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वाल्मीकि टाइगर रिजर्व से कीमती लकड़ियों की तस्करी, वन विभाग की कार्रवाई में 3 गिरफ्तार - पश्चिमी चंपारण न्यूज

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल में घुसे वन तस्करों को वन विभाग टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. तस्करी कर लकड़ियों को नाव से नेपाल ले जाने के फिराक में थे.

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व
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Published : Aug 11, 2019, 6:08 PM IST

पश्चिमी चंपारण: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में घुसे तीन वन तस्करों को वन विभाग टीम ने देर रात छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया. जिसमें दो नेपाली और एक भारतीय युवक शामिल है. वन तस्कर लकड़ियों को नाव से नेपाल ले जाने के फिराक में थे. गुप्त सूचना के आधार पर वन विभाग ने वन प्रमंडल 2 के अंतर्गत चुलभट्टा जंगल के कक्ष संख्या एम-29 के पास से इन्हें पकड़ा.

कीमती लकड़ियों की तस्करी कर रहे 3 गिरफ्तार

वन विभाग ने की कार्रवाई
वन विभाग को एक रात पहले ही सूचना मिली थी कि बड़े पैमाने पर लकड़ी तस्कर चुलभट्टा जंगल मे सक्रिय हैं. तभी से वन विभाग की टीम तस्करों की तलाश में जुटी हुई है. तभी देर रात 28 तस्कर कक्ष संख्या एम 29 के पास पहुंचे और कीमती लकड़ियों की कटाई करने लगे. उसी वक्त वन विभाग की टीम वहां पहुंच गई और वन तस्करियों को रंगे हाथ पकड़ लिया और उन पर कार्रवाई शुरू कर दी

sumuggling resources
तस्करी का साधन
.

नेपाल ले जा रहे थे लकड़ियां
वन विभाग की टीम जब वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पहुंची तो दर्जनों की संख्या में वन तस्करी वहां मौजूद थे. जिसमें से तकरीबन दो दर्जन तस्कर टीम को देखते ही वहां से भागने में सफल हो गए पर उनमें से तीन तस्कर पुलिस के हत्थे चढ़ गए. जिसमें दो नेपाली युवक मुरारी केवट और नोनिया टिकोरी और एक बगहा के रामलखन बिन शामिल है. इनके पास से लकड़ी ढोने और काटने के उपकरण भी जब्त हुए हैं. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल से तस्करी कर लकड़ियों को नाव से नेपाल ले जा रहे थे.

3 smugglers arrested
वन तस्कर गिरफ्तार

कीमती लकड़ियों की करते हैं तस्करी
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सागवान, सखुआ, सतशाल और धूप जैसी कीमती लकड़ियां मौजूद हैं. जिस पर वन तस्करों की बुरी नजर रहती है.वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के अंतर्गत चुलभट्टा के जंगल को किसी भी प्रकार के तस्करी के लिए सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है. जिससे वो आसानी से नाव के माध्यम से नेपाल निकल जाते हैं.

Smuggling of wood
सागवान की लकड़ियों की तस्करी

पश्चिमी चंपारण: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में घुसे तीन वन तस्करों को वन विभाग टीम ने देर रात छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया. जिसमें दो नेपाली और एक भारतीय युवक शामिल है. वन तस्कर लकड़ियों को नाव से नेपाल ले जाने के फिराक में थे. गुप्त सूचना के आधार पर वन विभाग ने वन प्रमंडल 2 के अंतर्गत चुलभट्टा जंगल के कक्ष संख्या एम-29 के पास से इन्हें पकड़ा.

