ETV Bharat / state

नेपाल सरकार ने दी इजाजत, गंडक बराज के एफएलएक्स बांध पर आज से शुरू होगा काम

author img

By

Published : Jun 23, 2020, 10:42 AM IST

Updated : Jun 23, 2020, 12:09 PM IST

एफलक्स बांध पर पानी का दबाव लगातार बढ़ रहा था. बांध को नुकसान होने पर नेपाल के साथ-साथ बिहार में भी बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है. सोमवार को नेपाल से एफएलएक्स बांध पर कार्य कराने की अनुमति मिलने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली है. अब गंडक बराज के अधिकारी बांध पर मरम्मती और देख-रेख का काम शुरू करेंगे

एफएलएक्स बांध
एफएलएक्स बांध

बेतियाः इंडो-नेपाल तनाव के बीच एक राहत की खबर आई है. नेपाल सरकार ने सोमवार देर शाम एफएलएक्स बांध पर कार्य की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही वाल्मीकिनगर गंडक बराज के एफएलएक्स बांध पर मंगलवार से काम शरू हो जाएगा. बता दें कि लॉकडाउन में नेपाल की तरफ से इस बांध के काम पर रोक लगा दी गई थी.

वाल्मिकी नगर अंतर्गत इंडो नेपाल सीमा के पास गंडक नदी पर नेपाल के हिस्से वाले राइट एफएलएक्स बांध की मरम्मत की जा रही थी. लॉकडाउन लागू होते ही नेपाल सरकार ने इसके रिपेयरिंग कार्य को रोक दिया था. अधिकारियों ने काम शुरू करवाने के लिए नेपाल सरकार से अनुमति मांगी थी. लेकिन, इसकी इजाजत नहीं दी गई.

वाल्मीकिनगर गंडक बराज
वाल्मीकिनगर गंडक बराज

मरम्मती का काम शुरू करेंगे अधिकारी
काम चालू कराने को लेकर बेतिया और नेपाल के डीएम के बीच पिछले कई दिनों से लगातार बातचीत चल रही थी. सोमवार को नेपाल सरकार से अनुमति मिलने के बाद अब अधिकारियों ने राहत की सांस ली है. अब गंडक बराज के अधिकारी बांध पर मरम्मती और देख-रेख का काम शुरू करेंगे

कई जिलों में बढ़ गया था बाढ़ का खतरा
दरअसल एफएलएक्स बांध पर पानी का दबाव लगातार बढ़ रहा था. बांध को नुकसान होता तो नेपाल को भी इससे भारी नुकसान होता. गंडक बराज पर बांध टूटने से नेपाल में तबाही ना हो इसको लेकर भी भारत चिंतिंत था. बाढ़ राहत कार्य को नेपाल की ओर से रोके जाने से बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया था. जल संसाधन मंत्री संजय झा के मुताबिक नेपाल की तरफ से पहली बार इस तरह से बाढ़ राहत को रोका गया है. इसकी जानकारी केंद्र सरकार को भी दे दी गई थी.

जल संसाधन मंत्री संजय झा
जल संसाधन मंत्री संजय झा

गंडक बराज के 3 फाटकों की हालत जर्जर
दरअसल, गंडक बराज के 3 फाटकों की स्थिति काफी जर्जर है. लेकिन, उन्हें अब तक बदला नहीं गया है. जानकारी के मुताबिक बराज के फाटक नंबर 29, 31 और 34 पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं. इस साल अगर नेपाल से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाता है तो गंडक बराज के ये फाटक पूरी तरह से टूट जाएंगे. पानी ग्रामीण और शहरी इलाकों में आ जाएगा. नतीजन, इस साल फिर बिहार में तबाही आएगी.

1964 के बाद से नहीं हुआ गंडक बराज का सिल्टेशन
वाल्मीकिनगर गंडक बराज के निर्माण के बाद से आज तक इसका सिल्टेशन नहीं कराया गया है. नतीजन, इसकी क्षमता घटती जा रही है. साल 1964 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और नेपाल के राजा महेंद्र वीर विक्रम शाह ने वाल्मीकिनगर गंडक बराज का शिलान्यास किया था. दोनों देशों ने 18-18 पिलर देकर इस बराज का निर्माण किया. लेकिन, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 1964 से लेकर 2020 तक इस गंडक बराज का सिल्टेशन नहीं कराया गया है.

