बेतिया (वाल्मीकिनगर): राज्य का एकलौता वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से दियारा और रिहायशी क्षेत्र में जंगली जानवरों का पलायन लगातार जारी है. हिरण, जंगली सुअर, जंगली गाय सहित अन्य जानवरों का रिहायशी क्षेत्र में भ्रमण करना आम बात है. इसी के तहत पिपरासी प्रखंड के सरेह में बाघ की चहलकदमी ने किसानों के नीद उड़ा दी है. बाघ के आने की सूचना आग की तरह पूरे दियारा क्षेत्र में फैल गई है. जिससे लोगों में भय व्याप्त है. वहीं, किसान खेतों में जाने से कतरा रहे हैं.
बाघ का मिला पगमार्ग
'सुबह में खेत के तरफ जा रहे थे कि कुहासा के कारण दूर तक कुछ नहीं दिखाई दे रहा था. लेकिन रेल बांध के समीप गुर्राहट की आवाज सुनाई दे रही थी. जब हम लोग कुछ नजदीक गए तो देखे की बाघ बांध के किनारे होते हुए गन्ना के खेत की तरफ जा रहा है. इसको देखते हुए हम लोग डर से घर भागकर आ गए. वहीं, जब कुहासा हटा तो वे लोग गए तो बाघ का पगमार्ग मिला.'- अवधेश बिंद, ग्रामीण
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बाघ को पकड़ने की मांग
किसानों ने बताया कि बाघ के आने की सूचना में किसान खेतों की तरफ जाने से कतरा रहे हैं. वर्तमान में दियारा में गन्ना की छिलाई, गेंहू की पटवनी आदि कार्य हो रहे हैं, लेकिन बाघ आने की सूचना पर लोगों का कार्य प्रभावित हो रहा है. उन्होंने बताया कि इसकी सूचना वन विभाग को देकर बाघ को पकड़ने की मांग की गई है.
लोग रहें सावधान
'वन से रिहायशी और दियारा क्षेत्र सटा हुआ है. इस कारण अक्सर जंगली जानवर भटक कर चले जाते हैं. लोगों से अपील है कि छेड़छाड़ न करे और झुंड में सावधानी पूर्वक ही सरेह में जायें.'- अवधेश प्रसाद सिंह, रेंजर