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बगहाः इस स्कूल में बहुत कुछ है खास, इलाके के लोग ले रहे प्रेरणा - बगहा का खास स्कूल

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि प्रखंड के दूसरे विद्यालयों को इन से प्रेरणा लेनी चाहिए.

बगहा
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Published : Nov 21, 2019, 3:30 PM IST

प. चंपारण: इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित बगहा के वाल्मीकिनगर के रोहुआ टोला का राजकीय प्राथमिक विद्यालय इको फ्रेंडली होने की वजह से इन दिनों आकर्षण और चर्चा का केंद्र बना हुआ है. इस विद्यालय को जिले का एकमात्र ऐसा सरकारी विद्यालय होने का गौरव हासिल है जो आनंदमयी माहौल में शिक्षा के साथ-साथ स्वस्छता और पर्यावरण संतुलन का बेहतर संदेश दे रहा है.

पर्यावरण संतुलन का संदेश देता स्कूल
जहां एक तरफ नियोजित शिक्षकों को लेकर कई सवाल उठते हैं. वहीं, इस विद्यालय के नियोजित शिक्षक लखन प्रसाद ने विद्यालय को ऐसी दिशा दी है जिसकी सराहना चारों तरफ हो रही है. विद्यालय के इस प्रधान शिक्षक ने स्कूल परिसर को इको फ्रेंडली बनाने में कोई कोर-कसर नही छोड़ी है. विद्यालय में आपको पर्यावरण संतुलन का संदेश देते हरे-भरे पेड़ पौधे तो दिखेंगे ही साथ ही छात्रों के लिए एक पोषक वाटिका भी बनाया गया है. जहां हरी सब्जियां उगाई जाती हैं. इसके अलावा विद्यालय में सीता वाटिका भी है.

बगहा
स्कूल का एक पोषक वाटिका

पेड़ों पर लिखे हैं राष्ट्रपति के नाम
इतना ही नहीं छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षण को सहज बनाने के लिए विद्यालय का रंग-रोगन भी इसी हिसाब से किया गया है कि विद्यार्थियों की नजर उस पर जा टीके. मसलन विद्यालय के प्रत्येक दीवार पर हिंदी वर्णमाला, अंग्रेजी अल्फाबेट्स, गिनती और सामान्य ज्ञान की तमाम जानकारियों को भी अंकित किया गया है. साथ ही विद्यालय में लगे पेड़ों पर देश के प्रथम राष्ट्रपति से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति तक के सिलसिलेवार नेम प्लेट भी लगे हैं.

बगहा
पेड़ों पर लिखा है राष्ट्रपति के नाम

स्कूल का माहौल है आनंदमयी
विद्यालय के प्रधान शिक्षक लखन प्रसाद ने कहा कि विद्यालय को स्वच्छ और सुंदर बनाना मेरा अहम कर्तव्य है. साथ ही शुद्ध वातावरण में आनंदमयी माहौल में बेहतर शिक्षा मिल सके. इसके लिए भरपूर प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से मेरी यहां पदस्थापीत हूं. तभी से अभी तक के सतत प्रयास का यह नतीजा है.

बगहा
दीवारों को सजाया गया है

प्रधान शिक्षक को मिला सम्मान
शिक्षा विभाग ने विद्यालय की उत्कृष्टता और अनुकरणीय स्वरूप से प्रभावित होकर विद्यालय को वर्ष 2019-20 का सर्वोत्कृष्ट विद्यालय घोषित किया है. इसके लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी फणीश चंद्र पाठक ने प्रधान शिक्षक लखन प्रसाद को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.

बगहा
सीढ़ियों पर गिनती लिखी गई है

इस स्कूल से लें प्रेरणा
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी फणीश चंद्र पाठक ने कहा कि अमूमन सभी विद्यालयों के प्रधान शिक्षकों के साथ मासिक बैठक बीआरसी में आयोजित की जाती है लेकिन इस बार अन्य शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिहाज से मासिक संगोष्ठी का आयोजन इसी विद्यालय में हुआ है. उन्होंने कहा कि इस मौके पर प्रधान शिक्षक लखन प्रसाद को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया गया है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि प्रखंड के दूसरे विद्यालयों को इन से प्रेरणा लेनी चाहिए.

पेश है खास रिपोर्ट

यहां 150 छात्र पढ़ते हैं
बता दें कि अतिपिछड़े इलाके में बसे रोहुआ टोला के इस प्राथमिक विद्यालय में 150 से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं. जिसमें अधिकांशतः मुसहर और धांगड़ जनजाति के छात्र शामिल है. यदि कोई विद्यार्थी गंदे कपड़े पहन कर आ जाता है तो प्रधान शिक्षक खुद उसका कपड़ा धुलते हैं. यह तक कि किसी बच्चे का बाल अनावाश्यक बढ़ा हो तो उसे कटवाने की भी व्यवस्था रखी गई है.

