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सत्ता की धौंस दिखा रही CDPO का भ्रष्टाचार चरम सीमा पर! बावजूद मिली है 4 प्रखंडों की जिम्मेदारी - ईटीवी भारत की खबर

ईटीवी भारत संवाददाता ने जब एसडीपीओ पर उनके ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर बात करनी चाही. तो उन्होंने तुरंत रामनगर विधायक को फोन घुमा दिया और रिपोर्टर को धौंस दिखाने लगीं. देखें पूरी रिपोर्ट

बिहार में भ्रष्टाचार
बिहार में भ्रष्टाचार
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Published : Jan 3, 2021, 9:49 PM IST

Updated : Jan 3, 2021, 10:51 PM IST

पश्चिमी चंपारण : जिला के कई प्रखंडों में समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का अड्डा बनी हुई है. ईटीवी भारत के हाथ लगी जांच प्रतिवेदन में इस बात का खुलासा हुआ है. दरअसल, यहां अनिता कुमारी जो सीडीपीओ के पद पर थीं. उनपर दो-दो बार प्रपत्र 'क' के तहत बर्खास्तगी की अनुशंसा की गई. बावजूद उनको चार प्रखंडों का प्रभार सौंप दिया गया. इस बाबत माले विधायक ने भी प्रशासन और सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

जिला अंतर्गत मधुबनी, पिपरासी, रामनगर सहित बगहा प्रखंड के पद को सुशोभित कर रही सीडीपीओ अनिता कुमारी पर बगहा एक प्रखंड का सीडीपीओ रहते एक वर्ष पहले अनियमितता बरतने के कई मामलों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे. लिहाजा, तत्कालीन एसडीएम विजय प्रकाश मीणा और तत्कालीन डीएम डॉ. नीलेश रामचंद्र देवड़े ने सीडीपीओ को भ्रष्टाचार में लिप्त पाया और उन पर दो- दो बार प्रपत्र 'क' के तहत बर्खास्तगी की अनुशंसा की. बावजूद इसके वर्तमान समय में उक्त सीडीपीओ को चार प्रखंडों की जिम्मेदारी दी गई है.

देखें ये रिपोर्ट

पदभार ग्रहण करते ही शुरू हुआ खेल!
वहीं, अनिता कुमारी पर एक बार फिर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है. रामनगर प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या- 87, 102, 220 और 221 की सेविकाओं ने सीडीपीओ पर 3 लाख घूस की राशि लेकर अन्य अभ्यर्थियों की बहाली का आरोप लगाया है. सेविकाओं का कहना है कि आम सभा मे उनका चयन हो गया था लेकिन जैसे ही सीडीपीओ अनिता कुमारी को प्रभार मिला, तो वे इन सभी चयनित सेविकाओं से घूस मांगने लगी. उन्होंने घूस देने से इनकार कर दिया तो उनकी बहाली रद्द कर दूसरे अभ्यर्थियों को सेविका पद पर बहाल कर दिया. इस मामले को लेकर चयनमुक्त सेविकाओं ने एसडीएम शेखर आनंद को आवेदन देकर जांच कर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है.

पहले हो चुकी है कार्रवाई
पहले हो चुकी है कार्रवाई

सीडीपीओ दिखाती हैं सत्ता की धौंस
इतना ही नहीं, कहानी यहीं पर खत्म नहीं होती. कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर मैपिंग में भी अनियमितता बरतने का आरोप सामने आया है. बता दें कि इसके पूर्व भी सीडीपीओ पर सेविका बहाली में राशि की उगाही करने, सेविकाओं को मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने और टीएचआर वितरण में लापरवाही बरतने समेत कई गंभीर आरोपों की पुष्टि हो चुकी है. ऐसे में जब इस बाबत ईटीवी भारत संवाददाता ने सीडीपीओ से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने रामनगर विधायक भागीरथी देवी की धौंस दिखानी शुरू कर दी और फोन लगाकर उनसे बात करने का दबाव बनाने लगीं.

दोषी पायी जा चुकी हैं अनीता
दोषी पायी जा चुकी हैं अनीता

'एक सीडीपीओ कई प्रखंडों को संभाल रहीं हैं. निश्चित ही इसमें सरकार के बड़े अधिकारियों और नेताओं की संलिप्तता होगी. ये जांच का विषय है. अनियमितता बरती जा रही है. भ्रष्टाचार पर रोक लगने के लिए सीडीपीओ पर कार्रवाई होनी चाहिए.'- वीरेंद्र गुप्ता, माले विधायक, सिकटा

पढ़ें और देखें ये रिपोर्ट : सुप्तावस्था में है बिहार का लोकायुक्त Act!, नहीं कम हो रहा भ्रष्टाचार

कार्रवाई कब ?
सीडीपीओ अनिता कुमारी फिलहाल चार प्रखण्डों के प्रभार में हैं और अमूमन सभी प्रखंडों में इनके खिलाफ शिकायतों की भरमार है. जांच प्रतिवेदन के मुताबिक सीडीपीओ अपने कार्यालय के नियोजित सांख्यिकी सहायक सोहन कुमार के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के कार्यों को अंजाम देती आ रही हैं. लिहाजा, दोनों को डिसमिस करने की अनुशंसा की गई थी. वहीं, पूरे मामले पर एसडीएम शेखर आनंद ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है.

