पश्चिम चंपारणः जिले में 31 मार्च तक वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पर्यटन सुविधाओं पर पाबंदी लगा दी गई है. पर्यटन विभाग ने जंगल सफारी, बोटिंग और कौलेश्वर झूला को बंद करने का आदेश दिया है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर यह निर्देश जारी हुआ है. जिस वजह से विटीआर के पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा छाया हुआ है.
विटीआर में पर्यटन सुविधाओं पर पाबंदी
कोरोना वायरस तेजी से अपने पांव पसार रहा है. लोगों की इसकी चपेट में आने की संभावना बढ़ती जा रही है. सरकार ने इसी प्रभाव की वजह से एहतियात के तौर पर दर्जनों दिशा निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत सूबे के एकमात्र टाइगर रिजर्व का दीदार करने आनेवाले पर्यटकों के लिए इको टूरिज्म पर 31 मार्च तक पाबंदी लगा दी गई है.
बुकिंग के पैसे किए जाएंगे वापस
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने निर्देश जारी कर कहा कि जिन पर्यटकों ने पहले से गेस्ट हॉउस और जंगल सफारी सहित बोटिंग के लिए बुकिंग कराई थी. उनका पैसा उनके खाते में वापस कर दिया जाएगा. बता दें कि गर्मी के दिनों में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या में भारी इजाफा होता है.
पर्यटन स्थलों पर पसरा सन्नाटा
कोरोना वायरस के डर का असर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के पर्यटन स्थलों पर साफ-साफ देखने को भी मिल रहा है. गेस्ट हॉउस, कैंटीन, वाल्मीकि आश्रम, कौलेश्वर झूला, बोटिंग और जंगल सफारी की सुविधा बंद होने के बाद इन जगहों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. विभाग ने सरकार के जारी निर्देश को प्रत्येक पर्यटन स्थल के मुख्य द्वार पर लगा दिया है. कैंटीन के संचालक अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि सरकार के जारी निर्देश का गहरा असर पड़ रहा है. इससे पर्यटन प्रभावित रहेगा.