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पश्चिमी चंपारण: पीपी तटबंध का बांध क्षतिग्रस्त, तंबू में रहने को मजबूर हैं पीड़ित

जिले के ठकरांहा प्रखंड के पास पीपी तटबंध का बांध क्षतिग्रस्त हो चूका है. कटाव के कारण आस-पास के कई गांव प्रभावित हो गए है. वहीं, कटाव के कारण दो परिवार बांध के पास तंबू बनाकर रहने को मजबूर है.

कटाव के बाद तंबू में रहने को मजबूर परिवार
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Published : Sep 29, 2019, 10:33 AM IST

Updated : Sep 29, 2019, 11:45 AM IST

पश्चिमी चंपारण: यूपी-बिहार की सीमा पर स्थित नारायणी-गंडक नदी की बदलती धार ने पीपी तटबंध के हिस्से वाले बांध को क्षतिग्रस्त कर दिया है. शुक्रवार को बांध का आधा से ज्यादा हिस्सा टूटने के बाद अधिकारियों की नींद खुली है. वहीं, कटाव के कारण जिले के ठकराहां प्रखंड के धूमनगर के करीब 15 घर नदी में विलीन हो गये. इन कटाव पीड़ितो में दो परिवार बांध के पूर्वी छोर वाले ऊंचे तट पर सुरक्षित स्थान के पास तंबू तानकर शरण लिए हुए है.

पीपी तटबंध का बांध क्षतिग्रस्त हो गया है.

युद्धस्तर पर चल रहा है काम
पीपी तटबंध के हिस्सा वाले अमवा खास बांध पर हो रहे कटाव को लेकर युद्धस्तर पर दिन रात कटावरोधी कार्य किया जा रहा है. वहींं, क्षतिग्रस्त पीपी तटबंध के हिस्सा वाले अमवा खास के समानान्तर बांध को चौड़ा किया जा रहा है. जिससे एक बांध टूट जाने के बाद भी दूसरे बांध से कार्य किया जा सके.

पश्चिमी चंपारण
कटाव के बाद किसी तरह गुजारा कर रहा परिवार

दोनो प्रदेशों के अधिकारी हैं मुस्तैद
दोनों प्रदेशों के जल संसाधन विभाग और उनके अधिकारी राहत कार्यों में जुटे हुए है. यूपी के कुशीनगर के डीएम लगातार इन जगहों का कैंप कर रहे हैं. कुशीनगर के डीएम ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश जारी है. इस कार्य में सभी लोगों की सहायता ली गई है. उन्होंने कहा कि फिलहाल बांध पर खतरे की कोई आशंका नहीं है.

पश्चिमी चंपारण
कटाव के बाद तंबू में रहने को मजबूर परिवार

कटाव पीड़ितों की सुध लेने वाला कोई नहीं
जिले के ठकरहा प्रखंड के कटाव पीड़ितो में दो परिवार बांध के पूर्वी छोर पर तंबू तानकर शरण लिए हुए है. पीड़ित शिवजी ने कहा कि प्रशासन हमारी हालत को नजरअंदाज कर रही है. सरकार का कोई भी अधिकारी सुध लेने नहीं पहुंचा है. उन्होंने कहा सरकार की लापरवाही के कारण उन्हें बांध के पास तंबू बनाकर रहना पड़ रहा है.

पश्चिमी चंपारण: यूपी-बिहार की सीमा पर स्थित नारायणी-गंडक नदी की बदलती धार ने पीपी तटबंध के हिस्से वाले बांध को क्षतिग्रस्त कर दिया है. शुक्रवार को बांध का आधा से ज्यादा हिस्सा टूटने के बाद अधिकारियों की नींद खुली है. वहीं, कटाव के कारण जिले के ठकराहां प्रखंड के धूमनगर के करीब 15 घर नदी में विलीन हो गये. इन कटाव पीड़ितो में दो परिवार बांध के पूर्वी छोर वाले ऊंचे तट पर सुरक्षित स्थान के पास तंबू तानकर शरण लिए हुए है.

पीपी तटबंध का बांध क्षतिग्रस्त हो गया है.

युद्धस्तर पर चल रहा है काम
पीपी तटबंध के हिस्सा वाले अमवा खास बांध पर हो रहे कटाव को लेकर युद्धस्तर पर दिन रात कटावरोधी कार्य किया जा रहा है. वहींं, क्षतिग्रस्त पीपी तटबंध के हिस्सा वाले अमवा खास के समानान्तर बांध को चौड़ा किया जा रहा है. जिससे एक बांध टूट जाने के बाद भी दूसरे बांध से कार्य किया जा सके.

