पश्चिमी चंपारण: गंडक नदी के जलस्तर में रिकॉर्ड वृद्धि के बाद इंडो-नेपाल सीमा के चकदहवा और झंडु टोला में बाढ़ आ गई है, जिसमें सैकड़ों परिवार डूब गए. एसएसबी ने डूबे परिवारों को रेस्क्यू कर नाव से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है. साथ ही सामाजिक चेतना कार्यक्रम के तहत एसएसबी कमांडेंट ने गूंज संस्था के साथ मिलकर पीड़ितों के बीच राशन भी बांटा है.
एसएसबी ने बाढ़ पीड़ितों को नाव से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया
बाढ़ और उसकी त्रासदी से इंडो-नेपाल सीमा के चकदहवा और झंडु टोला में एसएसबी ने बाढ़ में फंसे सैकड़ों परिवारों को रेस्क्यू कर नाव से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है. साथ ही सामाजिक चेतना कार्यक्रम के तहत 21 बटालियन के एसएसबी कमांडेंट राजेन्द्र भारद्वाज ने गूंज संस्था के साथ मिलकर पीड़ितों के बीच राशन भी बांटा है. बता दें कि लक्ष्मीपुर रमपुरवा पंचायत अंतर्गत झंडु टोला, चकदहवा और कान्हा टोली के सैकड़ों परिवार एक सप्ताह से बाढ़ में फंसे थे.
मंगलवार को बढ़ गया था बाढ़ का पानी
मंगलवार को जब गंडक नदी से रिकॉर्ड पानी छोड़ा गया तो इलाके में 7 से 8 फीट पानी चलने लगा, जिसके बाद एसएसबी जवानों ने ग्रामीण नाविकों के साथ मिल कर लोगों को भेड़िहारी स्कूल में पहुंचाया. रमपुरवा बीओपी के एसएसबी इंस्पेक्टर अमित शर्मा ने बताया कि एसएसबी और ग्रामीणों ने नाव से सैकड़ों लोगों को भेड़िहारी स्थित स्कूल में पहुंचाया जहां राशन का वितरण किया गया.