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बगहा से मुक्त कराए गए तीन बाल मजदूर, ट्रेन से भेज रहे थे हरियाणा - बगहा से मुक्त कराए गए तीन बाल मजदूर

बगहा रेलवे स्टेशन पर सत्याग्रह एक्सप्रेस ट्रेन से 3 बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया. Three child laborers rescued from Bagaha तीनों बच्चों को मजदूरी करने के लिए हरियाणा ले जाया जा रहा था. पिछले हफ्ते भी चार बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया था. पढ़े पूरी खबर विस्तार से..

बगहा से मुक्त कराए गए तीन बाल मजदूर
बगहा से मुक्त कराए गए तीन बाल मजदूर
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Published : Sep 3, 2022, 3:11 PM IST

पश्चिम चंपारण (बगहा): पश्चिम चंपारण के आसपास के इलाके से बड़ी संख्या में बाल मजदूरों को दिल्ली, हरियाणा और पंजाब ले जाया जा रहा है. दो हफ्ते के अंदर अब तक 7 बाल मजदूरों को प्रथम संस्था और चाइल्ड लाइन की तरफ से मुक्त कराया जा चुका है. बाल मजदूरी कानूनी तौर पर अपराध है. इसके बावजूद लोग बड़े पैमाने पर बच्चों को मजदूरी कराने के लिए ले जा रहे हैं. इसी क्रम में शनिवार को रक्सौल से दिल्ली जा रही सत्याग्रह एक्सप्रेस ट्रेन (गाड़ी संख्या 15273) से तीन बाल मज़दूरों को मुक्त (3 child laborers going to Haryana rescued Bagaha) कराया गया.

ये भी पढ़ें :- बाल मजदूरी के लिए ले जाए जा रहे 12 बच्चों को पुलिस ने किया बरामद, 1 बिचौलिया गिरफ्तार

बच्चों को चाइल्ड होम में रखने की तैयारी : सत्याग्रह एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी संख्या D4 कोच से बगहा रेलवे स्टेशन पर 3 बच्चों को उतारा गया, जिनकी उम्र 12 से 14 वर्ष है. प्रथम संस्था और चाइल्डलाइन सब सेंटर ने मिलकर जिन बच्चों को ट्रेन से बगहा स्टेशन पर उतारा उनके नाम धनीलाल कुमार (12 वर्ष), सोमा कुमार (13 वर्ष) और भरोसा कुमार (14 वर्ष) है. प्रथम संस्था के जिला संयोजक अमरपाल सिंह ने बताया कि बच्चों की फिटनेस और कोरोना जांच होगी फिर उसके बाद बाल कल्याण समिति की पीठ के समक्ष पेश किया जाएगा. पीठ के निर्देश पर बच्चों को चाइल्ड होम में रखा जाएगा.

अभिभावकों को भी किया जा रहा जागरूक : प्रथम संस्था के बगहा ब्लॉक कोऑर्डिनेटर शुभम कुमार ने बताया कि वे लोग अधिक से अधिक बच्चों को जागरूक करेंगे और उन्हें बाल मजदूरी करने से रोकेंगे. चाइल्डलाइन सब सेंटर के चंदन कुमार ने कहा कि बगहा और आसपास के इलाके से जो नाबालिग हरियाणा, उत्तराखंड और अन्य राज्यों में काम करने के मकसद से जा रहे हैं, उन बच्चों को काम करने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए उनके अभिभावकों को भी जागरूक किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें :- बाल श्रम कानून की धज्जियां उड़ा रही रेलवे, मजदूरी में लगाए गए बाल मजदूर

पश्चिम चंपारण (बगहा): पश्चिम चंपारण के आसपास के इलाके से बड़ी संख्या में बाल मजदूरों को दिल्ली, हरियाणा और पंजाब ले जाया जा रहा है. दो हफ्ते के अंदर अब तक 7 बाल मजदूरों को प्रथम संस्था और चाइल्ड लाइन की तरफ से मुक्त कराया जा चुका है. बाल मजदूरी कानूनी तौर पर अपराध है. इसके बावजूद लोग बड़े पैमाने पर बच्चों को मजदूरी कराने के लिए ले जा रहे हैं. इसी क्रम में शनिवार को रक्सौल से दिल्ली जा रही सत्याग्रह एक्सप्रेस ट्रेन (गाड़ी संख्या 15273) से तीन बाल मज़दूरों को मुक्त (3 child laborers going to Haryana rescued Bagaha) कराया गया.

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बच्चों को चाइल्ड होम में रखने की तैयारी : सत्याग्रह एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी संख्या D4 कोच से बगहा रेलवे स्टेशन पर 3 बच्चों को उतारा गया, जिनकी उम्र 12 से 14 वर्ष है. प्रथम संस्था और चाइल्डलाइन सब सेंटर ने मिलकर जिन बच्चों को ट्रेन से बगहा स्टेशन पर उतारा उनके नाम धनीलाल कुमार (12 वर्ष), सोमा कुमार (13 वर्ष) और भरोसा कुमार (14 वर्ष) है. प्रथम संस्था के जिला संयोजक अमरपाल सिंह ने बताया कि बच्चों की फिटनेस और कोरोना जांच होगी फिर उसके बाद बाल कल्याण समिति की पीठ के समक्ष पेश किया जाएगा. पीठ के निर्देश पर बच्चों को चाइल्ड होम में रखा जाएगा.

अभिभावकों को भी किया जा रहा जागरूक : प्रथम संस्था के बगहा ब्लॉक कोऑर्डिनेटर शुभम कुमार ने बताया कि वे लोग अधिक से अधिक बच्चों को जागरूक करेंगे और उन्हें बाल मजदूरी करने से रोकेंगे. चाइल्डलाइन सब सेंटर के चंदन कुमार ने कहा कि बगहा और आसपास के इलाके से जो नाबालिग हरियाणा, उत्तराखंड और अन्य राज्यों में काम करने के मकसद से जा रहे हैं, उन बच्चों को काम करने से रोकने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिए उनके अभिभावकों को भी जागरूक किया जा रहा है.

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