बगहा: बिहार की हरहा नदी में फिर एक बार चार आंखों और एरोप्लेन जैसे पंख वाली अनोखी मछली मछुआरों को मिली है. इस मछली का वैज्ञानिक नाम 'हाईपोटोमस प्लीकॉस्टमस' यानी 'सकर माउथ कैटफिश' (Suckermouth Catfish Found In Bagaha ) है. ये दिखने में जितनी सुंदर है उससे कहीं ज्यादा खतरनाक भी है. ये फिश स्थानीय नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत बड़ी दुश्मन है.
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यह मछली बनचहरी गांव के समीप हरहा नदी में मछली मारने के दरमियान मछुआरे के जाल में फंस गई. अजीबोगरीब मछली मिलने के बाद मछली को देखने के लिए लोगों का तांता लग गया. नदी के सामने एक नया संकट मछली के रूप में देखने को मिल रहा है क्योंकि यह मछली यहां से हजारों किलोमीटर दूर दक्षिण अमेरिका की अमेज़न नदी में पाई जाती है.
विशेषज्ञों के मुताबिक इसका घर भारत की नदिया नहीं बल्कि यहां से हजारों किलोमीटर दूर अमेरिका की अमेज़न नदी में है. बावजूद जिला में चौथी दफा इस मछली का मिलना इस बात का संकेत है की अब स्थानीय नदियों में भी इस मछली की जनसंख्या बढ़ने लगी है. लिहाजा विशेषज्ञ व वैज्ञानिक भी हैरान हैं. पहली बार 20 सितंबर 2022 को एक अजीबोगरीब मछली को बनचहरी गांव के पास हरहा नदी में देखा गया.
मछली पकड़ने के दौरान यह मछुआरे के जाल में फंस गई. जानकारी मिलते ही इसे देखने के लिए लोगों का तांता लग गया. दूसरी बार 4 अक्टूबर 2022 को बगहा प्रखंड के चंद्रपुर अतुल पंचायत के रोहुआ नदी में मछली मारने गए मछुआरों को सकर माउथ कैटफिश मिली थी. तीसरी दफा 13 नंबर 2022 को नवलपुर थाना क्षेत्र के ढ़ढ़वा पंचायत के दूधियाआ गाँव के बॉर्डर के ठकरहा प्रखंड के हरपुर पंचायत के पुरैना में रोहुआ नदी में यह मछली मिली थी.
चौथी दफा यह मछली ठीक 2 महीने बाद रविवार को जहां पहली दफा मिली थी उसी जगह पर हरहा नदी में मिली है. लगातार मिल रही यह मछली लोगों के लिए यह दुर्लभ मछली कौतूहल का विषय बन गई है. हैरान करने वाली बात ये है कि आमतौर पर यह मछली हजारों किलोमीटर दूर दक्षिण अमेरिका की अमेजन नदी में पाई जाती है. हालांकि भारत में सबसे पहले पिछले साल इसे वाराणसी में गंगा नदी में देखा गया था.