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वाल्मीकिनगर में वन विभाग के फ्रंट लाइन वर्करों का 3 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के तीनों डिविजन के फ्रंट लाइन वर्करों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत की गई. वन प्रमंडल 2 के वाल्मीकिनगर स्थित वन विभाग के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन बुधवार को किया गया था.

valmiki tiger reserve
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Published : Feb 3, 2021, 7:27 PM IST

पश्चिम चंपारण(वाल्मीकिनगर): वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल 2 के वाल्मीकिनगर स्थित वन विभाग के सभागार में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई. दीप प्रज्वलन कार्यक्रम संयुक्त रूप से वन प्रमंडल 2 के डीएफओ डॉ नीरज नारायण, डब्ल्यूटीआई के बिहार हेड सुब्रत कुमार बेहरा, जोश लुईस, प्रशान्त वर्मा ने किया.

यह भी पढ़ें- पशुपालन विभाग की बड़ी लापरवाही: पशुओं की दवा और चारा रखे-रखे एक्सपायर, अब छुपाने की कोशिश

वन्य जीव अपराध नियंत्रण पर जोर
इस कार्यशाला में तीनों डिजाइन के वनपाल, वनरक्षी, आदि लोग शामिल हुए. वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट और इंडिया द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में वन्य जीव अपराध नियंत्रण विषय पर विशेष बल दिया गया. इस प्रशिक्षण कार्यशाला में वन्य जीवों के प्रति हो रहे अपराधों की प्रकृति, इससे हो रही क्षति, और इसके दुष्प्रभाव, के अलावा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के बारे में विशेषज्ञों द्वारा पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई.

वन्यजीवों की सुरक्षा प्राथमिकता
वन विभाग द्वारा वन अपराध मामले में कांड दर्ज करने का तरीका, के बाबत भी जानकारी विशेषज्ञ एडवोकेट यश कुमार सोनी और प्रेम चंद पाण्डेय हेड उतर प्रदेश द्वारा दी गई. कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीएफओ डॉ नीरज नारायण ने कहा कि वन प्रशासन वन संपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा और विकास को अपनी पहली प्राथमिकता मानता है.

पश्चिम चंपारण(वाल्मीकिनगर): वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल 2 के वाल्मीकिनगर स्थित वन विभाग के सभागार में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई. दीप प्रज्वलन कार्यक्रम संयुक्त रूप से वन प्रमंडल 2 के डीएफओ डॉ नीरज नारायण, डब्ल्यूटीआई के बिहार हेड सुब्रत कुमार बेहरा, जोश लुईस, प्रशान्त वर्मा ने किया.

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वन्य जीव अपराध नियंत्रण पर जोर
इस कार्यशाला में तीनों डिजाइन के वनपाल, वनरक्षी, आदि लोग शामिल हुए. वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट और इंडिया द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में वन्य जीव अपराध नियंत्रण विषय पर विशेष बल दिया गया. इस प्रशिक्षण कार्यशाला में वन्य जीवों के प्रति हो रहे अपराधों की प्रकृति, इससे हो रही क्षति, और इसके दुष्प्रभाव, के अलावा वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के बारे में विशेषज्ञों द्वारा पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी गई.

वन्यजीवों की सुरक्षा प्राथमिकता
वन विभाग द्वारा वन अपराध मामले में कांड दर्ज करने का तरीका, के बाबत भी जानकारी विशेषज्ञ एडवोकेट यश कुमार सोनी और प्रेम चंद पाण्डेय हेड उतर प्रदेश द्वारा दी गई. कार्यशाला को संबोधित करते हुए डीएफओ डॉ नीरज नारायण ने कहा कि वन प्रशासन वन संपदा और वन्यजीवों की सुरक्षा और विकास को अपनी पहली प्राथमिकता मानता है.

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