बगहा: एसपी ने सेमरा थानाध्यक्ष प्रभात समीर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. एसआई पर आरोप है कि उन्होंने आदिवासी मृत छात्रा के गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी और उसके परिजनों को दिग्भ्रमित करते हुए तीन दिनों तक इधर-उधर घुमाया गया. लिहाजा इस कांड की समीक्षा के दौरान एसपी ने कर्तव्यहीनता के आरोप में एसआई को निलंबित कर दिया है.
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प्राथमिकी दर्ज नहीं करना थानेदार को पड़ा महंगा
बगहा पुलिस जिला अंतर्गत सेमरा (चिउटाहां ओपी) थाना कांड संख्या 27/2021 के समीक्षा के क्रम में कर्तव्यहीनता की बात सामने आई. नतीजतन पुलिस अधीक्षक किरण कुमार गोरख जाधव ने सेमरा थानाध्यक्ष प्रभात समीर को सस्पेंड कर दिया. एसपी द्वारा निकाले गए आदेशपत्र में इस बात का जिक्र है कि उक्त कांड के वादी प्रभु उरांव की पुत्री ममता उरांव के गुमशुदगी के संबंध में प्राथमिकी के लिए परिजनों को इन्होंने दिग्भ्रमित किया.
निलंबन की उठ रही थी मांग
दरअसल, 14 मार्च की शाम बेतिया से सिपाही भर्ती की परीक्षा देकर लौटी आदिवासी छात्रा ममता उरांव के परिजनों ने सेमरा थाना में गुमशुदगी का रिपोर्ट दर्ज करवाने की कोशिश की लेकिन थानाध्यक्ष ने उन्हें चिउटाहां ओपी और पटखौली ओपी का मामला बता दो तीन दिनों तक थानों के चक्कर लगवाए और 18 मार्च को आदिवासी छात्रा का शव नहर से बरामद हुआ.
उमाशंकर मांझी बनाये गए नए थानाध्यक्ष
इस घटना में दुष्कर्म कर हत्या करने की बात सामने आई और तब से इलाके के लोग पुलिस के कार्यशैली को ले जगह जगह प्रदर्शन कर रहे थे और थानेदारों के निलंबन की मांग कर रहे थे. लिहाजा पुलिस अधीक्षक ने सेमरा थाना के नए थानाध्यक्ष के तौर पर उमाशंकर मांझी की तैनाती की है.