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बगहा में महाशिवरात्रि की तैयारी तेज, जल भरने वाल्मीकिनगर पहुंचने लगे श्रद्धालु

महाशिवरात्रि के मौके पर वाल्मीकिनगर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है. श्रद्धालु यहां गण्डक नारायणी नदी से जल भरकर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल के बीच स्थित अतिप्राचीन मंदिर जटाशंकर स्थान पर पूजा अर्चना करते हैं.

महाशिवरात्रि की तैयारी
महाशिवरात्रि की तैयारी
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Published : Mar 9, 2021, 3:16 PM IST

बगहा: महाशिवरात्रि की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का जत्था अभी से वाल्मीकिनगर पहुंचने लगा है. श्रद्धालु यहां नारायणी गण्डक नदी से जल भरकर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व स्थित प्राचीन जटाशंकर मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं. इसके बाद रामनगर शिव मंदिर सहित पूर्वी चम्पारण के अरेराज सोमेश्वर मंदिर में स्थापित शिव भगवान को जलाभिषेक करते हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार विधानसभा में आधी आबादी का पहुंचना अभी भी आसान नहीं

त्रिवेणी संगम पहुंचने लगे श्रद्धालु
11 मार्च को महाशिवरात्रि है. इस मौके पर श्रद्धालु भगवान शिव को खुश करने के लिए तरह-तरह से उनकी पूजा करते हैं. कोई रुद्राभिषेक करता है तो कोई गंगा और नारायणी जैसे पवित्र नदियों से जल भरकर जलाभिषेक करता है. ऐसे में इसको लेकर श्रद्धालुओं का जत्था अभी से वाल्मीकिनगर स्थित नारायणी गण्डक नदी के त्रिवेणी संगम पर पहुंचने लगा है.

Bagaha
गण्डक नारायणी नदी

त्रिवेणी संगम से भरते हैं जल
महाशिवरात्रि के मौके पर वाल्मीकिनगर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है. श्रद्धालु यहां गण्डक नारायणी नदी से जल भरकर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल के बीच स्थित अतिप्राचीन मंदिर जटाशंकर स्थान पर पूजा अर्चना करते हैं. इसके बाद वहां से जिले के विभिन्न शिव मंदिरों में पैदल या सवारी से जाकर शिव भगवान का जलाभिषेक करते हैं. खासकर वाल्मीकिनगर से श्रद्धालु रामनगर के ऐतिहासिक शिव मंदिर और पूर्वी चम्पारण अंतर्गत अरेराज के सोमेश्वर शिव मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचते हैं.

Bagaha
महाशिवरात्रि की तैयारी

वाल्मीकिनगर में सज गई हैं दुकानें
पौराणिक कथाओं के मुताबिक फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती वैवाहिक बंधन में बंधे थे. यही वजह है कि इस मौके पर महाशिवरात्रि पूजा का आयोजन किया जाता है. इस पर्व को लेकर वाल्मीकिनगर के तीन आरडी सहित गोल चौक पर दुकानें सज गईं हैं और यहां के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर चहल पहल बढ़ने से रौनक आ गई है.

बगहा: महाशिवरात्रि की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का जत्था अभी से वाल्मीकिनगर पहुंचने लगा है. श्रद्धालु यहां नारायणी गण्डक नदी से जल भरकर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व स्थित प्राचीन जटाशंकर मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं. इसके बाद रामनगर शिव मंदिर सहित पूर्वी चम्पारण के अरेराज सोमेश्वर मंदिर में स्थापित शिव भगवान को जलाभिषेक करते हैं.

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त्रिवेणी संगम पहुंचने लगे श्रद्धालु
11 मार्च को महाशिवरात्रि है. इस मौके पर श्रद्धालु भगवान शिव को खुश करने के लिए तरह-तरह से उनकी पूजा करते हैं. कोई रुद्राभिषेक करता है तो कोई गंगा और नारायणी जैसे पवित्र नदियों से जल भरकर जलाभिषेक करता है. ऐसे में इसको लेकर श्रद्धालुओं का जत्था अभी से वाल्मीकिनगर स्थित नारायणी गण्डक नदी के त्रिवेणी संगम पर पहुंचने लगा है.

Bagaha
गण्डक नारायणी नदी

त्रिवेणी संगम से भरते हैं जल
महाशिवरात्रि के मौके पर वाल्मीकिनगर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है. श्रद्धालु यहां गण्डक नारायणी नदी से जल भरकर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जंगल के बीच स्थित अतिप्राचीन मंदिर जटाशंकर स्थान पर पूजा अर्चना करते हैं. इसके बाद वहां से जिले के विभिन्न शिव मंदिरों में पैदल या सवारी से जाकर शिव भगवान का जलाभिषेक करते हैं. खासकर वाल्मीकिनगर से श्रद्धालु रामनगर के ऐतिहासिक शिव मंदिर और पूर्वी चम्पारण अंतर्गत अरेराज के सोमेश्वर शिव मंदिर में जलाभिषेक करने पहुंचते हैं.

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महाशिवरात्रि की तैयारी

वाल्मीकिनगर में सज गई हैं दुकानें
पौराणिक कथाओं के मुताबिक फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती वैवाहिक बंधन में बंधे थे. यही वजह है कि इस मौके पर महाशिवरात्रि पूजा का आयोजन किया जाता है. इस पर्व को लेकर वाल्मीकिनगर के तीन आरडी सहित गोल चौक पर दुकानें सज गईं हैं और यहां के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर चहल पहल बढ़ने से रौनक आ गई है.

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