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बीजेपी प्रत्याशी पर धोखे से अपने जेठ की जमीन बेचने का आरोप, एफआईआर दर्ज

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Published : Oct 25, 2020, 2:36 PM IST

नरकटियागंज की पूर्व विधायक और बीजेपी प्रत्याशी पर उनके जेठ ने उनपर धोखे से जमीन बेचना आरोप लगाया है. मामले में जेठ ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई और कार्रवाई की मांग की है.

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बीजेपी प्रत्याशी रश्मि वर्मा पर एफआईआर दर्ज.

बेतिया: जिले के नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व विधायक रश्मि वर्मा पर धोखाधड़ी कर जमीन बेचने की एफआईआर दर्ज की गई है. बेतिया नगर थाने में दर्ज एफआईआर में रश्मि वर्मा के जेठ (भसुर) आशीष वर्मा ने उन पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. इस एफआईआर में उनके भाई स्व. आलोक वर्मा की पत्नी रश्मि वर्मा, बृजेश कुमार, शिवगंज के मथुरा सिंह और पुरानी गुदरी के डॉ. नमित को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.

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एफआईआर कॉपी

धोखे से बेची गई जमीन
नामजद अभियुक्तों पर आरोप है कि उन्होंने आशीष वर्मा की जमीन जबरन धोखे से बेच दी है. भाई स्व.आलोक वर्मा का निधन हो चुका है. इसके बाद परिवार में आपसी बंटवारा हो चुका है. बंटवारे में आशीष वर्मा को बेतिया शहर के उज्जैन टोला में जमीन दी गयी थी. परिवार के सभी लोगों ने इस पर सहमति जतायी थी. खुद रश्मि वर्मा ने आपत्ति पत्र दिया था, जिसके बाद जमीन की दाखिल खारिज आशीष वर्मा के नाम कर दी गयी थी.

देखें रिपोर्ट.

2014 में उपचुनाव जीतकर बनीं थीं विधायक
आशीष वर्मा उस जमीन की मालगुजारी भी दे रहे थे. FIR में कहा गया है कि ये सब होने के दो साल बाद रश्मि वर्मा ने इस साल 28 जनवरी को वह जमीन बृजेश कुमार नाम के आदमी को बेच दिया. नरकटियागंज से बीजेपी की प्रत्याशी रश्मि वर्मा का विवादों से पुराना नाता रहा है. बीजेपी ने कुछ ही दिनों पहले उन्हें पार्टी में शामिल कराया है और फिर चुनावी टिकट दे दिया. रश्मि वर्मा 2014 से पहले जेडीयू की नेत्री हुआ करती थीं. 2014 में नरकटियागंज सीट पर उपचुनाव हुआ. बीजेपी ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया और टिकट दे दिया. रश्मि वर्मा उपचुनाव जीत कर विधायक बन गयीं.

2015 निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ीं थीं रश्मि वर्मा
2015 के चुनाव में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया. रश्मि वर्मा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में कूद पड़ीं और चुनाव हारी. बीजेपी की उम्मीदवार रेणु देवी भी चुनाव हार गयीं, जिसके कारण पार्टी ने रश्मि वर्मा को पार्टी से निकाल दिया था. 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान नरकटियागंज की निर्दलीय प्रत्याशी रश्मि वर्मा के चुनावी कार्यालय में टाइम बम और धमकी भरा पत्र मिला था. रश्मि वर्मा ने कहा था कि बीजेपी उन्हें जान से मारने की साजिश रच रही है. पुलिस जांच में मामला झूठा पाया गया. चर्चा हुई कि रश्मि वर्मा ने खुद ये सब करवाया था. मामले में रश्मि वर्मा ने कहा कि जमीन मेरे हिस्से की है,मेरे विरोधियों की साजिश है क्योंकि मैं विनिंग कैंडिडेट हूं.

बेतिया: जिले के नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी और पूर्व विधायक रश्मि वर्मा पर धोखाधड़ी कर जमीन बेचने की एफआईआर दर्ज की गई है. बेतिया नगर थाने में दर्ज एफआईआर में रश्मि वर्मा के जेठ (भसुर) आशीष वर्मा ने उन पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है. इस एफआईआर में उनके भाई स्व. आलोक वर्मा की पत्नी रश्मि वर्मा, बृजेश कुमार, शिवगंज के मथुरा सिंह और पुरानी गुदरी के डॉ. नमित को नामजद अभियुक्त बनाया गया है.

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धोखे से बेची गई जमीन
नामजद अभियुक्तों पर आरोप है कि उन्होंने आशीष वर्मा की जमीन जबरन धोखे से बेच दी है. भाई स्व.आलोक वर्मा का निधन हो चुका है. इसके बाद परिवार में आपसी बंटवारा हो चुका है. बंटवारे में आशीष वर्मा को बेतिया शहर के उज्जैन टोला में जमीन दी गयी थी. परिवार के सभी लोगों ने इस पर सहमति जतायी थी. खुद रश्मि वर्मा ने आपत्ति पत्र दिया था, जिसके बाद जमीन की दाखिल खारिज आशीष वर्मा के नाम कर दी गयी थी.

देखें रिपोर्ट.

2014 में उपचुनाव जीतकर बनीं थीं विधायक
आशीष वर्मा उस जमीन की मालगुजारी भी दे रहे थे. FIR में कहा गया है कि ये सब होने के दो साल बाद रश्मि वर्मा ने इस साल 28 जनवरी को वह जमीन बृजेश कुमार नाम के आदमी को बेच दिया. नरकटियागंज से बीजेपी की प्रत्याशी रश्मि वर्मा का विवादों से पुराना नाता रहा है. बीजेपी ने कुछ ही दिनों पहले उन्हें पार्टी में शामिल कराया है और फिर चुनावी टिकट दे दिया. रश्मि वर्मा 2014 से पहले जेडीयू की नेत्री हुआ करती थीं. 2014 में नरकटियागंज सीट पर उपचुनाव हुआ. बीजेपी ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया और टिकट दे दिया. रश्मि वर्मा उपचुनाव जीत कर विधायक बन गयीं.

2015 निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ीं थीं रश्मि वर्मा
2015 के चुनाव में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया. रश्मि वर्मा निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में कूद पड़ीं और चुनाव हारी. बीजेपी की उम्मीदवार रेणु देवी भी चुनाव हार गयीं, जिसके कारण पार्टी ने रश्मि वर्मा को पार्टी से निकाल दिया था. 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान नरकटियागंज की निर्दलीय प्रत्याशी रश्मि वर्मा के चुनावी कार्यालय में टाइम बम और धमकी भरा पत्र मिला था. रश्मि वर्मा ने कहा था कि बीजेपी उन्हें जान से मारने की साजिश रच रही है. पुलिस जांच में मामला झूठा पाया गया. चर्चा हुई कि रश्मि वर्मा ने खुद ये सब करवाया था. मामले में रश्मि वर्मा ने कहा कि जमीन मेरे हिस्से की है,मेरे विरोधियों की साजिश है क्योंकि मैं विनिंग कैंडिडेट हूं.

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