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हाथ में तिरंगा-कुदाल लेकर पहुंचे पर्चाधारी, कई एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जा, चुपचाप देखती रही पुलिस - Lok Sangharsh Samiti

बेतिया में पर्चाधारियों के सब्र का बांध टूट गया. हाथ में तिरंगा और कुदाल लेकर जमीन पर कब्जा करने पहुंच गए. मौके पर सैकड़ों पुलिसकर्मी मौजूद थे. लेकिन वे चुपचाप जमीन पर कब्जा होते हुए देखते रहे. कई एकड़ जमीन पर पर्चाधारियों ने कब्जा (People Occupied Government Land In Bettiah) कर लिया है. पढ़ें पूरी खबर...

बेतिया में प्रचाधारियों ने जमीन पर कब्जा किया
बेतिया में प्रचाधारियों ने जमीन पर कब्जा किया
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Published : Nov 11, 2022, 5:02 PM IST

बेतिया: बिहार के बेतिया के योगापट्टी प्रखंड के ढ़टवालिया और सिसवनिया में उस समय बवाल मच गया, जब सैकड़ों की संख्या में पर्चाधारी हाथ में भारतीय तिरंगा, कुदाल और लाठी-डंडा लेकर जमीन पर कब्जा करने (People occupied land In Bettiah) पहुंच गए. कब्जेधारियों में महिलाएं भी शामिल थी. ये वो गरीब लोग हैं, जिन्हें सरकार ने बीस साल पहले सीलिंग एक्ट के तहत पर्चा वितरण कर जमीन देने का वादा किया था. इतने लंबे इंतजार के बाद भी जमीन नहीं मिला. जिसके बाद ये लोग लोक संघर्ष समिति के बैनर तले जमीन पर कब्जा लेने पहुंच गए.

यह भी पढ़ें: बेतिया: विवादित जमीन पर कब्जा करने पहुंचे दर्जनों पर्चाधारी, प्रशासन ने समझा-बुझाकर किया मामला शांत

पुलिस चुपचाप देखती रही: सैकड़ों की संख्या में पर्चाधारियों ने दिनदहाड़े योगापट्टी प्रखंड के ढ़टवालिया और सिसवनिया में कई एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया. कब्जाधारी हाथ में तिरंगा झंडा, कुदाल, लाठी-डंडा लेकर पहुंचे थे. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में पुलिस जवान भी मौजूद थे. लेकिन वे चुपचाप से लोगों को जमीन पर कब्जा होते हुए देखते रहे.

"हमारे पास सरकार से मिला हुआ पर्चा है. कई वर्षों से सीओ और पुलिस प्रशासन से जमीन पर कब्जा कराने के लिए बोल रहे हैं. लेकिन किसी ने सुध नहीं ली. अब हम सभी ग्रामीण मिलकर अपने जमीन पर कब्जा कर रहे हैं. हम अपने जमीन पर कब्जा करके रहेंगे, चाहें हमें जेल जाना पड़े" - कब्जेधारी
20 साल पहले जमीन वितरण: सरकार ने बीस साल पहले गरीबों में सीलिंग एक्ट के तहत पर्चा वितरण किया था. जिन जमीनों का पर्चा वितरण हुआ था. उस पर प्रशासन ने लाभर्थी को कब्जा नहीं दिलाया. करीब 20 साल से सैकड़ों लाभर्थी जमीन मिलने की राह देख रहे थे. सरकार से लापरवाही होते देख लाभर्थियों ने लोक संघर्ष समिति के तत्वाधान में योगापट्टी के ढ़टवालिया और सिसवनिया में कई एकड़ जमीन कब्जा कर लिया. मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही.

"जमीन पर कब्जा लेकर रहेंगे": लोक संघर्ष समिति भूमि सत्याग्रह आंदोलन चला रहा है. जिसमें सैकड़ों पर्चाधारी जुड़े हुए हैं. इधर, कब्जाधारियों का कहना है कि सरकार ने हमें पर्चा दिया है तो हम जमीन कब्जा करके रहेंगे. कई वर्षों से सीओ और पुलिस प्रशासन से हम अपना जमीन कब्जा कराने के लिए बोल रहे हैं. लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली. तब जाकर आज हम सभी ग्रामीण मिलकर अपने जमीन पर कब्जा कर रहे हैं. हमारे पास सरकार से मिला पर्चा है और अपना हम जमीन कब्जा करके रहेंगे.