प. चंपारण: इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित बगहा के वाल्मीकिनगर के रोहुआ टोला का राजकीय प्राथमिक विद्यालय इको फ्रेंडली होने की वजह से इन दिनों आकर्षण और चर्चा का केंद्र बना हुआ है. इस विद्यालय को जिले का एकमात्र ऐसा सरकारी विद्यालय होने का गौरव हासिल है जो आनंदमयी माहौल में शिक्षा के साथ-साथ स्वस्छता और पर्यावरण संतुलन का बेहतर संदेश दे रहा है.

पर्यावरण संतुलन का संदेश देता स्कूल
जहां एक तरफ नियोजित शिक्षकों को लेकर कई सवाल उठते हैं. वहीं, इस विद्यालय के नियोजित शिक्षक लखन प्रसाद ने विद्यालय को ऐसी दिशा दी है जिसकी सराहना चारों तरफ हो रही है. विद्यालय के इस प्रधान शिक्षक ने स्कूल परिसर को इको फ्रेंडली बनाने में कोई कोर-कसर नही छोड़ी है. विद्यालय में आपको पर्यावरण संतुलन का संदेश देते हरे-भरे पेड़ पौधे तो दिखेंगे ही साथ ही छात्रों के लिए एक पोषक वाटिका भी बनाया गया है. जहां हरी सब्जियां उगाई जाती हैं. इसके अलावा विद्यालय में सीता वाटिका भी है.

बगहा
स्कूल का एक पोषक वाटिका

पेड़ों पर लिखे हैं राष्ट्रपति के नाम
इतना ही नहीं छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षण को सहज बनाने के लिए विद्यालय का रंग-रोगन भी इसी हिसाब से किया गया है कि विद्यार्थियों की नजर उस पर जा टीके. मसलन विद्यालय के प्रत्येक दीवार पर हिंदी वर्णमाला, अंग्रेजी अल्फाबेट्स, गिनती और सामान्य ज्ञान की तमाम जानकारियों को भी अंकित किया गया है. साथ ही विद्यालय में लगे पेड़ों पर देश के प्रथम राष्ट्रपति से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति तक के सिलसिलेवार नेम प्लेट भी लगे हैं.

बगहा
पेड़ों पर लिखा है राष्ट्रपति के नाम

स्कूल का माहौल है आनंदमयी
विद्यालय के प्रधान शिक्षक लखन प्रसाद ने कहा कि विद्यालय को स्वच्छ और सुंदर बनाना मेरा अहम कर्तव्य है. साथ ही शुद्ध वातावरण में आनंदमयी माहौल में बेहतर शिक्षा मिल सके. इसके लिए भरपूर प्रयास किया गया है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 से मेरी यहां पदस्थापीत हूं. तभी से अभी तक के सतत प्रयास का यह नतीजा है.

बगहा
दीवारों को सजाया गया है

प्रधान शिक्षक को मिला सम्मान
शिक्षा विभाग ने विद्यालय की उत्कृष्टता और अनुकरणीय स्वरूप से प्रभावित होकर विद्यालय को वर्ष 2019-20 का सर्वोत्कृष्ट विद्यालय घोषित किया है. इसके लिए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी फणीश चंद्र पाठक ने प्रधान शिक्षक लखन प्रसाद को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया.

बगहा
सीढ़ियों पर गिनती लिखी गई है

इस स्कूल से लें प्रेरणा
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी फणीश चंद्र पाठक ने कहा कि अमूमन सभी विद्यालयों के प्रधान शिक्षकों के साथ मासिक बैठक बीआरसी में आयोजित की जाती है लेकिन इस बार अन्य शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिहाज से मासिक संगोष्ठी का आयोजन इसी विद्यालय में हुआ है. उन्होंने कहा कि इस मौके पर प्रधान शिक्षक लखन प्रसाद को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया गया है. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि प्रखंड के दूसरे विद्यालयों को इन से प्रेरणा लेनी चाहिए.

पेश है खास रिपोर्ट

यहां 150 छात्र पढ़ते हैं
बता दें कि अतिपिछड़े इलाके में बसे रोहुआ टोला के इस प्राथमिक विद्यालय में 150 से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं. जिसमें अधिकांशतः मुसहर और धांगड़ जनजाति के छात्र शामिल है. यदि कोई विद्यार्थी गंदे कपड़े पहन कर आ जाता है तो प्रधान शिक्षक खुद उसका कपड़ा धुलते हैं. यह तक कि किसी बच्चे का बाल अनावाश्यक बढ़ा हो तो उसे कटवाने की भी व्यवस्था रखी गई है.

