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बेतिया: भारत-नेपाल मैत्री कांवरिया संघ से 150 श्रद्धालु निकले त्रिवेणी धाम - Bettiah Triveni Dham news

सोमवार को कांवरियों का जत्था गौनाहा प्रखंड के सहोदरा मंदिर परिसर में ठहरा. जहां कांवरियों ने विटोर किया. वहीं सोमवार को ही कांवरियों का जत्था त्रिवेणी धाम के लिए प्रस्थान कर गया.

Band of Kanwaris
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Published : Feb 8, 2021, 7:13 PM IST

बेतिया: भारत-नेपाल सीमा से सटे तराई क्षेत्र में बसे लोग आज भी वर्षों पुरानी परंपरा को जिंदा रखा है. हर साल दोनों देशों के कांवरियों का जुटान(एकत्रित करना) होता हैं. फिर पुरा गफला(जत्था) बीस दिनों की यात्रा पर निकल जाता है. यात्रा में शामिल प्रदीप मिश्र बताते हैं की हर साल दो से तीन सौ कांवरियों का जत्था यात्रा पर निकलता है. इस साल डेढ़ सौ कांवरियों का जत्था यात्रा पर निकला है.

जलाभिषेक के बाद यात्रा होगी खत्म
प्रदीप मिश्र ने बताया कि विटोर के बाद बीस दिनों की यात्रा पर सभी जत्था एक साथ निकल जाता है. इस बार कांवरियों का जत्था त्रिवेणी धाम के लिए निकला है. वहां जल भर कर कांवरियों का जत्था पैदल सड़क मार्ग से पंचमी के दिन आरेराज पहुंच कर सोमेश्वर नाथ महादेव पर जल अर्पित करेंगे. वहीं कांवरिया मैनेजर मलमल यादव ने बताया कि यह यात्रा बीस दिनों की है.

ये भी पढ़ें:- अमित शाह के जुबान पर बिहार, निशाने पर शिवसेना, JDU बोली- बीजेपी ने निभाया वादा

हर साल बदला जाता है जलाभिषेक का स्थान
सोमवार को यह गत्था गौनाहा प्रखंड के सहोदरा मंदिर परिसर में ठहरा. जहां कांवरियों ने विटोर किया. वहीं सोमवार को ही कांवरियों का जत्था त्रिवेणी धाम के लिए प्रस्थान कर गया. 10 फरवरी को त्रिवेणी धाम से जल भर कर कांवरियों का जत्था आरेराज के लिए कुच कर जाएगा. पंचमी के दिन आरेराज स्थित सोमेश्वर नाथ महादेव का दर्शन कर जलाभिषेक के बाद यात्रा समाप्त हो जाएगी. कांवरियों के पुरोहित ने बताया की भोले शंकर पर जलाभिषेक करने की परंपरा चार पीढ़ियों से चली आ रही हैं. इस यात्रा में लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. उन्होंने बताया की हर साल यह यात्रा की जाती है. त्रिवेणी धाम में लोग जल भरते हैं लेकिन जलाभिषेक की जगह हर साल बदल जाती है.

बेतिया: भारत-नेपाल सीमा से सटे तराई क्षेत्र में बसे लोग आज भी वर्षों पुरानी परंपरा को जिंदा रखा है. हर साल दोनों देशों के कांवरियों का जुटान(एकत्रित करना) होता हैं. फिर पुरा गफला(जत्था) बीस दिनों की यात्रा पर निकल जाता है. यात्रा में शामिल प्रदीप मिश्र बताते हैं की हर साल दो से तीन सौ कांवरियों का जत्था यात्रा पर निकलता है. इस साल डेढ़ सौ कांवरियों का जत्था यात्रा पर निकला है.

जलाभिषेक के बाद यात्रा होगी खत्म
प्रदीप मिश्र ने बताया कि विटोर के बाद बीस दिनों की यात्रा पर सभी जत्था एक साथ निकल जाता है. इस बार कांवरियों का जत्था त्रिवेणी धाम के लिए निकला है. वहां जल भर कर कांवरियों का जत्था पैदल सड़क मार्ग से पंचमी के दिन आरेराज पहुंच कर सोमेश्वर नाथ महादेव पर जल अर्पित करेंगे. वहीं कांवरिया मैनेजर मलमल यादव ने बताया कि यह यात्रा बीस दिनों की है.

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हर साल बदला जाता है जलाभिषेक का स्थान
सोमवार को यह गत्था गौनाहा प्रखंड के सहोदरा मंदिर परिसर में ठहरा. जहां कांवरियों ने विटोर किया. वहीं सोमवार को ही कांवरियों का जत्था त्रिवेणी धाम के लिए प्रस्थान कर गया. 10 फरवरी को त्रिवेणी धाम से जल भर कर कांवरियों का जत्था आरेराज के लिए कुच कर जाएगा. पंचमी के दिन आरेराज स्थित सोमेश्वर नाथ महादेव का दर्शन कर जलाभिषेक के बाद यात्रा समाप्त हो जाएगी. कांवरियों के पुरोहित ने बताया की भोले शंकर पर जलाभिषेक करने की परंपरा चार पीढ़ियों से चली आ रही हैं. इस यात्रा में लोग बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं. उन्होंने बताया की हर साल यह यात्रा की जाती है. त्रिवेणी धाम में लोग जल भरते हैं लेकिन जलाभिषेक की जगह हर साल बदल जाती है.

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