कीमती लकड़ियों की तस्करी कर रहे 3 गिरफ्तार

वन विभाग ने की कार्रवाई
वन विभाग को एक रात पहले ही सूचना मिली थी कि बड़े पैमाने पर लकड़ी तस्कर चुलभट्टा जंगल मे सक्रिय हैं. तभी से वन विभाग की टीम तस्करों की तलाश में जुटी हुई है. तभी देर रात 28 तस्कर कक्ष संख्या एम 29 के पास पहुंचे और कीमती लकड़ियों की कटाई करने लगे. उसी वक्त वन विभाग की टीम वहां पहुंच गई और वन तस्करियों को रंगे हाथ पकड़ लिया और उन पर कार्रवाई शुरू कर दी

sumuggling resources
तस्करी का साधन
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नेपाल ले जा रहे थे लकड़ियां
वन विभाग की टीम जब वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पहुंची तो दर्जनों की संख्या में वन तस्करी वहां मौजूद थे. जिसमें से तकरीबन दो दर्जन तस्कर टीम को देखते ही वहां से भागने में सफल हो गए पर उनमें से तीन तस्कर पुलिस के हत्थे चढ़ गए. जिसमें दो नेपाली युवक मुरारी केवट और नोनिया टिकोरी और एक बगहा के रामलखन बिन शामिल है. इनके पास से लकड़ी ढोने और काटने के उपकरण भी जब्त हुए हैं. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के जंगल से तस्करी कर लकड़ियों को नाव से नेपाल ले जा रहे थे.

3 smugglers arrested
वन तस्कर गिरफ्तार

कीमती लकड़ियों की करते हैं तस्करी
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सागवान, सखुआ, सतशाल और धूप जैसी कीमती लकड़ियां मौजूद हैं. जिस पर वन तस्करों की बुरी नजर रहती है.वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना के अंतर्गत चुलभट्टा के जंगल को किसी भी प्रकार के तस्करी के लिए सुरक्षित क्षेत्र माना जाता है. जिससे वो आसानी से नाव के माध्यम से नेपाल निकल जाते हैं.

Smuggling of wood
सागवान की लकड़ियों की तस्करी
Intro:वन विभाग ने देर रात छापेमारी कर तीन वन तस्करों को लकड़ी काटते रंगे हांथों गिरफ्तार कर लिया। इन तस्करों में दो नेपाली व एक भारतीय युवक शामिल है। गुप्त सूचना के आधार पर वन विभाग ने वन प्रमंडल 2 अंतर्गत चुलभट्टा जंगल के कक्ष संख्या M- 29 के पास से इन्हें धर दबोचा। गिरफ्तार तस्करों को जेल भेज दिया गया है।


Body:वन विभाग को एक पखवाड़े पूर्व ही सूचना मिली थी कि बड़े पैमाने पर लकड़ी तस्कर चुलभट्टा जंगल मे सक्रिय हैं। इसी के मद्देनजर वनरक्षियों की एक टीम बना वन विभाग कई दिनों से तस्करों की तलाश में था। देर रात्रि तकरीबन 28 की संख्या में तस्कर कक्ष संख्या एम 29 के पास पहुँचे और कीमती जंगली लकड़ियों कटाई करने लगे। उसी दरम्यान वन विभाग की टीम ने धावा बोल दिया और कटाई कर रखे 5 लकड़ियों को जब्त कर लिया। तस्कर इन लकड़ियों को नाव द्वारा नेपाल ले जाने के फिराक में थे। हलांकि वन विभाग के टीम के पहुचते ही तकरीबन दो दर्जन तस्कर भागने में सफल रहे और 3 तस्कर पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इनके पास से लकड़ी ढोने व काटने के उपकरण भी जब्त हुए हैं। इन गिरफ्तार तस्करों में दो नेपाली युवक क्रमशः मुरारी केवट और नोनिया टिकोरी सहित बगहा के पिपरासी अंतर्गत रामलखन बिन शामिल है। वन विभाग के रेंजर ने बताया कि वन तस्करों के गतिविधि की सूचना के तहत यह कार्रवाई हुई है।


Conclusion:वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में सागवान, सखुआ, सतशाल व धूप जैसी कीमती लकड़ियां मौजूद हैं जिन पर वन तस्करों की कुदृष्टि रहती है। खासकर वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना अंतर्गत चुलभट्टा का जंगल किसी भी प्रकार के तस्करी के लिए सेफज़ोन माना जाता है। तस्कर इस क्षेत्र से आसानी से नाव के माध्यम से नेपाल निकल जाते हैं।
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