पश्चिमी चंपारण: जिले के बेतिया में तारा बसवरिया गांव के पूरब सरेह में महिला बकरी चरा रही थी. तभी अचानक गन्ने के खेत से निकलकर बाघ ने बकरी और बकरे पर हमला कर दिया. जिस प्लाट में गन्ना काटा जा रहा था, उसी खेत से बाघ ने निकलकर हमला किया. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बकरी के मिमियाने की आवाज सुनकर हम लोग वहां पहुंचे और हल्ला मचाना शुरू कर दिया. जिससे बाघ बकरी और बकरा को गन्ने की खेत में लेकर चला गया.
बाघ से लोगों में दहशत
बता दें कि शनिवार को भी बाघ ने तारा बसवरिया निवासी सूरज दुअरिया के बंगले में पहुंचकर बछड़ा पर हमला कर जख्मी कर दिया था. जिसके बाद लोग बांस उठाकर छत पर पटकने लगे, और बाघ वहां से भाग निकला. इतना ही नहीं बीते मंगलवार को मंगुराहा नवका टोला पुल के पास रुपवलिया गांव निवासी दिलीप उरांव की गाय को भी बाघ ने मार दिया था.
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वन विभाग पर लापरवाही का आरोप
लोगों ने कहा कि वन विभाग लापरवाही बरत रहा है. जंगल से निकलकर कैसे हिंसक जानवर रिहायशी इलाकों में दाखिल हो रहे हैं. पशुओं को मारने की सूचना वन विभाग को मिल रही है. इसके बावजूद भी उन्हें जंगल की ओर मोड़ने के लिए समुचित प्रयास नहीं किया जा रहा है. इस वजह से लोगों का खेत खलिहान की ओर जाना खतरे से खाली नहीं है.
लोगों का कहना है कि आए दिन इलाके में कहीं ना कहीं बाघ और बाघिन दिख रहे हैं. हिंसक वन्य प्राणी के भय से गौनाहा, रुपवलिया, हरकटवा, तरा बसवरिया, मर्ज़दी, कोहरगडी, मनियारी, बलुवा मटियानी, सिसई सहित दर्जनों गांव के लोग दहशत में है.
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इलाके में दिखे बाघ के पग मार्क
घटनास्थल पर पहुंचे वनरक्षी विकास कुमार दुबे और सुमित कुमार ने बताया कि सुबह में ग्रामीणों को अलर्ट कर दिया गया था कि गांव के पूरब सरेह में नहीं जाएं. बाघ के पग मार्क दिखाई दिए हैं. उन्होंने बताया कि बाघिन का शावक रुपवलिया गांव के आसपास सरेह में है. बाघिन नहर के उस पार है. पशुपालक के द्वारा आवेदन दिया जाता है तो विभाग की तरफ से मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाता है.
बाघिन ने दक्षिण सरेह में डेरा डाला
वनरक्षी ने बताया कि शावक तारा बसवरिया गांव के पूरब और बाघिन दक्षिण सरेह में डेरा डाले हुए हैं. वन विभाग के द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द बाघिन और शावक को जंगल की तरफ मोड़ा जाए.