पश्चिमी चंपारण
कटाव के बाद किसी तरह गुजारा कर रहा परिवार

दोनो प्रदेशों के अधिकारी हैं मुस्तैद
दोनों प्रदेशों के जल संसाधन विभाग और उनके अधिकारी राहत कार्यों में जुटे हुए है. यूपी के कुशीनगर के डीएम लगातार इन जगहों का कैंप कर रहे हैं. कुशीनगर के डीएम ने बताया कि स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश जारी है. इस कार्य में सभी लोगों की सहायता ली गई है. उन्होंने कहा कि फिलहाल बांध पर खतरे की कोई आशंका नहीं है.

पश्चिमी चंपारण
कटाव के बाद तंबू में रहने को मजबूर परिवार

कटाव पीड़ितों की सुध लेने वाला कोई नहीं
जिले के ठकरहा प्रखंड के कटाव पीड़ितो में दो परिवार बांध के पूर्वी छोर पर तंबू तानकर शरण लिए हुए है. पीड़ित शिवजी ने कहा कि प्रशासन हमारी हालत को नजरअंदाज कर रही है. सरकार का कोई भी अधिकारी सुध लेने नहीं पहुंचा है. उन्होंने कहा सरकार की लापरवाही के कारण उन्हें बांध के पास तंबू बनाकर रहना पड़ रहा है.

Intro:यूपी बिहार की सीमा पर स्थित नारायणी गंडक नदी की बदलती धार ने पीपी तटबंध के हिस्सा वाले बांध को आख़िरकार क्षतिग्रस्त कर दिया है और शुक्रवार को बांध का आधा से ज्यादा हिस्सा टूटने के बाद अधिकारियों कि नींद खुली है। वहीं सीमावर्ती यूपी के पश्चिमी तट पर बसे लोगों को पूर्व में ही कुशीनगर में शिफ्ट कर दिया गया है। इधर बिहार के बगहा के ठकरहा प्रखंड के धूमनगर के क़रीब 15 घर नदी में विलीन होने के बाद इन कटाव पीड़ितो में दो परिवार बांध के पूर्वी छोर वाले ऊंचे तट पर सुरक्षित स्थान के पास तम्बू तानकर शरण लिए हुए है।

Body:पीपी तटबंध के हिस्सा वाले अमवा ख़ास बांध पर हो रहे कटाव को लेकर युद्धस्तर पर दिन रात कटावरोधी कार्य किया जा रहा है। बहरहाल क्षतिग्रस्त पीपी तटबंध के हिस्सा वाले अमवा ख़ास के समानान्तर बांध को चौड़ा किया जा रहा है।
यूपी के कुशीनगर बाढ खंड की टीम बचाव राहत कार्यों में जुटी है वहीं बिहार के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के दिशा निर्देश में यहां समानांतर बांध चौड़ीकरण के कार्य कराए जा रहे हैं। दोनों प्रदेशों के अधिकारी लगातार वहां कैम्प कर रहे हैं। अधिकारी फ़िलहाल बांध पर ख़तरे की आशंका से इंकार कर रहे हैं और बांध को बचाने का दावा कर रहे हैं।
वहीं सीमावर्ती यूपी के पश्चिमी तट पर बसे लोगों को पूर्व में ही कुशीनगर में शिफ्ट कर दिया गया है। इधर बिहार के बगहा के ठकरहा प्रखंड के धूमनगर के क़रीब 15 घर नदी में विलीन होने के बाद इन कटाव पीड़ितो में दो परिवार बांध के पूर्वी छोर वाले ऊंचे तट पर सुरक्षित स्थान के पास तम्बू तानकर शरण लिए हुए है। इनका आरोप है कि प्रशासन द्वारा इनकी अनदेखी की जा रही है। फिर भी खेती किसानी की लालच में ये दो परिवार बांध के पास मचान पर तम्बू तानकर गुज़र बसर कर रहे हैं।
बाइट- शिवजी, शरण लिया परिवार
बाइट- अनिल कुमार सिंह , जिलाधिकारी कुशीनगर।Conclusion:अब देखना होगा कि गंडक नदी तट पर बिहार और यूपी की लाइफ लाइन पीपी तटबंध के हिस्सा वाले बांध को चौड़ा कर कटाव जैसे त्रासदी से निपटने में विभाग कितना कारगर होता है और कटाव को रोकने का प्रशासनिक दावा कितना सच साबित होता है।
Last Updated : Sep 29, 2019, 11:45 AM IST
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