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बेतिया: महादलित बस्ती के लोगों ने वोट बहिष्कार की दी चेतावनी, 'स्कूल नहीं तो वोट नहीं' का लगाया नारा

वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि सुशासन की सरकार जहां दलितों की हित की बात कर रही है. वही इस गांव में दूर-दूर तक विकास का नामों निशान नहीं है. ऐसे में नराज ग्रामीणों ने वोट का बहिस्कार करने की चेतावनी दी है.

Vote boycott
वोट बहिष्कार
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Published : Sep 22, 2020, 3:47 PM IST

बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले के वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र के मंगलपुर औसानी पंचायत के सबेया महादलित बस्ती के बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. इससें नाराज बच्चों और बुजुर्गों ने आगामी चुनाव में वोट के बहिष्कार का निर्णय लिया है. इसकी चेतावनी देते हुए गांव की महिला-पुरुष सड़कों पर निकलकर ‘स्कूल नहीं तो वोट नहीं’ का नारा लगाया.

गांव के विद्यालय का नही है अपना भवन
जिले के बगहा 2 प्रखंड स्थित मंगलपुर औसानी पंचायत के सबेया नामक महादलित बस्ती में पिछले 12 सालों से विद्यालय के भवन के लिए ग्रामीण अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहे हैं. लेकिन आज तक किसी ने इनकी समस्या को नहीं सुना है. इससें नाराज बच्चे, महिलाएं और पुरुषों ने आक्रोशित होकर स्कूल की मांग को लेकर घरों के बाहर निकलकर नारा लगाया. इस बाबत एक स्थानीय बुजुर्ग शंकर मुसहर ने बताया कि 12 साल से इस टोले में बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकारी शिक्षक लोग आते हैं. विद्यालय भवन नहीं होने के कारण बच्चों को पेड़ के नीचे और मौसम खराब होने पर स्थानीय ग्रामीणों की झोपड़ी में पढ़ाते हैं.

Vote boycott
वोट का किया बहिष्कार.

करेंगे वोट का बहिष्कार
12 साल से एक सरकारी विद्यालय के लिए अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर भी आवेदन दिया गया है. लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ. चुनाव के दौरान नेताजी लोग आते हैं और आश्वासन देकर वोट लेकर चले जाते हैं. विद्यालय नहीं रहने के कारण कितने बच्चों का जीवन खराब हो गया है. ग्रामीणों ने कहा कि जब हम लोगों की सुविधा की खबर शासन और प्रशासन को नही है तो हम लोग चुनाव में शामिल होंगे. इसलिए ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि इस बार किसी भी नेता को गांव में नही घुसने देंगे और गांव का कोई भी व्यक्ति वोट देने नहीं जाएगा.

बेतिया(वाल्मीकिनगर): जिले के वाल्मीकिनगर विधानसभा क्षेत्र के मंगलपुर औसानी पंचायत के सबेया महादलित बस्ती के बच्चे पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. इससें नाराज बच्चों और बुजुर्गों ने आगामी चुनाव में वोट के बहिष्कार का निर्णय लिया है. इसकी चेतावनी देते हुए गांव की महिला-पुरुष सड़कों पर निकलकर ‘स्कूल नहीं तो वोट नहीं’ का नारा लगाया.

गांव के विद्यालय का नही है अपना भवन
जिले के बगहा 2 प्रखंड स्थित मंगलपुर औसानी पंचायत के सबेया नामक महादलित बस्ती में पिछले 12 सालों से विद्यालय के भवन के लिए ग्रामीण अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहे हैं. लेकिन आज तक किसी ने इनकी समस्या को नहीं सुना है. इससें नाराज बच्चे, महिलाएं और पुरुषों ने आक्रोशित होकर स्कूल की मांग को लेकर घरों के बाहर निकलकर नारा लगाया. इस बाबत एक स्थानीय बुजुर्ग शंकर मुसहर ने बताया कि 12 साल से इस टोले में बच्चों को पढ़ाने के लिए सरकारी शिक्षक लोग आते हैं. विद्यालय भवन नहीं होने के कारण बच्चों को पेड़ के नीचे और मौसम खराब होने पर स्थानीय ग्रामीणों की झोपड़ी में पढ़ाते हैं.

Vote boycott
वोट का किया बहिष्कार.

करेंगे वोट का बहिष्कार
12 साल से एक सरकारी विद्यालय के लिए अनुमंडल और प्रखंड स्तर पर भी आवेदन दिया गया है. लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ. चुनाव के दौरान नेताजी लोग आते हैं और आश्वासन देकर वोट लेकर चले जाते हैं. विद्यालय नहीं रहने के कारण कितने बच्चों का जीवन खराब हो गया है. ग्रामीणों ने कहा कि जब हम लोगों की सुविधा की खबर शासन और प्रशासन को नही है तो हम लोग चुनाव में शामिल होंगे. इसलिए ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि इस बार किसी भी नेता को गांव में नही घुसने देंगे और गांव का कोई भी व्यक्ति वोट देने नहीं जाएगा.

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