बगहा: आदिवासी बहुल इलाका हरनाटांड़ में इस बार थारु महोत्सव मेले का आयोजन नहीं होगा. प्रशासन इसकी अनुमति नहीं दी है. हर साल महाशिवरात्रि के मौके पर थारू महोत्सव मेला का आयोजन होता है. प्रशासन ने कोविड महामारी गाइडलाइंस के तहत इस बार मेला की अनुमति नहीं दी है.
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मेले का आयोजन नहीं होने से लोगों में निराशा
थरुहट की राजधानी हरनाटांड़ में हर साल आयोजित होने वाला थारू महोत्सव मेला का आयोजन इस बार नहीं होगा. महाशिवरात्रि के मौके पर लगने वाले इस मेला का इंतजार लोगों को लंबे समय से रहता है. आदिवासी बहुल क्षेत्र के लोगों के बीच यह मेला काफी प्रसिद्ध है. पहले यह मेला हरनाटांड़ के शिव मंदिर में लगता था, बाद में इसे थारू महोत्सव का नाम दिया गया.
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1996 में मेला लगने की हुई थी शुरुआत
दरअसल, महाशिवरात्रि के मौके पर लगने वाले इस मेला का नाम 1996 में थारू महोत्सव मेला कर दिया गया. इसकी शुरुआत उस समय के तत्कालीन एसडीएम मसूद आलम ने किया था और शिव मंदिर के बजाय इसे हरनाटांड़ उच्च विद्यालय के खेल मैदान में आयोजित किया जाने लगा. इस मेला की शुरुआत थारुओं के पारम्परिक नृत्य, संगीत से शुरू हो तीन चार दिनों तक चलता है. मेले को देखने बहुत दूर दराज के लोग देखने पहुंचते हैं.
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प्रशासन से नहीं मिली अनुमति
थारू महोत्सव मेला समिति के अध्यक्ष हरेंद्र प्रसाद ने बताया कि एक पखवारे से मेला की तैयारी चल रही थी. एसडीएम शेखर आनंद को मेला की अनुमति के लिए आवेदन भी दिया गया था लेकिन मंगलवार को अनुमंडल पदाधिकारी शेखर आनंद ने कोरोना महामारी की वजह से मेला के आयोजन की अनुमति नहीं दी. ऐसे में इलाके के लोगों में मायूसी छा गई है.