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7वीं की परीक्षा के प्रश्नपत्र पर बवाल: संजय जायसवाल ने JDU-RJD को बताया PFI समर्थक - Sanjay Jaiswal Attacked CM Nitish

शिक्षा विभाग द्वारा पूछे गए सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भड़क (Sanjay Jaiswal Attacked CM Nitish) गए. उन्होंने कि बिहार सरकार और उनके अफसरों का पीएफआई से कनेक्शन है. पढ़ें पूरी खबर..

प्रश्नपत्र पर भड़के संजय जायसवाल
प्रश्नपत्र पर भड़के संजय जायसवाल
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Published : Oct 19, 2022, 2:36 PM IST

बेतिया: बिहार के किशनगंज में सातवीं कक्षा (वर्ग) के अर्धवार्षिक परीक्षा में अंग्रेजी के प्रश्न पत्र (bihar exam asks about kashmir in Kishanganj) में पूछे गए एक सवाल को लेकर बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधा है. यह मामला किशनगंज का है, जहां कश्मीर को अलग देश बताते हुए एक प्रश्न पूछा गया. उसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. प्रश्न पत्र के सामने आने के बाद भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जेडीयू और आरजे़डी के गठबंधन को पीएफआई का समर्थक (JDU RJD supporter of PFI Says Sanjay Jaiswal) बता दिया.

ये भी पढ़ेंः सीमांचल में कश्मीर पर पूछे गए सवाल गलत, जांच कर दोषी अधिकारी पर होगी कार्रवाई- मंत्री जयंत राज

संजय जायसवाल ने JDU RJD को बोला PFI समर्थक: बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि, बिहार सरकार अभी भी चुप है. दूसरे देशों में रहने वालों को क्या कहा जाता है, भारत में रहने वालों को क्या कहा जाता है और कश्मीर में रहने वालों को क्या कहा जाता है, यह प्रश्न अपने आप में बताता है कि बिहार सरकार के अफसर मानते हैं कि नेपाल, इंग्लैंड, चीन और भारत की तरह कश्मीर भी एक अलग देश है.

''इसका सबसे बड़ा सबूत सातवीं कक्षा का बिहार शिक्षा परियोजना परिषद का प्रश्न पत्र है जो बच्चों के दिमाग में यह डालने का काम कर रहा है कि जिस प्रकार चीन, इंग्लैंड, भारत, नेपाल एक देश हैं, वैसे ही कश्मीर भी एक राष्ट्र है. रबर स्टैंप मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह हैसियत भी नहीं है कि इस सरकारी कर्मचारी पर कोई कार्रवाई कर सकें. क्योंकि पीएफआई समर्थक सरकारी कर्मचारियों के बदौलत ही वो मुख्यमंत्री हैं.'' - संजय जायसवाल, बिहार बीजेपी अध्यक्ष

जायसवाल का नीतीश पर निशाना: उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार की मानसिकता आज शरजील इमाम वाली बन गई है. प्रधानमंत्री बनने के चाहत में वह इतने बेचैन हैं कि सातवीं कक्षा के बच्चों को देश विरोधी प्रश्नों के द्वारा बरगलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे लिखा कि शीघ्र ही इस तरह के प्रश्न बिहार सरकार 2047 के पीएफआई एजेंडे पर भी पूछेगी और फिर इनके अफसर कहेंगे कि इस तरह की बातों को तूल देने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने अपने पोस्ट के अंत में कहा है कि यह प्रश्न केवल अररिया, पूर्णिया और किशनगंज मे पूछा जाता है. मैं बिहार के आम नागरिकों के निर्णय के लिए छोड़ता हूं कि बिहार सरकार किस दिशा में जा रही है आप स्वयं तय करें.

'दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी'- शिक्षा मंत्री: इस मामले में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा है कि मामले को हम देख रहे हैं जिलाधिकारी से हमारी बात हुई है और जिस तरह के प्रश्न पत्र पूछे गए थे कश्मीर को लेकर वह पूरी तरह से गलत है. हम मानते हैं कि कश्मीर हमारे देश का अभिन्न अंग है और इस मामले में जो भी अधिकारी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी.