एफएलएक्स बांध
एफएलएक्स बांध

इन इलाकों को झेलनी पड़ती है बाढ़
बरसात के दिनों में जब गंडक बराज के फाटक खोले जाते हैं तो पश्चिमी चंपारण सहित उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में तबाही होती है. बिहार के गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, सोनपुर जलमग्न हो जाते हैं. बीते कई सालों से लगातार गंडक बराज के छोड़े गए पानी के कारण बिहार में कोहराम देखने को मिला है. अगर नेपाल एफएलएक्स बांध पर काम की इजाजत नहीं देता तो स्थिति काफी भयावह हो सकती थी.

मोतिहारी में भी नेपाल ने रुकवाया है बांध के काम
इससे पहले नेपाल सरकार ने बिहार के पूर्वी चम्पारण के ढाका अनुमंडल में लाल बकेया नदी पर बन रहे तटबंध के पुर्निर्माण कार्य को रोक दिया है. भारत और नेपाल को दर्शाने वाली पिलर संख्या 346 और 347 के बीच लगभग पांच सौ मीटर के क्षतिग्रस्त तटबंध की मरम्मति कार्य पर नेपाल ने विरोध जताया है. लालबकेया नदी के इस तटबंध के मरम्मति के बाद बलुआ गुआबारी समेत सैकड़ों गांव बाढ़ की तबाही से बच जाएंगे.

वाल्मीकिनगर गंडक बराज एरिया
वाल्मीकिनगर गंडक बराज एरिया

सीएम की बैठक में बांधों के कार्यों पर चर्चा
बहरहाल दोनों देशों के बीच तनाव के बाद भी भारतीय अधिकारी बाढ़ से संबंधित मामलों को सुलझाने में लगे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बाढ़ को लेकर मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. जिसमें नेपाल के जरिए बांधों पर रोके जा रहे कार्यों पर भी चर्चा होगी. ताकि बाढ़ की विभीषिका को रोका जा सके. नेपाल से बातचीत करके अन्य बांधो पर भी रोके गए काम को शुरू कराने की कोशिश की जाएगी.

बेतियाः इंडो-नेपाल तनाव के बीच एक राहत की खबर आई है. नेपाल सरकार ने सोमवार देर शाम एफएलएक्स बांध पर कार्य की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही वाल्मीकिनगर गंडक बराज के एफएलएक्स बांध पर मंगलवार से काम शरू हो जाएगा. बता दें कि लॉकडाउन में नेपाल की तरफ से इस बांध के काम पर रोक लगा दी गई थी.

वाल्मिकी नगर अंतर्गत इंडो नेपाल सीमा के पास गंडक नदी पर नेपाल के हिस्से वाले राइट एफएलएक्स बांध की मरम्मत की जा रही थी. लॉकडाउन लागू होते ही नेपाल सरकार ने इसके रिपेयरिंग कार्य को रोक दिया था. अधिकारियों ने काम शुरू करवाने के लिए नेपाल सरकार से अनुमति मांगी थी. लेकिन, इसकी इजाजत नहीं दी गई.

वाल्मीकिनगर गंडक बराज
वाल्मीकिनगर गंडक बराज

मरम्मती का काम शुरू करेंगे अधिकारी
काम चालू कराने को लेकर बेतिया और नेपाल के डीएम के बीच पिछले कई दिनों से लगातार बातचीत चल रही थी. सोमवार को नेपाल सरकार से अनुमति मिलने के बाद अब अधिकारियों ने राहत की सांस ली है. अब गंडक बराज के अधिकारी बांध पर मरम्मती और देख-रेख का काम शुरू करेंगे

कई जिलों में बढ़ गया था बाढ़ का खतरा
दरअसल एफएलएक्स बांध पर पानी का दबाव लगातार बढ़ रहा था. बांध को नुकसान होता तो नेपाल को भी इससे भारी नुकसान होता. गंडक बराज पर बांध टूटने से नेपाल में तबाही ना हो इसको लेकर भी भारत चिंतिंत था. बाढ़ राहत कार्य को नेपाल की ओर से रोके जाने से बिहार के कई जिलों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया था. जल संसाधन मंत्री संजय झा के मुताबिक नेपाल की तरफ से पहली बार इस तरह से बाढ़ राहत को रोका गया है. इसकी जानकारी केंद्र सरकार को भी दे दी गई थी.

