बगहा:अब तक आपने सुना होगा कि टूटी हड्डियों को कोई सर्जन ही जोड़ सकता है. वह भी ऑपरेशन के जरिए या प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग कर. पश्चिम चंपारण जिले के रामनगर (Ramnagar in West Champaran district) में एक व्यक्ति आधुनिक चिकित्सा जगत को चुनौती दे रहा है. रामनगर के डुमरी निवासी श्रवण भगत बिना प्लास्टर किए ही टूटी हड्डियों को जोड़ (Treatment of Broken bones in unique way) देते हैं. इनका कहना है कि इनके दादा और पिता भी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का इस्तेमाल कर लोगों की सेवा करते थे. लिहाजा वे भी बेल की लत्तियों और बांस की कमाची से टूटी हड्डियों को जोड़ते आ रहे हैं.
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बता दें कि यहां इलाज कराने बिहार और यूपी के दूर दराज के क्षेत्रों से लोग आते हैं. मरीजों का कहना है कि इससे एक सप्ताह में फायदा मिलता है. बिना पैसे खर्च किये निशुल्क इलाज करा कई मरीज ठीक हुए हैं.
हालांकि इस चमत्कार को मेडिकल साइंस को नहीं मानता (Medical science does not believe in miracles). अनुमंडलीय अस्पताल बगहा (Sub-Divisional Hospital Bagaha) के चिकित्सक डॉ. के.बी.एन. सिंह का कहना है कि बिना प्लास्टर ऑफ पेरिस के अथवा शल्य चिकित्सा के टूटी हड्डियां नहीं जुड़ सकती हैं. इसका बेहतर इलाज कोई हड्डी रोग विशेषज्ञ ही कर सकता है.
अब ऐसे में बांस की कमाची से टूटी हड्डियों को जोड़ने का कारनामा अंधविश्वास माना जाए या कोई चमत्कार, यह बड़ा सवाल है लेकिन यहां हमेशा मरीजों का तांता लगा रहता है. श्रवण भगत ने बिल्कुल निशुल्क इलाज कर बड़े बड़े सर्जन डॉक्टरों को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
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