ETV Bharat / state

'मौका मिला तो युवाओं को बिहार में ही दूंगा रोजगार', पश्चिम चंपारण में बोले PK

प्रशांत किशोर ने सुराज पदयात्रा के सातवें दिन की शुरुआत पश्चिम चंपारण के मैनाटांड़ प्रखंड के डमरापुर गांव से की. उन्होंने बिहार में युवाओं की बेरोजगारी और पलायन (Prashant Kishor Statement on Youth Migration) पर लोगों से बात की. पढ़ें पूरी खबर

प्रशांत किशोर ने पश्चिमी चंपारण में की सभा
प्रशांत किशोर ने पश्चिमी चंपारण में की सभा
author img

By

Published : Oct 8, 2022, 1:46 PM IST

श्चिमी चंपारणः बिहार के पश्चिम चंपारण ने प्रशांत किशोर ने एक सभा (Prashant Kishor Meeting in West Champaran ) में कई सारे मुद्दों को उठाया. उन्होंने कहा कि बिहार में ऐसे कई परिवार हैं जिनके लड़के केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कश्मीर समेत कई राज्यों में काम कर रहे हैं. ये व्यवस्था बदलनी चाहिए. बिहार के युवाओं को अपने प्रदेश में ही रोजगार के अवसर प्राप्त होने चाहिए. जन सुराज पदयात्रा के सातवें दिन प्रशांत किशोर पश्चिम चंपारण के मैनाटांड़ प्रखंड के डमरापुर गांव में थे.

ये भी पढ़ेंः बिहार के किसानों की आय पंजाब के किसानों के बराबर हो जाए तो राज्य की आधी समस्या दूर हो जाएगी: PK

बिहार को पैसेंजर ट्रेन के लिए भी गिड़गिड़ाना पड़ता हैः प्रशांत किशोर ने शनिवार की सुबह जन सुराज पदयात्रा के सातवें दिन की शुरुआत पश्चिम चंपारण के मैनाटांड़ प्रखंड के डमरापुर गांव से की. इस दौरान उन्होंने 101 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी बाबू राम जी का आशीर्वाद लिया और स्थानीय लोगों के साथ बिरंची बाजार की तरफ बढ़े और स्थानीय लोगों से संवाद कर उन्हें जन सुराज की सोच के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने ने कहा कि बीजेपी को 26 सांसद देने वाले गुजरात को बुलेट ट्रेन और एनडीए को 39 सीटें देने वाले बिहार को पैसेंजर ट्रेन के लिए भी गिड़गिड़ाना पड़ता है.

युवाओं को बिहार में दिया जाएगा रोजगारः एक सभा के दौरान प्रशांत किशोर ने पलायन और बेरोजगारी की समस्या को उठाया. उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को रोजगार के लिए देश के दूसरे राज्यों में जाना पड़ रहा है. 10-15 हजार रुपयों के लिए कम उम्र के लड़कों को अपना गांव छोड़कर दूर के राज्यों में जाकर काम करना पड़ रहा है. उनको पर्व त्योहार में भी घर आने का अवसर नहीं है. यह व्यवस्था बदलनी चाहिए, इसलिए हमने संकल्प लिया है कि मौका मिला तो 6 महीने से 1 साल के भीतर जितने लड़के बिहार से बाहर काम कर रहे हैं. उनके रोजगार की व्यवस्था यहीं की जाएगी.

"बिहार के युवा रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं. 10-15 हजार रुपये कमाने के लिए घर से दूर देश के दूसरे राज्य जा रहे हैं. यह व्यवस्था ठीक नहीं है. मुझे अगर मौका मिला तो सबसे पहले मैं छह महीने से एक साल के अंदर युवाओं को बिहार में ही रोजगार की व्यवस्था करुंगा" -प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

ये भी पढ़ेंः बोले प्रशांत किशोर- 'लालू यादव का बेटा 9वीं पास.. बिहार का उपमुख्यमंत्री.. आपका बेटा चपरासी भी नहीं बनेगा'

श्चिमी चंपारणः बिहार के पश्चिम चंपारण ने प्रशांत किशोर ने एक सभा (Prashant Kishor Meeting in West Champaran ) में कई सारे मुद्दों को उठाया. उन्होंने कहा कि बिहार में ऐसे कई परिवार हैं जिनके लड़के केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, कश्मीर समेत कई राज्यों में काम कर रहे हैं. ये व्यवस्था बदलनी चाहिए. बिहार के युवाओं को अपने प्रदेश में ही रोजगार के अवसर प्राप्त होने चाहिए. जन सुराज पदयात्रा के सातवें दिन प्रशांत किशोर पश्चिम चंपारण के मैनाटांड़ प्रखंड के डमरापुर गांव में थे.

ये भी पढ़ेंः बिहार के किसानों की आय पंजाब के किसानों के बराबर हो जाए तो राज्य की आधी समस्या दूर हो जाएगी: PK

बिहार को पैसेंजर ट्रेन के लिए भी गिड़गिड़ाना पड़ता हैः प्रशांत किशोर ने शनिवार की सुबह जन सुराज पदयात्रा के सातवें दिन की शुरुआत पश्चिम चंपारण के मैनाटांड़ प्रखंड के डमरापुर गांव से की. इस दौरान उन्होंने 101 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी बाबू राम जी का आशीर्वाद लिया और स्थानीय लोगों के साथ बिरंची बाजार की तरफ बढ़े और स्थानीय लोगों से संवाद कर उन्हें जन सुराज की सोच के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने ने कहा कि बीजेपी को 26 सांसद देने वाले गुजरात को बुलेट ट्रेन और एनडीए को 39 सीटें देने वाले बिहार को पैसेंजर ट्रेन के लिए भी गिड़गिड़ाना पड़ता है.

युवाओं को बिहार में दिया जाएगा रोजगारः एक सभा के दौरान प्रशांत किशोर ने पलायन और बेरोजगारी की समस्या को उठाया. उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं को रोजगार के लिए देश के दूसरे राज्यों में जाना पड़ रहा है. 10-15 हजार रुपयों के लिए कम उम्र के लड़कों को अपना गांव छोड़कर दूर के राज्यों में जाकर काम करना पड़ रहा है. उनको पर्व त्योहार में भी घर आने का अवसर नहीं है. यह व्यवस्था बदलनी चाहिए, इसलिए हमने संकल्प लिया है कि मौका मिला तो 6 महीने से 1 साल के भीतर जितने लड़के बिहार से बाहर काम कर रहे हैं. उनके रोजगार की व्यवस्था यहीं की जाएगी.

"बिहार के युवा रोजगार के लिए पलायन कर रहे हैं. 10-15 हजार रुपये कमाने के लिए घर से दूर देश के दूसरे राज्य जा रहे हैं. यह व्यवस्था ठीक नहीं है. मुझे अगर मौका मिला तो सबसे पहले मैं छह महीने से एक साल के अंदर युवाओं को बिहार में ही रोजगार की व्यवस्था करुंगा" -प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

ये भी पढ़ेंः बोले प्रशांत किशोर- 'लालू यादव का बेटा 9वीं पास.. बिहार का उपमुख्यमंत्री.. आपका बेटा चपरासी भी नहीं बनेगा'

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.