पश्चिमी चंपारण : जिला के कई प्रखंडों में समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का अड्डा बनी हुई है. ईटीवी भारत के हाथ लगी जांच प्रतिवेदन में इस बात का खुलासा हुआ है. दरअसल, यहां अनिता कुमारी जो सीडीपीओ के पद पर थीं. उनपर दो-दो बार प्रपत्र 'क' के तहत बर्खास्तगी की अनुशंसा की गई. बावजूद उनको चार प्रखंडों का प्रभार सौंप दिया गया. इस बाबत माले विधायक ने भी प्रशासन और सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.

जिला अंतर्गत मधुबनी, पिपरासी, रामनगर सहित बगहा प्रखंड के पद को सुशोभित कर रही सीडीपीओ अनिता कुमारी पर बगहा एक प्रखंड का सीडीपीओ रहते एक वर्ष पहले अनियमितता बरतने के कई मामलों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे. लिहाजा, तत्कालीन एसडीएम विजय प्रकाश मीणा और तत्कालीन डीएम डॉ. नीलेश रामचंद्र देवड़े ने सीडीपीओ को भ्रष्टाचार में लिप्त पाया और उन पर दो- दो बार प्रपत्र 'क' के तहत बर्खास्तगी की अनुशंसा की. बावजूद इसके वर्तमान समय में उक्त सीडीपीओ को चार प्रखंडों की जिम्मेदारी दी गई है.

देखें ये रिपोर्ट

पदभार ग्रहण करते ही शुरू हुआ खेल!
वहीं, अनिता कुमारी पर एक बार फिर भ्रष्टाचार का आरोप लग रहा है. रामनगर प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या- 87, 102, 220 और 221 की सेविकाओं ने सीडीपीओ पर 3 लाख घूस की राशि लेकर अन्य अभ्यर्थियों की बहाली का आरोप लगाया है. सेविकाओं का कहना है कि आम सभा मे उनका चयन हो गया था लेकिन जैसे ही सीडीपीओ अनिता कुमारी को प्रभार मिला, तो वे इन सभी चयनित सेविकाओं से घूस मांगने लगी. उन्होंने घूस देने से इनकार कर दिया तो उनकी बहाली रद्द कर दूसरे अभ्यर्थियों को सेविका पद पर बहाल कर दिया. इस मामले को लेकर चयनमुक्त सेविकाओं ने एसडीएम शेखर आनंद को आवेदन देकर जांच कर कार्रवाई करने की गुहार लगाई है.

पहले हो चुकी है कार्रवाई
पहले हो चुकी है कार्रवाई

सीडीपीओ दिखाती हैं सत्ता की धौंस
इतना ही नहीं, कहानी यहीं पर खत्म नहीं होती. कई आंगनबाड़ी केंद्रों पर मैपिंग में भी अनियमितता बरतने का आरोप सामने आया है. बता दें कि इसके पूर्व भी सीडीपीओ पर सेविका बहाली में राशि की उगाही करने, सेविकाओं को मानसिक तौर पर प्रताड़ित करने और टीएचआर वितरण में लापरवाही बरतने समेत कई गंभीर आरोपों की पुष्टि हो चुकी है. ऐसे में जब इस बाबत ईटीवी भारत संवाददाता ने सीडीपीओ से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने रामनगर विधायक भागीरथी देवी की धौंस दिखानी शुरू कर दी और फोन लगाकर उनसे बात करने का दबाव बनाने लगीं.

दोषी पायी जा चुकी हैं अनीता
दोषी पायी जा चुकी हैं अनीता

'एक सीडीपीओ कई प्रखंडों को संभाल रहीं हैं. निश्चित ही इसमें सरकार के बड़े अधिकारियों और नेताओं की संलिप्तता होगी. ये जांच का विषय है. अनियमितता बरती जा रही है. भ्रष्टाचार पर रोक लगने के लिए सीडीपीओ पर कार्रवाई होनी चाहिए.'- वीरेंद्र गुप्ता, माले विधायक, सिकटा

पढ़ें और देखें ये रिपोर्ट : सुप्तावस्था में है बिहार का लोकायुक्त Act!, नहीं कम हो रहा भ्रष्टाचार

कार्रवाई कब ?
सीडीपीओ अनिता कुमारी फिलहाल चार प्रखण्डों के प्रभार में हैं और अमूमन सभी प्रखंडों में इनके खिलाफ शिकायतों की भरमार है. जांच प्रतिवेदन के मुताबिक सीडीपीओ अपने कार्यालय के नियोजित सांख्यिकी सहायक सोहन कुमार के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के कार्यों को अंजाम देती आ रही हैं. लिहाजा, दोनों को डिसमिस करने की अनुशंसा की गई थी. वहीं, पूरे मामले पर एसडीएम शेखर आनंद ने जांच कर कार्रवाई की बात कही है.

Last Updated : Jan 3, 2021, 10:51 PM IST
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