बेतिया(वाल्मीकिनगर): श्रावणी पूर्णिमा के अवसर पर संगम तट के बेलवा घाट परिसर में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 76 वीं नारायणी गंडकी महाआरती की गई. अंतरराष्ट्रीय न्यास स्वरांजलि सेवा संस्थान द्वारा सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए सांकेतिक महाआरती द्वारा नियमित मासिक गंडकी पूजन परंपरा का निर्वाह किया गया. साथ ही संस्था द्वारा वृक्षों को राखी बांधकर पर्यावरण संरक्षण संवर्धन का संकल्प लिया गया.
संस्था के मैनेजिंग डायरेक्टर संगीत आनंद ने बताया कि पुण्य सलिला गंडक नदी के तट पर इस महाआरती के आयोजन से वाल्मीकि धाम और त्रिवेणी धाम पर्यटन को अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र पर लाने की कोशिश की जा रही है. वाल्मीकि नगर के माननीय विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह, कोटि होम आश्रम नेपाल के पीठाधीश संत गुरु वशिष्ट जी महाराज और अश्वमेध पीठाधीश्वर स्वामी उपेंद्र पाराशर जी महाराज के निर्देशानुसार कोरोना काल खत्म होने के बाद ही यह महा आरती फिर से भव्यता के साथ होगी. पंडित अनिरुद्ध द्विवेदी ने बताया कि पूर्णिमा तिथि को नारायणी के तट पर कथा पूजा और महा आरती करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
सरकारी निर्देशों का पालन करने की अपील
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को खत्म करने के लिए विधिवत रूप से संगम तट पर कथा, पूजा, की गई. स्वरांजलि सेवा संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्षा अंजू देवी ने कहा कि वर्तमान समय में कोरोना से बचने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि घर में ही रह कर पूजा करें. भीड़ भाड़ से बचें. राष्ट्र की रक्षा और विश्व की रक्षा के लिए हम सभी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. सरकारी निर्देशों का पालन करके ही हम कोरोना से जंग जीत सकते हैं.