बेतिया: पश्चिमी चंपारण जिले के कई प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हैं. ऐसे में बाढ़ पीड़ित सहायता राशि नहीं मिलने से काफी नाराज चल रहे हैं. बाढ़ पीड़ित अपने प्रखंड में अपने पंचायत में हंगामा कर रहे हैं. जिस विरोध का सामना पंचायत के मुखिया को करना पड़ रहा है. मझौलिया प्रखंड के पंचायत के मुखिया का कहना है कि जिला प्रशासन के द्वारा सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है कि बाढ़ पीड़ितों को सहायता मिल जायेगी. लेकिन अभी तक बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि नहीं मिली. अगर जल्द ही बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि नहीं मिली तो हम अनशन करेंगे और चुनाव में वोट का बहिष्कार करेंगे.
वोट बहिस्कार की चेतावनी
मझौलिया प्रखंड के हरपुर गढ़वा और परसा पंचायत के मुखिया का कहना है कि क्षेत्र में हर साल बाढ़ आती है. 2017 में प्रलयंकारी बाढ़ में मझौलिया प्रखंड के कई पंचायत में आयी हुई थी. 2017 में जब मझौलिया में बाढ़ आयी उस समय हमने जो लिस्ट दी गई था. उस लिस्ट में 30 से 40 प्रतिशत लोगों का नाम गायब था. इस बार फिर से बाढ़ आयी. लेकिन बाढ़ पीड़ितों को अब तक सहायता राशि नहीं मिली है. जिले के तरफ से सिर्फ आश्वासन मिल रहा है. जिस कारण हमें बाढ़ पीड़ितों का विरोध का सामना अपने क्षेत्र में करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि नहीं दी जाएगी. तो आने वाले विधानसभा चुनाव में हम वोट का बहिष्कार करेंगे और अनशन करेंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव का वक्त है इस वक्त सांसद और विधायक का बाढ़ पीड़ित घेराव कर रहे हैं. बहिष्कार कर रहे हैं. तो वह परेशान हो रहे हैं. ऐसे में कुछ महीनों बाद हमारे पंचायत में मुखिया का चुनाव होने वाला है. जिस कारण पंचायत में हमारा जीना मुहाल हो चुका है. लोग हमारे घर तक पहुंच रहे हैं और सहायता राशि की मांग कर रहे हैं. पंचायत में घूमना दुश्वार हो गया है. लगातार पंचायत में हमारा बहिष्कार हो रहा है.
कई पंचायत बाढ़ से प्रभावित
बता दें कि मझौलिया प्रखंड के कई पंचायत बाढ़ से प्रभावित है. ऐसे में बाढ़ पीड़ितों तक अब तक सहायता राशि नहीं मिली है. सहायता राशि नहीं मिलने से पंचायत के मुखिया को विरोध का सामना करना पड़ा है. लगातार बाढ़ पीड़ित मुखिया का घेराव कर रहे हैं और सहायता राशि मांग रहे हैं. ऐसे में विधानसभा चुनाव में जो भी विधायक या मुखिया वोट मांगने जा रहे हैं. उनके सामने बाढ़ पीड़ित सहायता राशि की मांग कर रहे हैं और नहीं देने पर वोट बहिष्कार की बात कर रहे हैं.