क्या है सीलिंग एक्ट: जमींदारी प्रथा के उन्मूलन के बाद 1961 में सीलिंग एक्ट लागू किया गया. कानून बनने के बाद एक परिवार को 15 एकड़ से ज्यादा सिंचित भूमि रखने का अधिकार नहीं है. असिंचित भूमि के मामले में यह रकबा 18 एकड़ तक है.

बेतिया: बिहार के बेतिया के योगापट्टी प्रखंड के ढ़टवालिया और सिसवनिया में उस समय बवाल मच गया, जब सैकड़ों की संख्या में पर्चाधारी हाथ में भारतीय तिरंगा, कुदाल और लाठी-डंडा लेकर जमीन पर कब्जा करने (People occupied land In Bettiah) पहुंच गए. कब्जेधारियों में महिलाएं भी शामिल थी. ये वो गरीब लोग हैं, जिन्हें सरकार ने बीस साल पहले सीलिंग एक्ट के तहत पर्चा वितरण कर जमीन देने का वादा किया था. इतने लंबे इंतजार के बाद भी जमीन नहीं मिला. जिसके बाद ये लोग लोक संघर्ष समिति के बैनर तले जमीन पर कब्जा लेने पहुंच गए.

यह भी पढ़ें: बेतिया: विवादित जमीन पर कब्जा करने पहुंचे दर्जनों पर्चाधारी, प्रशासन ने समझा-बुझाकर किया मामला शांत

पुलिस चुपचाप देखती रही: सैकड़ों की संख्या में पर्चाधारियों ने दिनदहाड़े योगापट्टी प्रखंड के ढ़टवालिया और सिसवनिया में कई एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया. कब्जाधारी हाथ में तिरंगा झंडा, कुदाल, लाठी-डंडा लेकर पहुंचे थे. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में पुलिस जवान भी मौजूद थे. लेकिन वे चुपचाप से लोगों को जमीन पर कब्जा होते हुए देखते रहे.

"हमारे पास सरकार से मिला हुआ पर्चा है. कई वर्षों से सीओ और पुलिस प्रशासन से जमीन पर कब्जा कराने के लिए बोल रहे हैं. लेकिन किसी ने सुध नहीं ली. अब हम सभी ग्रामीण मिलकर अपने जमीन पर कब्जा कर रहे हैं. हम अपने जमीन पर कब्जा करके रहेंगे, चाहें हमें जेल जाना पड़े" - कब्जेधारी
20 साल पहले जमीन वितरण: सरकार ने बीस साल पहले गरीबों में सीलिंग एक्ट के तहत पर्चा वितरण किया था. जिन जमीनों का पर्चा वितरण हुआ था. उस पर प्रशासन ने लाभर्थी को कब्जा नहीं दिलाया. करीब 20 साल से सैकड़ों लाभर्थी जमीन मिलने की राह देख रहे थे. सरकार से लापरवाही होते देख लाभर्थियों ने लोक संघर्ष समिति के तत्वाधान में योगापट्टी के ढ़टवालिया और सिसवनिया में कई एकड़ जमीन कब्जा कर लिया. मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है. लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी रही.

"जमीन पर कब्जा लेकर रहेंगे": लोक संघर्ष समिति भूमि सत्याग्रह आंदोलन चला रहा है. जिसमें सैकड़ों पर्चाधारी जुड़े हुए हैं. इधर, कब्जाधारियों का कहना है कि सरकार ने हमें पर्चा दिया है तो हम जमीन कब्जा करके रहेंगे. कई वर्षों से सीओ और पुलिस प्रशासन से हम अपना जमीन कब्जा कराने के लिए बोल रहे हैं. लेकिन किसी ने इसकी सुध नहीं ली. तब जाकर आज हम सभी ग्रामीण मिलकर अपने जमीन पर कब्जा कर रहे हैं. हमारे पास सरकार से मिला पर्चा है और अपना हम जमीन कब्जा करके रहेंगे.

क्या है सीलिंग एक्ट: जमींदारी प्रथा के उन्मूलन के बाद 1961 में सीलिंग एक्ट लागू किया गया. कानून बनने के बाद एक परिवार को 15 एकड़ से ज्यादा सिंचित भूमि रखने का अधिकार नहीं है. असिंचित भूमि के मामले में यह रकबा 18 एकड़ तक है.

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