मोतिहारीः बिहार के पूर्वी चम्पारण जिले के खोड़ीपाकर तकिया गांव निवासी मुमताज अंसारी का शव पांच माह बाद सउदी अरब से उसके घर पहुंचा. सरकार और जिला प्रशासन की मदद से बीती रात युवक का शव उसके घर पहुंचा. शव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. सभी का रो-रोकर बुरा हाल था. घर पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई. बताया जा रहा कि मृतक 9 महीने पहले सउदी अरब काम करने गया था. जहां एक दुर्घटना में उसकी मौत हो गई, जिसके शव को जिला के श्रम अधीक्षक के प्रयास से सरकारी खर्च पर घर तक पहुंचाया गया.
18 जून को हादसे में गई थी जान: मिली जानकारी के अनुसार, हरसिद्धि के खोड़ीपाकर तकिया गांव का मुमताज अंसारी 9 माह पूर्व एक साथी के साथ सउदी अरब काम करने गया था. जहां वह मजदूरी कर रहा था. विगत 18 जून को एक दुर्घटना में उसकी मौत हो गई, जिसकी जानकारी सउदी दूतावास से भारत सरकार मिली. सरकार ने विगत सितंबर महीने में जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी. जिला प्रशासन के श्रम विभाग ने जानकारी मिलने के बाद अपनी सक्रियता दिखाई.
सरकारी खर्च पर विमान से लाया गया शव: वहीं, श्रम अधीक्षक सत्यप्रकाश मृतक के हरसिद्धि स्थित घर पहुंचे और परिजनों से मिले. जहां मृतक के पिता समीर अंसारी ने अपने पुत्र के शव को सउदी से लाने का अनुरोध किया. श्रम अधीक्षक के निरंतर प्रयास करते हुए सरकारी खर्च पर मृतक के शव को विमान से सऊदी अरब से पटना लाया गया. फिर पटना से हरसिद्धि पहुंचाया गया. साथ ही श्रम अधीक्षक सत्य प्रकाश ने बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना 2008 के अंतर्गत मिलने वाले अनुदान को भी उपब्ध कराया. सरकार से एक लाख रुपए का चेक मुावजा राशि के रूप में परिजनों को दी गई. इस मौके पर श्रम विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे.
"मेरे बच्चे का शव पांच महीने के बाद घर आया है. शव को घर लाने में श्रम विभाग ने काफी मदद की. बच्चे के शव की घर आने की कोई उम्मीद नहीं थी, क्योंकि हमारे पास उतने पैसे नहीं थे. हमलोग मजदूरी करने वाले लोग हैं. मुमताज के पांच छोटे बच्चे हैं. ऐसे में हमे अब यह समझ नहीं आ रहा कि अब उनकी देखभाल कौन करेगा." - समीर अंसारी, मृतक के पिता.
"हरसिद्धि थाना क्षेत्र निवासी मुमताज अंसारी की सउदी अरब में एक दुर्घटना में मौत हो गई. हमे इसकी जानकारी विगत सितंबर महीने में मिली. जब पता चला कि पांच महीने बाद भी अभी तक मृतक के शव को यहां नहीं लाया गया है तो हमने दिल्ली के बिहार भवन से सम्पर्क किया. जहां से पता चला कि मुमताज जिसके साथ सउदी गया था, उसने मुमताज के पासपोर्ट और अन्य कागजातों में समस्या उत्पन्न कर दी थी. लेकिन हमने कागजी प्रकिया को पूरी कर लगातार अधिकारियों से शव भेजने के लिए संपर्क किया. अंतत: बुधवार की रात मुमताज अंसारी के शव को उनके पैतृक गांव पहुंचा गया." - सत्य प्रकाश, श्रम अधीक्षक, पूर्वी चम्पारण.