Intro:बगहा के इंडो-नेपाल सीमा स्थित वाल्मीकिनगर के रोहुआ टोला का राजकीय प्राथमिक विद्यालय इको फ्रेंडली होने की वजह से आकर्षण व चर्चा का केंद्र बना हुआ है। इस विद्यालय को जिले का एकमात्र वैसा सरकारी विद्यालय होने का गौरव मिला है जो आनन्दमयी माहौल में शिक्षा के साथ साथ सुंदरता और पर्यावरण संतुलन का बेहतर सन्देश दे रहा है।


Body:वाल्मीकिनगर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय रोहुआ टोला इको फ्रेंडली होने की वजह से क्षेत्र के लोगों और अधिकारियों के बीच चर्चा व आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जहां एक तरफ नियोजित शिक्षकों को लेकर कई सारे सवाल उठते रहते हैं वही इस विद्यालय के नियोजित शिक्षक लखन प्रसाद ने इस विद्यालय को ऐसी दिशा दशा दी है जिसकी सराहना चारों तरफ हो रही है। जी हां प्राथमिक विद्यालय के इस प्रधान शिक्षक ने स्कूल कैम्पस को इको फ्रेंडली बनाने में कोई कोर कसर नही छोड़ी है। यही वजह है कि विद्यालय में आपको पर्यावरण संतुलन का संदेश देने हेतु हरे-भरे पेड़ पौधे तो दिखेंगे हीं, छात्रों के लिए एक पोषक वाटिका भी नजर आ जाएगी जिसमें हरी सब्जियां उगाई जाती हैं। इसके अलावा विद्यार्थियों को धार्मिक शिक्षा के प्रति सजग रखने के लिए यहां सीता वाटिका भी है। इतना ही नही छात्र-छात्राओं के लिए शिक्षण को सहज बनाने के लिहाज से विद्यालय का रंग-रोगन भी ऐसा किया गया है कि बरबस ही विद्यार्थियों की नजर उस पर जा टीके। मसलन विद्यालय के प्रत्येक दीवार पर हिंदी वर्णमाला, अंग्रेजी अल्फाबेट्स, गिनती सहित सामान्य ज्ञान की तमाम जानकारियों को भी अंकित किया गया है। साथ ही साथ विद्यालय में लगे सभी पेड़ो पर देश के प्रथम राष्ट्रपति से लेकर वर्तमान राष्ट्रपति तक के सिलसिलेवार नेम प्लेट भी लगे हैं। कुल मिलाकर यह कहें कि यह सरकारी विद्यालय इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में निजी विद्यालयों को भी पीछे छोड़ इको फ्रेंडली होने का संदेश दे रहा तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी।
विद्यालय के प्रधान शिक्षक लखन प्रसाद का कहना है कि विद्यालय को स्वच्छ व सुंदर बनाना मेरा अहम कर्तव्य है। साथ ही शुद्ध वातावरण में आनन्दमयी माहौल में बेहतर शिक्षा मिल सके उसका भरपूर प्रयास किया गया है। वर्ष 2004 से जब से मेरी यह पदस्थापना हुई तभी से सतत प्रयास का यह नतीजा है।
वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग ने विद्यालय की उत्कृष्टता व अनुकरणीय स्वरूप से प्रभावित हो विद्यालय को वर्ष 2019-20 का सर्वोत्कृष्ट विद्यालय घोषित किया है। इसके लिए प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी ने प्रधान शिक्षक लखन प्रसाद को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस मौके पर बगहा दो प्रखण्ड के प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी फणीश चंद्र पाठक का कहना है कि अमूमन सभी विद्यालयों के प्रधान शिक्षकों के साथ मासिक बैठक बीआरसी में आयोजित की जाती है लेकिन इस मर्तबा अन्य शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिहाज से मासिक संगोष्ठी का आयोजन इसी विद्यालय में हुआ है ताकि अन्य शिक्षक भी इस विद्यालय व इसके प्रधान शिक्षक के कार्यों से प्रेरणा ले सकें। उन्होंने कहा कि इस मौके पर प्रधान शिक्षक लखन प्रसाद को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है।
बाइट- 1- लखन प्रसाद, प्रधान शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय रोहुआ टोला।
बाइट- 2- फणीश चंद्र पाठक, बीईओ, बगहा दो प्रखण्ड


Conclusion:आपको बता दें कि अतिपिछड़े इलाके में बसे रोहुआ टोला के इस प्राथमिक विद्यालय में 150 से ज्यादा छात्र हैं और इसमें अधिकांशतः मुसहर व धांगड़ जनजाति के छात्र पढ़ते हैं। ऐसे में यदि कोई विद्यार्थी गन्दे कपड़े पहन कर आ जाये तो प्रधान शिक्षक खुद ही उसका कपड़ा धुलते हैं यह तक कि किसी बच्चे का बाल बढ़ा हो और वह नही कटवाता हो तो ये शिक्षक उसका बाल काटने से भी गुरेज नही करते।
बहरहाल यह विद्यालय अन्य शिक्षकों व सरकारी एवं निजी विद्यालयों के लिए प्रेरणास्रोत बना हुआ है।
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