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'पेट पालने के लिए लोग बाहर जाते हैं, लेकिन नीतीश कुमार कहते हैं कि इतना काम कर दिए कि कुछ बाकी नहीं रहा' - बिहार में बरोजगारी

बेरोजगारी को लेकर प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला बोला (Prashant Kishor attacks Nitish Kumar) है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि इतना काम कर दिए कि अब करने के लिए कुछ बचा हीं नहीं है, जबकि बिहार के युवा 10-15 हजार रुपये कमाने के लिए खतरा मोल लेकर दूर के राज्यों में जाते हैं.

प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला बोला
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार पर हमला बोला
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Published : Oct 9, 2022, 9:52 AM IST

बेतिया: चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज यात्रा (Prashant Kishor Jan Suraaj Yatra) इन दिनों बेतिया में चल रही है. जहां वह लगातार लोगों से मिल रहे हैं और जनसभा को भी संबोधित कर रहे हैं. इस बीच पश्चिम चंपारण के मैनाटांड़ के बिरांची बाजार में सभा को संबोधित करते हुए पीके ने केंद्र और बिहार सरकार पर हमला बोला. मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जिस गुजरात ने 26 सांसद भेजा, वहां बुलेट ट्रेन चलेगी और जिस बिहार ने 39 सांसद भेजा है, उसको पैसेंजर भी नहीं मिलेगी. वहीं बिहार में बरोजगारी (unemployment in Bihar) को लेकर उन्होंने कहा कि पेट पालने के लिए बिहार के लोग बाहर जाते हैं, लेकिन नीतीश कुमार कहते हैं कि यहां तो इतना काम कर दिए कि अब करने के लिए कुछ बाकी ही नहीं है.

ये भी पढ़ें: 'लालू यादव का बेटा 9वीं पास.. राज्य का उपमुख्यमंत्री.. आपका बेटा चपरासी भी नहीं बनेगा'

बिहार में बरोजगारी पर पीके का सवाल: प्रशांत किशोर ने कहा कि आप में से कई के परिवार के लड़के गुजरात, तमिलनाडु, कश्मीर और कई अन्य राज्यों में काम कर रहे हैं. नई उम्र के लड़कों को 10 हजार, 15 हजार रुपये के लिए अपना घर, अपना गांव, अपना कस्बा छोड़कर दूर किसी दूसरे राज्य में जाकर काम करना पड़ा रहा है. अगर वहीं वो बीमार पड़ जाए तो आप तड़प के रह जाइए लेकिन कुछ नहीं कर पाइएगा. उन्होंने कहा कि अगर मौका मिलेगा तो छह महीने में बिहार में इतना रोजगार सृजन कर दूंगा कि 10 हजार-15 हजार कमाने के लिए किसी को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

"पेट पालने के लिए लोगों को बाहर के राज्यों में जाकर काम करना पड़ता है. 10 हजार-15 हजार रुपये के लिए नए लड़कों को अपना परिवार, अपना गांव, अपना कसबा छोड़कर दूर के राज्यों में जाना पड़ता है. पर्व त्योहार में भी घर नहीं पाता है. वह वहां बीमार पड़ जाए तो आप कुछ नहीं कर पाते हैं. छटपटा कर रह जाते हैं. नेता जी यहां नीतीश कुमार बताते हैं कि बिहार में इतना काम कर दिए हैं कि कुछ बाकी नहीं है करने के लिए. आप लोग बोलिये ये बदलना चाहिए ना?"- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

वंदे भारत पर प्रशांत किशोर का तंज: प्रशांत किशोर ने गुजरात के गांधीनगर से मुंबई सेंट्रल तक चलाई जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को केंद्र सरकार पर बड़ा तंज कसा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का झुकाव बिहार की ओर नहीं बल्कि गुजरात की ओर है. यही वजह है कि बंदे भारत एक्सप्रेस गुजरात से चलाई गई न कि बिहार से. पीके ने कहा कि बिहार से लोगों ने मोदी सरकार को 39 सांसद चुन के लिए हैं, जबकि गुजरात से मात्र 26 सांसद हैं लेकिन सुखद और सुरक्षित यात्रा कराने वाली अत्याधुनिक ट्रेन गुजरात को दिया गया और बिहार को पैसेंजर ट्रेन भी नहीं दिया गया है.

ये भी पढ़ें: 'प्रशांत किशोर ने 5 साल पहले JDU का कांग्रेस में विलय करने की सलाह दी थी', नीतीश का बड़ा बयान

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"पेट पालने के लिए लोगों को बाहर के राज्यों में जाकर काम करना पड़ता है. 10 हजार-15 हजार रुपये के लिए नए लड़कों को अपना परिवार, अपना गांव, अपना कसबा छोड़कर दूर के राज्यों में जाना पड़ता है. पर्व त्योहार में भी घर नहीं पाता है. वह वहां बीमार पड़ जाए तो आप कुछ नहीं कर पाते हैं. छटपटा कर रह जाते हैं. नेता जी यहां नीतीश कुमार बताते हैं कि बिहार में इतना काम कर दिए हैं कि कुछ बाकी नहीं है करने के लिए. आप लोग बोलिये ये बदलना चाहिए ना?"- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज

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