''गलती हुई है. लेकिन आखिर गलती किन कारणों से हुई, वो भी जांच की जाएगी और जो भी दोषी अधिकारी होंगे उन पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, उनसे भी गलती होती है. उस पर भी आप ध्यान दीजिए. वह तक्षशिला विश्वविद्यालय को भारत में बताते हैं वह विक्रमशिला के बदले तक्षशिला विश्वविद्यालय बोलते हैं, तो गलती उनसे भी हुई, जबकि तक्षशिला पाकिस्तान में है. गलती किसी से भी हो सकती है. लेकिन जिस तरह की गलती सीमांचल में प्रश्न पत्र पर कश्मीर को लेकर की गई है उस गलती को हमने देखा है और वहां के जिलाधिकारी से हमारी बात हुई है, जांच हो रहा है. इस मामले में जो भी दोषी अधिकारी होंगे उस पर विभाग कार्रवाई करेगा.'' - चंद्रशेखर, बिहार के शिक्षा मंत्री

क्या है पूरा मामला?: किशनगंज जिले में सरकारी स्कूल में सातवीं कक्षा के अर्धवार्षिक परीक्षा में एक प्रश्न पूछा गया जिसे देखकर सभी हैरान हैं. बिहार शिक्षा बोर्ड द्वारा सरकारी स्कूलों के कक्षा 7 के प्रश्न पत्र में दावा किया गया है कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं (What Are The People Of Kashmir Called) है, बल्कि एक अलग देश (Kashmir Separate Nation In Kishanganj School Exam) है. छात्रों से परीक्षा में यह प्रश्न पूछा गया कि पांच देशों- चीन, नेपाल, इंग्लैंड, कश्मीर और भारत के लोगों को क्या कहा जाता है.

कश्मीर को बताया अगल राष्ट्र: बता दें कि जिले के माध्यमिक विद्यालयों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत परीक्षा आयोजित की जा रही है. जो राज्य में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपीसी) द्वारा देखी जाती है. ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है, इससे पूर्व 2017 में भी इस तरह का मामला प्रकाश में आया था और इसी प्रश्न को तब भी पूछा गया था. तब काफी हाय तौबा मची थी और मानवीय भूल बताया गया था.

पहले भी हो चुके हैं इस तरह के कारनामे: इस पूरे मामले पर आशा लता मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक का कहना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए और शिक्षक द्वार भी इस तरह की भूल का बार-बार होना सही नहीं है. एक शिक्षक ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. वहीं पूरा मामला सामने आने के बाद बीजेपी के नेता गर्म हैं. भाजपा जिला अध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि 'कश्मीर के लिए भारत के कितनी मां की गोद सूनी हो चुकी है और एक साजिश के तहत बिहार में इस तरह का कृत्य किया जा रहा है.'

बेतिया: बिहार के किशनगंज में सातवीं कक्षा (वर्ग) के अर्धवार्षिक परीक्षा में अंग्रेजी के प्रश्न पत्र (bihar exam asks about kashmir in Kishanganj) में पूछे गए एक सवाल को लेकर बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधा है. यह मामला किशनगंज का है, जहां कश्मीर को अलग देश बताते हुए एक प्रश्न पूछा गया. उसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. प्रश्न पत्र के सामने आने के बाद भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जेडीयू और आरजे़डी के गठबंधन को पीएफआई का समर्थक (JDU RJD supporter of PFI Says Sanjay Jaiswal) बता दिया.

ये भी पढ़ेंः सीमांचल में कश्मीर पर पूछे गए सवाल गलत, जांच कर दोषी अधिकारी पर होगी कार्रवाई- मंत्री जयंत राज

संजय जायसवाल ने JDU RJD को बोला PFI समर्थक: बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि, बिहार सरकार अभी भी चुप है. दूसरे देशों में रहने वालों को क्या कहा जाता है, भारत में रहने वालों को क्या कहा जाता है और कश्मीर में रहने वालों को क्या कहा जाता है, यह प्रश्न अपने आप में बताता है कि बिहार सरकार के अफसर मानते हैं कि नेपाल, इंग्लैंड, चीन और भारत की तरह कश्मीर भी एक अलग देश है.

