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ड्यूटी ज्वाइन करने की खुशी में कोरोना को भूले शिक्षक, लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंस की उड़ाई धज्जियां

बेतिया में नियोजित शिक्षकों की हड़ताल खत्म होने के बाद नरकटियागंज बीआरसी में योगदान देने के लिए शिक्षकों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान शिक्षकों द्वारा लॉकडाउन और सोशल डिस्टेसिंग की सरेआम धज्जियां उड़ाई गई.

बेतिया
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Published : May 6, 2020, 6:40 PM IST

पश्चिम चंपारण: जब दूसरों को शिक्षा देने वाले पढ़े-लिखे शिक्षक ही गैरजिम्मेदार की तरह पेश आएं और लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ानें लगे तो सामान्य लोगों से क्या उम्मीद करना. जिले में नियोजित शिक्षकों की हड़ताल खत्म होने के बाद नरकटियागंज बीआरसी में योगदान देने के लिए शिक्षकों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान शिक्षकों ने लॉकडाउन और सोशल डिस्टेसिंग की सरेआम धज्जियां उड़ाईं.

नरकटियागंज में लगी शिक्षकों भीड़
बता दें कि हड़ताल खत्म होने के बाद आदेश हुआ कि आवेदन देकर शिक्षक अपना योगदान दे सकते हैं, तभी सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों का जमावड़ा बीआरसी नरकटियागंज में लग गया. इस दौरान कोरोना से बचने के लिए जो नियम लगाए गए हैं, वो सारे के सारे नियम इन शिक्षकों ने तोड़ दिए.

लॉकडाउन से बेखबर शिक्षक
ऐसे में सवाल उठता है कि जब शिक्षक ही नियमों का उल्लंघन करने लगें तो समाज में इसका क्या संदेश जाएगा. शिक्षा विभाग का सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करना यह बहुत ही गंभीर मामला है. ये वही शिक्षक हैं, जो सरकार पर लगातार दबाव बना रहे थे. लेकिन जैसे ही सरकार से आदेश हुआ कि आवेदन देकर शिक्षक अपना योगदान दे सकते हैं. वैसे ही इन शिक्षकों ने सारे नियम कानून की धज्जियां उड़ा दी.

पश्चिम चंपारण: जब दूसरों को शिक्षा देने वाले पढ़े-लिखे शिक्षक ही गैरजिम्मेदार की तरह पेश आएं और लॉकडाउन में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ानें लगे तो सामान्य लोगों से क्या उम्मीद करना. जिले में नियोजित शिक्षकों की हड़ताल खत्म होने के बाद नरकटियागंज बीआरसी में योगदान देने के लिए शिक्षकों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान शिक्षकों ने लॉकडाउन और सोशल डिस्टेसिंग की सरेआम धज्जियां उड़ाईं.

नरकटियागंज में लगी शिक्षकों भीड़
बता दें कि हड़ताल खत्म होने के बाद आदेश हुआ कि आवेदन देकर शिक्षक अपना योगदान दे सकते हैं, तभी सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों का जमावड़ा बीआरसी नरकटियागंज में लग गया. इस दौरान कोरोना से बचने के लिए जो नियम लगाए गए हैं, वो सारे के सारे नियम इन शिक्षकों ने तोड़ दिए.

लॉकडाउन से बेखबर शिक्षक
ऐसे में सवाल उठता है कि जब शिक्षक ही नियमों का उल्लंघन करने लगें तो समाज में इसका क्या संदेश जाएगा. शिक्षा विभाग का सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करना यह बहुत ही गंभीर मामला है. ये वही शिक्षक हैं, जो सरकार पर लगातार दबाव बना रहे थे. लेकिन जैसे ही सरकार से आदेश हुआ कि आवेदन देकर शिक्षक अपना योगदान दे सकते हैं. वैसे ही इन शिक्षकों ने सारे नियम कानून की धज्जियां उड़ा दी.

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