
वहीं मृतक के भाई खुर्शीद आलम ने एंबेसी की ओर से सार्थक प्रयास नहीं किए जाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एंबेसी की तरफ से कोई मदद नहीं की गई. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी लगातार ट्वीट करता रहा. लेकिन कोई जवाब नहीं आया. मृतक के भाई का कहना है कि इंडियन एंबेसी अगर मदद करती तो शव को लाने में इतना दिन नहीं लगता. बता दें कि मृतक के अन्य तीन भाई वहीं कार्यरत हैं. जो सऊदी में काफी कानूनी कार्रवाई के बाद शव को लाने कामयाब रहे.