पश्चिम चंपारण (बेतिया): रसोईया हत्याकांड (Station Superintendent Cook Death Case) में रेल पुलिस ने स्टेशन अधीक्षक लालबाबू राउत का बयान कलमबद्ध कर लिया है. हालांकि उनके बयान में विरोधाभास (Station Superintendent Suspected) की बात सामने आ रही है. यह खुलासा रेल डीएसपी पंकज कुमार ने किया है.
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रेल डीएसपी ने बताया कि, शुक्रवार को स्टेशन अधीक्षक का बयान कलमबद्ध किया गया है. बयान में स्टेशन अधीक्षक ने खुलासा किया है कि, बीते 23 अक्टूबर को उनके सामने ही डेड बॉडी को उतारा गया. जबकि, रेल पुलिस ने स्टेशन अधीक्षक के वहां रहने की बात से इंकार किया है.
पंकज कुमार ने बताया कि, रसोईया शैलेश महतो को आखिरी बार स्टेशन अधीक्षक के साथ ही देखा गया था. रेल डीएसपी ने बताया कि, पूछताछ में खुलासा हुआ है कि 22 अक्टूबर की सुबह स्टेशन अधीक्षक मोतिहारी चले गये. वहां से लौटने के बाद उन्होंने अपने घर बेतिया में ही रूक जाने की बात बतायी है.
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"स्टेशन अधीक्षक के पिता की तबीयत खराब होने की वजह से वे बेतिया में ही रूक गये. 23 अक्टूबर की दोपहर उन्हें नरकटियागंज आना था. आने से पूर्व उन्होंने रसोईया को फोन किया लेकिन, उसने फोन नहीं उठाया. ऐसे में उन्होंने आरपीएफ को फोन किया. एसएस का बयान रेल पुलिस के बयान से मेल नहीं खा रहा है. एसएस पर संदेह और अधिक गहरा होता जा रहा है."- पंकज कुमार, रेल डीएसपी
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रेल डीएसपी पंकज कुमार (Rail DSP On Murder Case) के मुताबिक रसोईया हत्याकांड की हर दृष्टिकोण से जांच की जा रही है. उसकी हत्या में शामिल लोगों को शीघ्र ही बेनकाब किया जाएगा. गौरतलब है कि बीते 23 अक्टूबर को स्टेशन अधीक्षक के कुक शैलेश महतो का शव पार्क कॉलोनी के एक परित्यक्त भवन में लटका पाया गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आत्महत्या का मामला हत्या में तब्दील हो गया. रेल डीएसपी स्वयं घटना की गहन जांच में जुटे हुए हैं.
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