''इसका सबसे बड़ा सबूत सातवीं कक्षा का बिहार शिक्षा परियोजना परिषद का प्रश्न पत्र है जो बच्चों के दिमाग में यह डालने का काम कर रहा है कि जिस प्रकार चीन, इंग्लैंड, भारत, नेपाल एक देश हैं, वैसे ही कश्मीर भी एक राष्ट्र है. रबर स्टैंप मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह हैसियत भी नहीं है कि इस सरकारी कर्मचारी पर कोई कार्रवाई कर सकें. क्योंकि पीएफआई समर्थक सरकारी कर्मचारियों के बदौलत ही वो मुख्यमंत्री हैं.'' - संजय जायसवाल, बिहार बीजेपी अध्यक्ष

जायसवाल का नीतीश पर निशाना: उन्होंने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार की मानसिकता आज शरजील इमाम वाली बन गई है. प्रधानमंत्री बनने के चाहत में वह इतने बेचैन हैं कि सातवीं कक्षा के बच्चों को देश विरोधी प्रश्नों के द्वारा बरगलाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने आगे लिखा कि शीघ्र ही इस तरह के प्रश्न बिहार सरकार 2047 के पीएफआई एजेंडे पर भी पूछेगी और फिर इनके अफसर कहेंगे कि इस तरह की बातों को तूल देने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने अपने पोस्ट के अंत में कहा है कि यह प्रश्न केवल अररिया, पूर्णिया और किशनगंज मे पूछा जाता है. मैं बिहार के आम नागरिकों के निर्णय के लिए छोड़ता हूं कि बिहार सरकार किस दिशा में जा रही है आप स्वयं तय करें.

'दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी'- शिक्षा मंत्री: इस मामले में बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा है कि मामले को हम देख रहे हैं जिलाधिकारी से हमारी बात हुई है और जिस तरह के प्रश्न पत्र पूछे गए थे कश्मीर को लेकर वह पूरी तरह से गलत है. हम मानते हैं कि कश्मीर हमारे देश का अभिन्न अंग है और इस मामले में जो भी अधिकारी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी.

''गलती हुई है. लेकिन आखिर गलती किन कारणों से हुई, वो भी जांच की जाएगी और जो भी दोषी अधिकारी होंगे उन पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाएगी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है, उनसे भी गलती होती है. उस पर भी आप ध्यान दीजिए. वह तक्षशिला विश्वविद्यालय को भारत में बताते हैं वह विक्रमशिला के बदले तक्षशिला विश्वविद्यालय बोलते हैं, तो गलती उनसे भी हुई, जबकि तक्षशिला पाकिस्तान में है. गलती किसी से भी हो सकती है. लेकिन जिस तरह की गलती सीमांचल में प्रश्न पत्र पर कश्मीर को लेकर की गई है उस गलती को हमने देखा है और वहां के जिलाधिकारी से हमारी बात हुई है, जांच हो रहा है. इस मामले में जो भी दोषी अधिकारी होंगे उस पर विभाग कार्रवाई करेगा.'' - चंद्रशेखर, बिहार के शिक्षा मंत्री

क्या है पूरा मामला?: किशनगंज जिले में सरकारी स्कूल में सातवीं कक्षा के अर्धवार्षिक परीक्षा में एक प्रश्न पूछा गया जिसे देखकर सभी हैरान हैं. बिहार शिक्षा बोर्ड द्वारा सरकारी स्कूलों के कक्षा 7 के प्रश्न पत्र में दावा किया गया है कि कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं (What Are The People Of Kashmir Called) है, बल्कि एक अलग देश (Kashmir Separate Nation In Kishanganj School Exam) है. छात्रों से परीक्षा में यह प्रश्न पूछा गया कि पांच देशों- चीन, नेपाल, इंग्लैंड, कश्मीर और भारत के लोगों को क्या कहा जाता है.

कश्मीर को बताया अगल राष्ट्र: बता दें कि जिले के माध्यमिक विद्यालयों में सर्व शिक्षा अभियान के तहत परीक्षा आयोजित की जा रही है. जो राज्य में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपीसी) द्वारा देखी जाती है. ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है, इससे पूर्व 2017 में भी इस तरह का मामला प्रकाश में आया था और इसी प्रश्न को तब भी पूछा गया था. तब काफी हाय तौबा मची थी और मानवीय भूल बताया गया था.

पहले भी हो चुके हैं इस तरह के कारनामे: इस पूरे मामले पर आशा लता मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक का कहना है कि ऐसा नहीं होना चाहिए और शिक्षक द्वार भी इस तरह की भूल का बार-बार होना सही नहीं है. एक शिक्षक ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. वहीं पूरा मामला सामने आने के बाद बीजेपी के नेता गर्म हैं. भाजपा जिला अध्यक्ष सुशांत गोप ने कहा कि 'कश्मीर के लिए भारत के कितनी मां की गोद सूनी हो चुकी है और एक साजिश के तहत बिहार में इस तरह का कृत्य किया जा रहा है.'

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