बगहा: इंडो नेपाल सीमा से होकर गुजरने वाली गंडक नदी अपने उफान पर है. इसी गंडक नदी में जान जोखिम में डालकर नाबालिग बच्चे लकड़ी छान रहे हैं. बगहा के मंगलपुर औसानी पंचायत कार्यालय के पीछे से होकर गंडक नदी बहती है, जिसका पानी लोगों के घरों के पास पहुंच गया है. इसी बलखाती नदी के पानी में दर्जनों नाबालिग बच्चे थर्मोकॉल की मदद लकड़ी छान रहे हैं.
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गंडक नदी में मौत से खिलवाड़: लकड़ी छानने के दौरान कभी भी हादसा हो सकता है, लेकिन इसके बाद भी बच्चे स्टंट से बाज नहीं आ रहे हैं. इस काम में उनके अभिभावक भी मदद कर रहे हैं. क्योंकि उनके तरफ से कोई मनाही नहीं की जा रही है. मौके पर मौजूद लकड़ी छान रहे बच्चों और अभिभावकों ने बताया कि रात में अचानक नदी में पानी बढ़ गई. जिसमें कीमती लकड़ियां बह कर आ रही है. बच्चे पानी में जाकर लकड़ी छानकर ला रहे हैं.
देर रात छोड़ा गया 3.93 लाख क्यूसेक पानी: बता दें कि वाल्मीकीनगर गंडक बराज नियंत्रण कक्ष द्वारा देर रात गंडक नदी में इस वर्ष का सर्वाधिक 2 लाख 93 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. हालांकि फिलहाल गंडक नदी में 2 लाख 80 हजार पानी का डिस्चार्ज आंका गया है. जिसको लेकर गंडक बराज भी हाई अलर्ट पर है और अभियंताओं को 24 घंटे सतत् निगरानी का आदेश दिया गया है. आशंका जताई जा रही है कि गंडक नदी का बढ़ा हुआ जलस्तर निचले इलाकों में तबाही मचा सकता है.
कई इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी: गंडक नदी का जलस्तर जैसे ही 2 लाख 50 हजार के पार पहुंचा, एहतियातन तौर पर सभी सहायक नहरों में पानी का सप्लाई बंद कर दिया गया है. पुनः 2 लाख 50 हजार क्यूसेक से कम पानी होने पर इन नहरों में पानी सप्लाई किया जाएगा. ऐसे में एक तरफ जहां प्रशासन ने जलस्तर की भयावहता देखते हुए नदी में नाव के संचालन पर रोक लगा दी है. वहीं दूसरी तरफ लकड़ी छानने के लिए नाबालिगों की टोली खुद मौत को दावत दे रही है. जिसपर रोक लगाने की जरूरत है नहीं तो किसी भी बड़े खतरे की आशंका से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है.