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बेतिया: झाड़ियों में लावारिस मिली नवजात बच्ची, दूसरी महिला ने दिया 'ममता का छांव' - पश्चिम चंपारण न्यूज

गुरुवार की सुबह ग्रामीणों ने झाड़ियों में बच्चे के रोने की आवाज सुनी. उन्होंने पास जाकर देखा तो एक मासूम बच्ची बिलख-बिलखकर रो रही थी. बच्ची को कपड़े में लपेट कर झाड़ी में फेंका गया था.

west champaran
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Published : Mar 12, 2020, 12:18 PM IST

पश्चिम चंपारणः कहा जाता है कि इस धरती पर मां भगवान का रूप होती है, लेकिन जब वही मां अपने बच्चे को मरने के लिए झाड़ियों में फेंक दे तो उसे क्या कहेंगे? ऐसा ही मामला नरकटियागंज प्रखंड के बरगजवा गांव में देखने को मिला. जहां जन्म के कुछ ही देर बाद किसी कलयुगी मां ने अपनी नवजात बच्ची को झाड़ियों में मरने के लिए फेंक दिया. जिसके बाद गांव की एक महिला ने बच्ची को गोद लेकर अपनी ममता की छांव दी है.

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बच्ची के साथ गोद लेने वाली महिला

लावारिस मिली नवजात बच्ची
बताया जा रहा है कि गुरुवार की सुबह ग्रामीणों ने झाड़ियों में बच्चे के रोने की आवाज सुनी. उन्होंने पास जाकर देखा तो एक मासूम बच्ची बिलख-बिलख कर रो रही थी. बच्ची को कपड़े में लपेट कर झाड़ी में फेंका गया था. वो तो बच्ची की किस्मत अच्छी थी कि आवारा जानवर उसे देख नहीं पाए.

पेश है रिपोर्ट

अस्पताल में कराया गया भर्ती
बच्ची को देखने आई बरगजवा गांव के आरस मियां की पत्नी उसे उठाकर अपने घर ले गई. बच्ची की तबीयत ठीक नहीं थी और झाड़ियों में फेंके जाने के कारण उसे कुछ खरोंचे भी आ गई थी. इस वजह से नवजात बच्ची को स्थानीय अस्पताल में लाया गया. जहां डॉक्टरों ने इलाज के बाद उसे घर भेज दिया. आरस मियां के घर पर बच्ची की एक झलक पाने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा.

पश्चिम चंपारणः कहा जाता है कि इस धरती पर मां भगवान का रूप होती है, लेकिन जब वही मां अपने बच्चे को मरने के लिए झाड़ियों में फेंक दे तो उसे क्या कहेंगे? ऐसा ही मामला नरकटियागंज प्रखंड के बरगजवा गांव में देखने को मिला. जहां जन्म के कुछ ही देर बाद किसी कलयुगी मां ने अपनी नवजात बच्ची को झाड़ियों में मरने के लिए फेंक दिया. जिसके बाद गांव की एक महिला ने बच्ची को गोद लेकर अपनी ममता की छांव दी है.

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बच्ची के साथ गोद लेने वाली महिला

लावारिस मिली नवजात बच्ची
बताया जा रहा है कि गुरुवार की सुबह ग्रामीणों ने झाड़ियों में बच्चे के रोने की आवाज सुनी. उन्होंने पास जाकर देखा तो एक मासूम बच्ची बिलख-बिलख कर रो रही थी. बच्ची को कपड़े में लपेट कर झाड़ी में फेंका गया था. वो तो बच्ची की किस्मत अच्छी थी कि आवारा जानवर उसे देख नहीं पाए.

पेश है रिपोर्ट

अस्पताल में कराया गया भर्ती
बच्ची को देखने आई बरगजवा गांव के आरस मियां की पत्नी उसे उठाकर अपने घर ले गई. बच्ची की तबीयत ठीक नहीं थी और झाड़ियों में फेंके जाने के कारण उसे कुछ खरोंचे भी आ गई थी. इस वजह से नवजात बच्ची को स्थानीय अस्पताल में लाया गया. जहां डॉक्टरों ने इलाज के बाद उसे घर भेज दिया. आरस मियां के घर पर बच्ची की एक झलक पाने के लिए ग्रामीणों का हुजूम उमड़ पड़ा.

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