जल संसाधन मंत्री संजय झा
जल संसाधन मंत्री संजय झा

गंडक बराज के 3 फाटकों की हालत जर्जर
दरअसल, गंडक बराज के 3 फाटकों की स्थिति काफी जर्जर है. लेकिन, उन्हें अब तक बदला नहीं गया है. जानकारी के मुताबिक बराज के फाटक नंबर 29, 31 और 34 पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं. इस साल अगर नेपाल से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जाता है तो गंडक बराज के ये फाटक पूरी तरह से टूट जाएंगे. पानी ग्रामीण और शहरी इलाकों में आ जाएगा. नतीजन, इस साल फिर बिहार में तबाही आएगी.

1964 के बाद से नहीं हुआ गंडक बराज का सिल्टेशन
वाल्मीकिनगर गंडक बराज के निर्माण के बाद से आज तक इसका सिल्टेशन नहीं कराया गया है. नतीजन, इसकी क्षमता घटती जा रही है. साल 1964 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और नेपाल के राजा महेंद्र वीर विक्रम शाह ने वाल्मीकिनगर गंडक बराज का शिलान्यास किया था. दोनों देशों ने 18-18 पिलर देकर इस बराज का निर्माण किया. लेकिन, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 1964 से लेकर 2020 तक इस गंडक बराज का सिल्टेशन नहीं कराया गया है.

एफएलएक्स बांध
एफएलएक्स बांध

इन इलाकों को झेलनी पड़ती है बाढ़
बरसात के दिनों में जब गंडक बराज के फाटक खोले जाते हैं तो पश्चिमी चंपारण सहित उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में तबाही होती है. बिहार के गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, सोनपुर जलमग्न हो जाते हैं. बीते कई सालों से लगातार गंडक बराज के छोड़े गए पानी के कारण बिहार में कोहराम देखने को मिला है. अगर नेपाल एफएलएक्स बांध पर काम की इजाजत नहीं देता तो स्थिति काफी भयावह हो सकती थी.

मोतिहारी में भी नेपाल ने रुकवाया है बांध के काम
इससे पहले नेपाल सरकार ने बिहार के पूर्वी चम्पारण के ढाका अनुमंडल में लाल बकेया नदी पर बन रहे तटबंध के पुर्निर्माण कार्य को रोक दिया है. भारत और नेपाल को दर्शाने वाली पिलर संख्या 346 और 347 के बीच लगभग पांच सौ मीटर के क्षतिग्रस्त तटबंध की मरम्मति कार्य पर नेपाल ने विरोध जताया है. लालबकेया नदी के इस तटबंध के मरम्मति के बाद बलुआ गुआबारी समेत सैकड़ों गांव बाढ़ की तबाही से बच जाएंगे.

वाल्मीकिनगर गंडक बराज एरिया
वाल्मीकिनगर गंडक बराज एरिया

सीएम की बैठक में बांधों के कार्यों पर चर्चा
बहरहाल दोनों देशों के बीच तनाव के बाद भी भारतीय अधिकारी बाढ़ से संबंधित मामलों को सुलझाने में लगे हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बाढ़ को लेकर मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे. जिसमें नेपाल के जरिए बांधों पर रोके जा रहे कार्यों पर भी चर्चा होगी. ताकि बाढ़ की विभीषिका को रोका जा सके. नेपाल से बातचीत करके अन्य बांधो पर भी रोके गए काम को शुरू कराने की कोशिश की जाएगी.

Last Updated : Jun 23, 2020, 12:09 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.