बगहा: बिहार के बगहा में अवैध नर्सिंग होम में छापेमारी (Illegal Nursing Home in Bagaha) की गई है. मामला रामनगर में अवैध तरीके से चल रहे फर्जी नर्सिंग होम और अवैध क्लीनिक पर जिला प्रशासन के निर्देशानुसार एक विशेष टीम गठित कर छापेमारी का है. जिसमें ओम साईं क्लीनिक (Om Sai Clinic in Bagaha) में 11 ऑपरेशन किए हुए मरीज भेड़-बकरियों की तरह रखे गए थे. छापेमारी की सूचना पर अस्पताल संचालक और फर्जी डॉक्टर क्लीनिक छोड़ कर फरार हो गए.
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जिलें और फर्जी नर्सिंग होम: जिले में सैकड़ो नर्सिंग होम अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं. इसकी सूचना पर जिला प्रशासन ने टीम गठित कर रामनगर में छापेमारी अभियान चलाया. इसके तहत अवैध नर्सिंग होम और अल्ट्रासाउंड संस्थानों में छापेमारी से हड़कंप मच गई. टीम ने अस्पताल में जब जांच की तो उसके होश उड़ गए. दरअसल दर्जनों मरीजों को बिस्तर पर लिटाया गया था. छापेमारी की सूचना पर अस्पताल के डॉक्टर फरार हो गए. लिहाजा चिकित्सा प्रभारी चंद्रभूषण और अंचलाधिकारी विनोद कुमार मिश्रा के साथ थानाध्यक्ष अनंतराम की मौजूदगी में नर्सिंग होम को सील किया गया. वहीं ऑपरेशन किए गए मरीजों का रेस्क्यू कर उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
लगातार हो रही है छापेमारी: रामनगर PHC के चिकित्सा प्रभारी चंद्रभूषण ने बताया कि रामनगर में अवैध रूप से चल रहे कई नर्सिंग होम और अल्ट्रासाउंड केंद्र पर छापेमारी की जा रही है. इस नर्सिंग होम में 11 ऑपरेशन किए गए मरीज पाए गए हैं. जिन्हें सदर अस्पताल बेतिया शिफ्ट करा कर नर्सिंग होम को सील किया गया है. अब उचित कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने यह भी बताया कि अभी कई ऐसे फर्जी अस्पताल बाकी हैं, जिनकी जांच कर फर्जी पाए जाने पर सील कर उनके विरुद्ध भी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
"रामनगर में अवैध रूप से चल रहे कई नर्सिंग होम और अल्ट्रासाउंड केंद्र पर छापेमारी की जा रही है. इस नर्सिंग होम में 11 ऑपरेशन किए गए मरीज पाए गए हैं. जिन्हें सदर अस्पताल बेतिया शिफ्ट करा कर नर्सिंग होम को सील किया गया है. अब उचित कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है."-डॉ चंद्रभूषण, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, रामनगर PHC
मरीजों के जान से खिलवाड़: बता दें कि रामनगर, भैरोगंज और बगहा में दर्जनों ऐसे फर्जी नर्सिंग होम और अवैध क्लीनिक में नीम हकीम मरीजों के जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. यही वजह है कि यहां PHC की भूमिका भी संदेह के घेरे में है. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अब इस मामले में संजीदगी से ताबड़तोड़ छापेमारी और जांच कर कार्रवाई में जुटी है. इससे झोलाछाप चिकित्सकों में हड़कंप मचा हुआ है.
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